इन्हें पार्टी से निकाले जाने की जानकारी देते हुए बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि ये दोनों पिता-पुत्र पार्टी की छवि को खराब करने का काम रहे थे. सिद्दीकी ने पश्चिमी यूपी में बेनामी संपत्ति बनाई और अवैध बूचड़खाने भी चला रहे थे. सतीश चंद्र मिश्र ने ये भी कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी पार्टी के नाम पर वसूली करते थे. इन्हीं सभी कारणों से इन्हें पार्टी के सभी पदों से बर्खास्त करने के साथ-साथ पार्टी से निकालने का फैसला किया गया है.
गौरतलब है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बसपा अपने अल्पसंख्यक चेहरे के तौर पर पेश करती रही है. इनके बेटे अफजल सिद्दीकी की देखरेख में ही यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बीएसपी का सोशल मीडिया अभियान चला था. लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के लचर प्रदर्शन को देखते हुए बसपा संगठन में बड़े बदलाव की तरफ आगे बढ़ रही है. इस निष्कासन को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है. कुछ दिन पहले ही मायावती ने अपने भाई आनंद को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया है.