नरेंद्र मोदी की राजनीतिका सफर !अन्ग्रेजी के सफर का मतलब जिन्हे मालुम है बिल्कुल उसी सफर की 8 अक्तूबर 2001 से गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी रजनितिके जमिन बनानेके लिए क्या क्या नहीं किया? लेकिन कीस कीमत पर ?
जींदगी का आधासेभी ज्यादा समय संघ के प्रचारक के रूप में गुजारने के बाद सन्घके आदेशानुसार बीजेपी के काम के लिये भेजा गया कार्यकर्ता कभी-कभी प्रवक्ता के रूप में टी वी चैनलों पर देखा था गुजरातमे 2001 के 8 अक्तूबर को केसुभाई पटेल के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में अंदरूनी कलह की वजह क्रिकेट में जैसे श्यामको खेल समाप्त होने के पहले अगर कोई नया बैट्समैन को भेजा जाता है उसे नाइट वॉचमन कहते हैं वैसाही नरेन्द्र मोदी को गुजरात में मुख्यमंत्री के बतौर भेजा गया था जिस समय तक वह विधान सभा चुनाव तो दूर ग्राम पंचायत के लिए भी चुनाव लड़े नही थे !
इसकारण छ महीने के भीतर विधान सभा चुनाव लड़कर सभागृह का सदस्य होना जरूरी होता हैं! तो एलिस्ब्रिज अहमदाबाद की एक विधान सभा क्षेत्र पडता है जहासे हरेन पण्ड्या नामके विधायक रेकॉर्ड मार्जिन से चुनकर आये हुए थे तो नरेंद्र मोदी ने उनको सिट खाली करने के लिए कहा तो हरेन पण्ड्या ने मना कर दिया ! मतलब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री तो बन गये पर पुरे गुजरात में उनके लिए एक भी विधान सभा का क्षेत्र नहीं था ! कयोंकि उनकी उस समय गुजरातमे राजनैतिक हैसियत नहीं के बराबर थी ! वे जिस जाति से है उसकीसंख्या पूरे गुजरातमे 2% भी नहीं है !
27 फरवरी 2002 को गोधरा कांड के बाद हुए दंगा उनका राजनीतक करिअर बनाने में बहुत अहमियत रखता है 56 इंच छाती का जुमला उसीकी देन है ! और फिर उह्मोने तीन बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी हिन्दू र्हुदय सम्राट वाली प्रतिमा स्थापित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी इसके अलावा उह्ने मरने-मारने के नाम पर कुछ एन्कौन्टर जिसमे ईशरत जहा वाला मामला और भी बहुत कुछ है जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की जगह पक्के तौर तरीकों से बनायी
उसीके साथ साथ कुछ ऊद्दोगपति जिह्ने नरेंद्र मोदी की सरकार ने सभि नियम कानून को ताक पर रखकर खुली छूट दी पहले से ही मौजूद अंबानी,टाटा और,गौतम अदानी नामका व्यापारी को तो पूरे गुजरातमे खुलकर सहूलियत देकर ऊर्जा,पोर्ट और भी अन्य उद्योग-धंधों में फलने फूलने में मददगार साबित हुए सभी नियम कानून की अवहेलना करके ! उदहारण के लिए कांडला पोर्ट भारत का पहला पोर्ट है जो कीसी प्रायवेट सेक्टर को सौपा गया है जो आने वाले समय में विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठान औने पौने दामौमे बेचने के अभि दर्जनो उदहारण है !
मुद्दा अदानी समुह को कांडला पोर्ट सौपना और उसने अपने हाथ में लेतेही पर्यावरण के नियमोका उल्लंघन किया है मैनग्रोह के नष्ट करने जो की विश्व धरोहर मानी जाती है! और ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कुछ करोड रुपये का जुर्माना भी लगाया था ! लेकिन हमारे देश के पर्यावरण संरक्षण के लिए बनाया पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी सह्माल ने वाले मंत्री महोदय ग्रीन ट्रिब्यूनल की क्या आवश्यकता है ? जैसे जाहिलियत की हदे पार करने वाले बयानबाजी करने लगे !
