अल्पसंख्यक विभाग के कार्यक्रम में समुदाय को भी किया दरकिनार
स्थानीय मंत्री को भी रखा जा रहा आयोजन से बाहर
भोपाल। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय दिल्ली का भोपाल की जमीन पर एक आयोजन शुक्रवार से शुरू होगा। अल्पसंख्यक समुदाय के शिल्पियों और हुनरमंदों को मौका दिए जाने की नीयत से इस दस दिवसीय कार्यक्रम को आकार दिया गया है। प्रदेश के हुनरमंदों को अपनी धरती पर बेहतर प्रतिसाद दिलाने की मंशा भी विभाग की है। लेकिन मामला शुरूआत से ही उल्टा पड़ता दिखाई देने लगा है। कार्यक्रम में शामिल किए जाने वाले शिल्पियों की सूची को अंतिम रूप दिया जा चुका है, जिसमें न प्रदेश के हुनरमंद शामिल किए गए हैं और न ही विभाग ने अपने नाम के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय को ही मौका देने की कोशिश की है। सीधे केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा संभाले जा रहे सूत्रों के बीच प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को भी कार्यक्रम से दूर ही रखा गया है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 27वें हुनर हाट का आयोजन 12 मार्च से किया जा रहा है। 10 दिवसीय इस आयोजन को वोकल फॉर लोकल के नारे के साथ रेखांकित किया गया है। करीब 31 प्रदेशों की भागीदारी इस हाट में रखी जाएगी। जिसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, केरल, वेस्ट बंगाल, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, मणिपुर, आसाम, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, बिहार, मेघालय, सिक्किम, नागालेंड, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों के शिल्पियों को शामिल किया जा रहा है। इस बीच भोपाल की जमीन पर लगने वाले इस हाट के दौरान प्रदेश के शिल्पियों और हुनरमंदों को ही कम ही मौका मिल पाया है। बताया जा रहा है कि पूरी तरह से केन्द्रीय कार्यालय द्वारा संभाली गई कमान के चलते प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को किसी भी तरह के दखल से बेदखल रखा गया है। नतीजा यह है कि प्रदेश की प्रतिभाएं, यहां के शिल्प जानकार और मास्टर आर्टिस्ट अपने हुनर को लेकर अपने ही शहर और प्रदेश में अनजान बने दिखाई दे रहे हैं।
मंत्री बेदखल, सीएम सिर्फ फीता काटने के लिए
जानकारी के मुताबिक 10 दिवसीय इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को महज कार्यक्रम का आगाज करने के लिए बुलाया गया है। केन्द्रीय मंत्रालय के इस आयोजन में सीएम को महज इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश से मिलने वाली सुविधाओं के लिए जोड़ा जाना बताया जा रहा है। जबकि अल्पसंख्यक विभाग के प्रादेशिक कार्यालय और इसके स्थानीय मंत्री रामखेलावन पटेल को कार्यक्रम से दूर ही रखा गया है।
अल्पसंख्यकों के विभाग का फायदा किसी और को
अल्पसंख्यकों के कल्याण और उन्हें फायदा एवं सहूलियतें मुहैया कराने के लिए काम करने वाले विभाग से होने वाला फायदा अन्य समुदाय को मिल रहा है। जबकि अन्य समुदायों और वर्गों के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमों तथा योजनाओं से अक्सर अल्पसंख्यकों को दूर रखा जाता है।
प्रदेश का शिल्प कहां दिखाएं
हुनर हाट में स्थानीय शिल्पियों की अनदेखी और उनको आयोजन से दूर रखने को लेकर स्थानीय कलाकार नाराज दिखाई दे रहे हैं। अपने फन और हुनर के लिए प्रादेशिक से लेकर राष्ट्रस्तरीय सम्मान का तमगा थामे हुनरमंदों का कहना है कि वे अपने शिल्प का प्रदर्शन अपने ही प्रदेश में ही नहीं कर सकते तो कहां जाकर इसको दिखाएंगे। उनका कहना है कि दूसरे राज्यों के शिल्पियों को यहां जगह देकर स्थानीय कला को स्थान न दिया जाना पूरी तरह से कलाकारों के साथ अन्याय है।
खान अशु