आज अदानी देशकी आधी बिजली का उत्पादन कर रहा है और 2014 के चुनाव में 400 से अधिक चुनावि रालीयोमे पूरे देश में घुमने के लिए नरेंद्र मोदी जी को अपना प्रायवेट जेट विमान उप्लब्ध कराया था ! अन्य ऊद्दोगपतियोने धन! 200 से ज्यादा प्रायवेट टी वी चानेल चुनावको मद्देनजर रखते हुए पहले से ही अंबानी समुह ने उप्लब्ध कर दिये थे और वे नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री वाली इमेज बनानेमे रातदिन जूट गये !
उसमे आन्ना हजारे का तथाकथित जन लोकपाल आंदोलन अरविंद खेजरिवाल,किरण बेदी और अन्य अपने आप को राजनितिके भाष्यकार बोलने वाले लोगों ने बड़ा योगदान देकर शूरू किया गया आन्दोलन का बहुतही नरेंद्र मोदी के सत्ता पर पायदान के लिए काम किया है ! और नरेंद्र मोदी का सबका साथ सबका विकास! वाला जुमला और सिर्फ एक बार हमारी सरकार ! वाले लोकलुभावने नारोसे लोगों को आकर्षित करने में मदद मिली और 280 के ऊपर लोकसभा की संख्या तक पहुंच गए ! उसमे मुजफ्फरनगर का दंन्गेकी भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही उत्तर प्रदेश में 70 से ज्यादा संख्या में लोकसभा की सीटे मिलनेमे इस दंगेने बहुत योगदान दिया है जैसा की 2002 के दंगेने गुजरातमे नरेंद मोदी जी को तिन बार मुख्यमंत्री पद देनेका काम किया है और वही भुमिका मुझफ्फर नगर और अन्ना हजारे के आंदोलन ने की है !
इतिहास में पहली बार बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिये और केंद्र में सरकार बनाने के लिए अमेरिका की तरह एक व्यक्ति केंद्रित प्रचार किया गया था! और इसिलिए उसको बी जे पी की सरकार से ज्यादा मोदी सरकार बोला जाता हैं ! और उह्निके केंद्र में निर्णय लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी जिसके परिणामस्वरूप योजना आयोग को खत्म करने की तो सिर्फ शुरुआत थी जिसका किसिनेभी विरोध किया हुआ मुझे याद नहीं आ रहा है ! फिर क्या था? नरेंद्र मोदी को जैसे अगले सभी निर्णय लेने के लिए लायसंस ही मिल गया! जिसकी शुरुआत उन्होने नोटबंदीसे की !
लगभग सभी बड़े बैंको में जमा राशि कूछ चंद धन्नाशेटोके हवाले कर दिया और अब 85 वर्ष की उम्र वाली भारतीय रिजर्व बैंक के रिजर्व मुद्रा को हाथ लगाया जो बैंक के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि 28000 करोड़ से भी अधिक जमा पूंजी को लेकर सबसे पहले रघुरामन बादमे उर्जित पटेल नामके दो गवर्नर को इस्तीफे देनेके लिये मजबूर किया गया था
और सी बी आई,सर्वोच्च न्यायालय,और जीतने भी महत्त्व पूर्ण संस्थाओ को शुद्ध सस्ती लोकप्रियता के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया जिसमे इस्रो,सी एस आई आर,आई सी एस आर,यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन,और हमारी रक्षा सेनाके सभी अंग सस्ती लोकप्रियता के लिए इस्तेमाल करने की शुरुआत की है !
पुलवामा के बाद की सच्चाई सुषमा स्वराज ने खुद कह दिया है कि कोई भी पकिस्तान के सैनिक या नागरिक बालकोट ऑपरेशनमें मरा नहीं है लेकिन नरेंद्र मोदी पूरे देश में चुनाव के सभाओं में बढा चढ़कर बोल रहे है कि मेरी सेनाने ! पाकिस्तान के इतने लोग मारे ! और इतने विमान गिराये ! तथकथित सर्जिकल स्ट्राइकके नामपर !
अब काला धन लाने के लिए किये गये नोटबंदीनोटबंदीसे एक रुपये का भी काला धन वापस नहीं आया उल्टा उसके असर में छोटे ऊद्दोग से अबतक 50 लाख लोगों को रोजगार से वंचित होना पड़ा है ! 2014 के चुनाव प्रचार में हर साल दो करोड़ लोगो को रोजगार देने का एलान किया था ! लेकिन पुरे 6 साल में भी इतने रोजगार देने के बजाय 45 % बेरोजगारी होगई ! कृषि क्षेत्र लगभग खत्म होने के कगार पर पहुँच गया किसानों की आत्महत्या रुकने बजाय हर रोज देशके किसी भी हिस्से में आत्म हत्या की खबर आना जारी है और यह सब कम लग रहा था तो सम्पूर्ण भारत की कृषी को तथाकथित नए उदारवादी आर्थिक सुधारों के हवाले करने हेतु अभिके संसद के सत्र में राज्य सभा में अपना बहुमत नहीं है देखकर तथाकथित आवाजी मतदान पर जो निर्णय लिया गया है ! जो भारत की बची खुची कृषीको खत्म करने वाला कानून वह भी भारत के संसदिय ईतिहास का सबसे बड़ा संसदिय लोकतंत्र का गला घोटने का उदहारण के रूप में दर्ज हो गया है ! और भारत की बची खुची कृषी के क्षेत्र को धन्ना शेटो की सुविधा के लिए कानून बदलकर दे रहे हैं!
भुक,भय,भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने की जगह भय,भ्रष्टाचार और भुकमरी बदस्तूर जारी है ! देश की एक चौथाई आबादी को असुरक्षा की भावना से ग्रसित करके देश के समाज स्वास्थ के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ! आये दिन अल्प संख्यक समुदाय के लोगों को बार-बार बदनाम करने के लिए फिर वह दलित अत्याचार की घटना हो या कोरोना फैलाने वाले ऊल-जलूल आरोप करके क्या सिद्द करना चाहते हैं ? अभि कल दो केरल के पत्रकार वह भी मुसलमान तो फिर घोषित कर दिया की यह आतंकवादी है और दुनिया के एक नम्बर की मुस्लीम आबादी वाले मलेशिया का नाम ले रहे हैं !
लगभग सभी क्षेत्रों में अफ़रातफरिका माहौल बना तो पुलवामा के पुलसे पूरे चुनाव प्रचार देश भक्ति,और पाकिस्तान की आडमे पूरा चुनाव लड़ने की कोशिश की है ! और वह कम लगा तो कश्मीर का 370 आर्टिकल को खत्म करके राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर के लेह-लद्दाख को अलग कर के क्या हासिल होगा ? सिर्फ 80 प्रतिशत आबादी मुस्लमान है इसलिये देश के अन्य हिस्सों में तालिया बटोरने के लिए देश की एकता और अखंडता को दाव पर लगा कर ?
पकिस्तान के आतंकी अझहर मसूद की आलोचना करते करते भारतीय मार्केके अझहर मसूद जैसे आतंकवाद करने वाली को लोक सभा का सद्स्य बनाया गया है ! जो हेमंत करकरे की शहादत पर खुलकर अपनी जहरीले बयान बाजी करके हेमंत करकरे की शहादत को लेकर उनके आतंकवाद विरोधी काम की धज्जियां उड़ाई जा रही है और महात्मा गाँधी जी के हत्यारेका महिमा मंडन कर रही है और उसके ऊपर कोई करवाई नहीं किया और नाही कभी करेंगे! इससे वर्तमान सरकार आतंकवाद को लेकर कितनी गंभीर है यही पता चलता है ! प्रज्ञा सिंह ठाकुर,साक्षी महाराजाओंको संसद और विधान सभाओं में लाकर क्या सिद्द कर रहे है !
प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के पहले राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति के सामने मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी आजसे भारत का प्रधान-मंत्री पद ग्रहण करते हुए यह शपथ लेता हूं कि मैं भारतीय सविंधान के तहत किसी भी तरह का धर्म,जाति,भाषा,प्रान्त,लिन्ग भेद भाव नहीं करते हुए सिर्फ और सिर्फ भारतीय सविंधान की सम्प्रभुता की रक्षा करने की शपथ लेने के बाद क्या सच मुच वर्तमान प्रधान-मंत्री उसका पालन कर रहे हैं ?
चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने जो भी भाषण दिये हैं और अभी दे रहे है सभि को देखकर लगता है की वो भूल गये हैं कि भारत जैसे बहु धार्मिक,बहू भाषिक,और विभिन्नता वाले देश में वह सिर्फ हिन्दुओ को एकजुट होकर एक-दूसरे से लड़ने के लिए उकसाने का काम कर रहे हैं ! सर्वोच्च न्ययालय का सिर्फ आसाम के 41 सालों पुराने आंदोलन के कारण नागरिकताको लेकर दाखिल 15 सालों पुराने केस पर असामसे आये हुए मुख्य न्यायाधीश महोदय की अध्यक्षता वाली बेंच का निर्णय! पूरे देश के लिए थोपने की रजनितिके निर्णय जिसे तथाकथित एन आर सी का नाम देकर खुलेआम बाटो और राज करो की नीति अपनाकर जोर जबरदस्ती से थोपने का काम वर्तमान सरकार! क्या यही नरेंद्र मोदी जी की रजनितिक उपलब्धिया है ?
तथा हमारे देश की सांझी विरासत का जगह जगह अपमान कर रहे हैं और सबसे हैरान करने वाली बात हमारी सेना को चुनाव प्रचार में इस्तेमाल कर रहे हैं यह भारत की सेना को पकिस्तान की तर्जपर ले जाने वाली बात है इसलिए ज्यादा खतरनाक है !
वो दिन प्रतिदिन अपना आत्म विश्वास खो रहे हैं !और इस कारण और विवादास्पद बयान बाजी कर रहे है हमारे चुनाव आयोग को क्या हो गया है ? सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपनी राय दी है कि यह चुनाव आयोग कुछ भी नहीं कर रहा है टूथ लेस शब्द का प्रयोग किया है !
हालाँकि आज की 6 सालों के दौरान हमारे देश के सभी संविधानीक संस्थाओ की हालत जिसमे न्याय व्यवस्था से लेकर कार्यपालिका के विभिन्न अंगो को लकवा मार गया है ! जिसमे सी बी आई ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस के केसमे लखनऊ स्पेशल सी बी आई कोर्ट में जिस तरह से शुरू से ही जान बुझकर सभी सबूतोको कमजोर करने से लेकर कई महत्वपूर्ण सबुतोकी अनदेखी की है ! वह सी बी आई की बची खुची विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए पर्याप्त है !
वही बात2019के नवम्बर माह के अंतमे तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश महोदय की अध्यक्षता वाली बेंच का राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू करनेका निर्णय और उसके एवज में एक महीनके भीतर राष्ट्रपति महोदय द्वारा राज्य सभा में मनोनीत होनेवाले निर्णय भी नरेंद्र मोदी जी के 20 सालों के सत्ता के उपलब्धियोमे ही गिनाये जा सकते हैं !
2020 साल के शुरुआत से ही कोरोना और उससे निपटने के लिए मार्च के अंतिम सप्ताह में नोटबंदी जैसा लॉकडाऊन की घोषणा ! लगता है कि मोदी जी को इस तरह के निर्णयों के बाद होनेवाले परिणामो से एक विकृत आनंद मिलता है!क्योंकि नोटबंदी के बाद सम्पूर्ण भारत में जो अफ़रातफ़रि मची कई लोग सिर्फ नवंबर दिसंबर की थंड से लाईनो मे रात रात भर खडे रहने के कारण मर गये!
लाखोकी संख्यामे छोटे उद्योग खत्म करने की विधि के तौरपर नोट बंदी ईतिहास में याद रखा जाएगा ! और उस कारण करोडो लोगों को बेकारिका सामना करना पड़ा है सो अलग ! अब इस विषय पर इतने सारे अर्थतज्ञोने बोला है लीखा है पर नरेंद्र मोदी जी के कानोपर जू भी नहीं रेंगी यह बात उनके 20 सालों के राजनितिके उपलब्धिया में किसीको गिनना हो तो जरुर गिना सकता है लेकिन मै तो बोलकर रहूँगा यह भारत की आजादी के बाद सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था की कमर तोडने का फैसला किया है ! जिसके लिए एक मात्र अगर कोई जिम्मेदार है तो वह सिर्फ नरेंद्र मोदी जी !
इतना भयंकर अनुभव से कुछ भी नहीं सीखे और मार्च के 22 तारीख को नोटबंदी की तर्जपर लॉक डाऊन की घोषणा कर दी और संपुर्ण देश में जो अफ़रातफ़रि मची वह नोटबंदी की रही सही कसर भी पूरी करने के लिए काम आया जिस तरह से करोडो की संख्यामे मजदूरों का पलायन हुआ वह भी भारत के मजदूरों के ईतिहास का सबसे भयावह काल के रूप में याद किया जायेगा ! एप्रिल मई की 45 डिग्री सेल्सियस के गर्मिमे हजारो किलोमीटर की दूरी पैदल अपना सामान सरपर उठाकर और नंगे पांव लहुलुहाँ होकर अपने गांव के तरफ चले जाने वाली तस्वीरों को भी नरेंद्र मोदी जी के सत्ता के 20 सालों की उपलब्धियो मे किसी को गिनना हो तो जरुर गिणां सकता है जिसे दुनियाके सबसे बड़ा अपराध में गिना जायेगा !
और इस तरह अर्थव्यवस्था जो चौपट हो गई है हमारे जी डी पी तथा तथाकथित हेपिनेस इंडेक्स का क्या कहना ! अबतक एक लाख से भी अधिक संख्या में जो लोग इस महामारी के शिकार हो गये हैं सो अलग लेकिन महामहिम नरेंद्र मोदी जी को इस बात का कितना गम है? पता नहीं क्योकिं वह कोरोना की आडमे देश के महत्वपूर्ण सार्वजनिक उद्योगों को बेचना जिसमे रेल,एयरपोर्ट और विमान सेवा,रक्षा सामान के उद्योग और खनिक उद्यम,शिक्षा,कृषी,आरोग्य जैसे महत्वपूर्ण विभागो में प्रायवेट सेक्टर को सौंप दिया गया है ! क्या यही 20 सालों के सत्ता में गिणां जायेगा ?
अंतिम बात जिस गोधरा कांड के बाद नरेंद्र मोदी जी को मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीनो के भीतर जो कुछ मार्च 2002 के पहले दिन से ही हुआ है वह अब ओपन सीक्रेट के रूप में क्राईम अगेन्स्ट हूम्यानिटी और राना आयुब,आर बी श्रीकुमार ,सिद्दार्थ वर्धराजन,मनोज मित्ता,और दर्जनो रिपोर्ट के अनुसार नरेंद्र मोदी जी को मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने के पहले राज्यपाल महोदय के सामने शपथ ग्रहण समारोह में मै नरेंद्र दामोदर दास मोदी आजसे गुजरात के मुख्यमंत्री बनते हुए यह शपथ लेता हूँ कि मैं गुजरात रहने वाले हर नागरिक कि बगैर किसी भेदभाव से सुरक्षा और सम्मान पूर्वक जीने के लिए काम करूँगा !
27 फरवरी की सुबह गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस 6 कोच में आग लगने के बाद 59 अधजले शवोकी पोस्टमार्टम रोककर कलेक्टर के मना करने के बावजूद शवोको विश्व हिंदू परिषद के लोगों को देने वाले कौन थे ? और ऊन शवोको खुले ट्रको पर अहमदाबाद शहर के सड्कोपर जुलूस की शक्ल देने के लिए कौन-सी लॉ एंड आर्डर की रक्षा होना था ? क्या यह भी 20 साल के उप्लब्धी में गिणा जायेगा ?
उसी दिन रातमे केबिनेट बैठक में कलसे लोगों को कोई नहीं रोकेगा कहने वाले मुख्यमंत्री पद पर के व्यक्ति कौन थे ? और 28 फरवरी की शाम को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर भारत की सेना के 3000 जवानोको लेकर भेजे गए लेफ्टिनेंट जनरल जमीरऊद्दीन शाह ने अपने सरकारी मुसलमाँ नामकी किताब मे जो विवरण दिया है कि हम उतरकर काफी समय हो गया था और अहमदाबाद पुलिस कमिशनर से लेकर गृह मंत्रालय के और मुख्य मंत्री कार्यालय से कोई भी मेरे फोनको जवाब नहीं दिया तो मै अपने साथ लाई जिप्सी पर लोकल गाईड लेकर रातके दो बजे सीधा गाँधीनगर स्तिथ मुख्यमंत्री आवास पर पहुचा तो देखा नरेंद्र मोदी और जॉर्ज फर्नांडीज जो उस समय देश के रक्षा मंत्री थे खाना खा रहे थे ! तो जॉर्ज फर्नांडीज उठकर मेरे से हाथ मिलाया और बोले कि जनरल साहब बहुत सही समय पर आप आ गये हो अब गुजरात दंगों को रोकने के लिए लग जाईये ! तो मैंने कहा कि मैं अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरनेके पहले अपने विमान से देखा हूँ कि लगभग पुरा गुजरात जल रहा है और मै उतरनेके बाद श्याम से लेकर अभि यहा आने के पहले सभी पदाधिकारियों को फोन करके थक गया था और मजबुरी में अभि यहा तक आया हूँ ! मुख्यमंत्रीजिको बोलिए हमे लोजेस्टीक प्रोव्हाईड करे और जॉर्ज फर्नांडीज ने मेरे सामने नरेंद्र मोदी जी को कहा कि आप इनको हर तरह की मदद दिजिये !
लेकिन तिन दिन तक 3000 की संख्या में भारत सरकार की तरफ से भेजी गई सेना को अहमदाबाद एयरपोर्ट के बाहर नहीं निकलने दिया गया है ! यह यू ट्यूब पर लेफ्टिनेंट जनरल जमीरऊद्दीन शाह के वीडियो रेकार्ड को भी देख सकते हैं ! जिस सेना को लेकर उठ छुट नरेंद्र मोदी जी विपक्ष पर सेना के अपमान का आरोप लगाया करते है क्या उन्हे याद आ रहा है कि 2002 साल मे मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए आपने भारतीय सेना जो अपनी जान जोखिम में डालकर गुजरात दंगों को रोकने के लिए आई थी और मुख्यमंत्री ने उनका कितना सम्मान किया है ? और उन्होने मुख्यमंत्री पद पर आनेके पहले ली हुई शपथ का क्या हुआ था ?
और अब तो पूरे देश के मुख्य पदपर पहुच गए हैं और दिल्ली दंगों से लेकर निजामुद्दीन के तब्लिगी जमात के मुख्यालय में लाॅकडाऊन के पहले से जमा लोगों को बार-बार निकाले जाने की विनती को दिल्ली पुलिस के अफसरों ने अनदेखा कर रहे थे वह किसके इशरोपर? और उन्हे कोरोना फैलाने वाले बोलकर मिडिया की मदद से और दिल्ली पुलिस के अफसरों ने अपने आप को इस्तमाल करने के लिए औरंगाबाद हाईकोर्ट ने किसे दोषी ठहराया है ? और उसके बावजूद अभि ताजा खबर है कि हाथरस की घटना को लेकर आदित्यनाथ फिरसे विदेशी षड्यंत्र बोलकर मुसलमानो के माथे पर डालने का काम कर रहे हैं ! जो आप गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए कई बार कहते रहे हैं और अब आदित्यनाथ दोहरा रहे हैं !
क्या बात है प्रधान-मंत्री पदपर पाहूचनेकी यह कुन्जी है क्या ? श्रीमती इंदिरा गाँधी जी को भी जयप्रकाश नारायण जी के आंदोलन के बारे में भी यही जुमला इस्तेमाल करते हुए देखा है ! की विदेशी षड्यंत्र! और आपने तो गुजरात दंगों से लेकर गोधरा कांड के से लेकर आपकी हत्या करने के लिए भेजे गए लोगों को बार-बार पकिस्तान का नाम लेते हुए देखा है और वही बात अब आदीत्य नाथ की कार्य प्रणाली को लेकर फिर वही जुमला इस्तेमाल करते हुए दिख रहें हैं ! अब पकिस्तान की जगह मलेशिया का नाम ले रहे हैं ! जो की दुनिया का सबसे ज्यादा मुस्लीम आबादी वाला देश है
देखिए आप लोग दूसरोको उठते बैठते हुए देश द्रोही करार देने का काम कर रहे हो ! लेकिन आपका और अन्य आप के सिपहसलार के काम को देखकर लगता नहीं कि यह शब्द इस्तेमाल करने का थोडा सा भी नैतिक अधिकार आप लोगो को है! क्योंकि 1946-47 के दौरान कौनसा कारण विशेष रूप से बटवारे के लिए काम आया था ? द्विराष्ट्र का सिद्दांत ! जो 1936 मे बैरिस्टर विनायक दामोदर सावरकर जी ने पहलीबार कॉइन किया था और उन्हिके मुस्लीम कॉऊंटर पार्ट बैरिस्टर मौहम्मद अली जिन्ना साहब ने अपने रजनितिक महत्वकांक्षा के लिए इस्तेमाल किया !
अब उस बात को 73 साल से अधिक समय हो गया है और आज भी भारत में 30 करोड़ से भी अधिक संख्या में मुसलमान रह रहे हैं ! क्या आप भागलपुर,गुजरात जैसे दंगोमे इन्हे समाप्त कर सकते? दुनियाँ के ईतिहास मे इतनी बड़ी संख्या में लोग मारे गए ऐसा एक भी उदहारण नहीं है और यह मुसलमान आप लोगोको अच्छे लगे या ना लगे लेकिन ये कही भी नहीं जायेंगे तो फिर आपको इनके साथ जिनेका तरीका इजाद करना होगा और वह ड़र दिखाकर नही हो सकता है कोई भी समूह डर के माहौल में जी नहीं सकता है यह विभिन्न तरह के वंशजों को बार-बार खत्म करने के ईतिहास को देखते हुए यही सही है कि उनके साथ प्रेम,मुहब्बत और सम्मान पूर्वक जीने की कला इजाद कर के सहजता से रहना चाहिए तो सही मानेमे राष्ट्र की एकता और अखंडता कायम रह सकती हैं और आतंकवाद का भी उपाय इसिमे है !
विश्वभरके आतंकवाद को लेकर मै गत 30 साल से भी अधिक समय से लगातार अपनी बुध्दि और जीवन का महत्वपूर्ण समय खर्च करने के बाद यह सब लिख रहा हूँ!मैने इस बात के लिए पकिस्तान दो-दो बार,ईरान भी दो बार,इराक एक बार और दुनियाँ के वह देश जो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद और तथकथित शीत युद्ध दौरान लगातार युद्घ भुमिमे तब्दील कर दिये गये है ! उदहारण के लिए ताजा आबू बक्र बगदादि नामक इसीस एक वहाबी इस्लाम का आधार लेकर गत छ साल से भी अधिक समय से ईराक,सिरिया के कुछ हिस्सोपर कब्जा करके प्रोफेशनल युद्घ कर रहा है और वह भी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ! यह तकनीक और अस्र शस्र उसे कौन पहुचा रहा है और वह कब्जेमे किये हुए तेल के कुओं से रोज हजारो टेन्कर तेल निकाल कर कौन खरीद रहे हैं और उसीके एवज में युद्ध सामग्री उसे कौन दे रहे हैं ? और दूसरे महायुद्ध के बाद इस पूरे क्षेत्र को तेल के अकूत भंडार पर कब्जा के लिए बंदरबाट किसने की है ?
क्लश ऑफ सिविलयजेशन की थोरि कॉइन करके बदनाम करते हुए पोलिटिकल इस्लाम का इस्तेमाल करते हैं और लादेन से लेकर आबू बक्र बगदादि जैसे शैतान कौन पैदा कर रहे हैं और किसलिए ? पूरी दुनिया को सभ्यता का पाठ पढ़ाने वाले लोग आप सबसे ज्यादा असभ्य और क्रूर हो आपने इस पूरे प्रदेश को अलग अलग नाम देकर बाट दिया और आपसमे लडानेका पुरा इन्तजाम भी कर के उन्हे लडाई का साजो-सामान भी देते रहते हो और इस आपाधापी में तेल मामूली हिस्सा देकर निकाल कर उसपर आप सभी पस्चिमी देश मिल बाटकर खा रहे हो ! और जानबूझकर इस्राइल और पकिस्तान की निर्मीती कर के बाकायदा इस पूरे इलकोमे अशांति और ऊसी के परिणाम स्वरूप आतंकवाद की खेती खुब लहलहा रही है और उन आतंकियोको पनाह देने से लेकर ट्रेन करने का काम भी आप लोग ही कर रहे हैं और 9/11 जैसा हादसा हुआ तो तुरंत शांती के लिए युध्द के नाम पर पहले अफ्गनिस्थान और बादमे इराक और अब सिरिया को तहस-नहस करने पर तुले हुए हो ! यह सब देख कर ही मै लिख रहा हूँ और उसके ऊपर दर्जनो रिपोर्ट और किताबें और उस विषय पर दर्जनो बैठके ,सेमिनार और परिचर्चा में भाग लेने के बाद यह सब लीख रहा हूँ और आज भी मेरा संपंर्क है! सिरिया,लेबनान,तुर्कस्थान,इजिप्त,फिलिस्तीन की यात्राए की है और आतंकवादके ऊपर दर्जनों कितबोके पढनेके बाद मै इस नतीजेपर आया हूँ कि जियो और जीने दो के तहत ही इस समस्या का हल हो सकता है ! अन्यथा आतंकवाद कभी खत्म नहीं होगा !और हमेशा की तरह अशांति रहेगी!
हालांकि आपने प्रधान-मंत्री बननेके बाद के 15 अगस्त 2014 के लाल किले के प्रथम सम्बोधन में कहा था कि मै 135 करोड़ आबादी के टिम इंडिया की बात कर रहा हूँ ! तो जब आप टिम इंडिया जैसी उपमा का इस्तेमाल किया है तो उसमे देश का हर तरह का तबका शामिल हैं! और मैने आपके उस भाषण के तुरंत बाद ही आपकी टिम इंडिया की कल्पना का स्वागत किया है !
वह टिम बकरार रखना या मजबूत करने का काम करने के लिए इस तरह के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को बार-बार डराना या धमकानेसे क्या टिम इंडिया सही मानेमे बनेगी ?
मै उम्र के 12साल का बच्चा था तब से महाराष्ट्र में 4 जून 1941 के दिन शुरु किये गये राष्ट्र सेवा दल नामक संघटना का सैनिक हूँ और यह संघटन सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ की तर्ज पर खडा किया है लेकिन सिद्दांत एक दम उल्टा संघ हिंदू राष्ट्र की कल्पना पर आधारित अपने स्वयं सेवक तैयार करता है जिसके फलस्वरूप आप और आपके अन्य सहकारी लोग है !
लेकिन इस शाखा में हमिद दलवाई जैसे मुसलमान भी आते हैं और मृणाल गोरे,प्रमिला दंडवते,स्मिता पाटिल,मेधा पाटकर जैसी विदुषीया और एस एम जोशी,नाना साहब गोरे,मधु दंडवते,मधु लिमये जैसे राजनेता और भी जिवन के कई क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को तैयार करने का काम राष्ट्र सेवा दल के द्वारा किया जा रहा है!
जिसमे औरते और सभी जाती धर्मों के लोग आते है!और आज 80 सालों के दौरान भारत की आजादी के आंदोलन से लेकर जेपी आंदोलन तक राष्ट्र सेवा दल के लोग शामिल रहे हैं और आज सबसे बड़ी समस्या राष्ट्रिय एकता और अखंडता कायम रहे इस लिये संघ परिवार की हिन्दुत्व के प्रचार से लेकर मुस्लीम समाजके तथकथित कठमुल्लापन जिसके खिलाफ हमिद दलवाई जी की जिन्दगी दाव पर लगी थी और जिस कॉमन सिविल कोड पर आप तालिया बटोर रहे हो उस्केभी 1966 से हमिद भाई माँग करने वाले पहले थे ! और आपके सबसे लंबे समय तक संघ प्रमुख रहे हुये गोलवलकर गुरूजीने तुरंत उसका विरोध किया था और साफ शब्दों में कहा था कि मै मुसलमानों को हिन्दूओ के बराबर कोई भी अधिकार देने के खिलाफ हूँ !
उसकी वजह मेरे जैसे ही उम्र के 14 साल के थे तबसेही वह राष्ट्र सेवा दल के साथ जुड गये थे ! और भारत जैसे विभिन्नता वाले देश को सन्घके जैसे और उन्हिके काऊंटर पार्ट मुस्लीम,सिख,ख्रिच्चन या किसी भी धार्मिक आधरपर काम कर रहे संघ जैसे संघटनो के कारण भारत की एकता और अखंडता को खतरा पैदा हो रहा है! और इसीलिये हम लोग अपनी जी जान लगाकर अपना काम कर रहे हैं और हमारे बेहतरीन लोगों में से कुछ डॉ नरेंद्र दाभोलकर,गोविंद पानसरे,प्रो कल्बुर्गी और गौरी लंकेश की शहादत के बाद भी हम लोग अपनी जमिन पर खडे होकर अपना जाती धर्मनिरपेक्षता और समता लोकतंत्र के मूल्यो के अनुसार जो हमारे देश के संविधान के प्रस्तावना में भी है !
हालांकि आप सन्घके शाखा के प्रोडक्ट हो लेकिन अब भारत जैसे दुनियाके सभी धर्मों के लोग रहनेवाले देश के प्रधान-मंत्री पदपर पहूचनेकी वजह से मै आपको यह खुली चिट्ठी लिखी है ! और बार बार आपके सामने आपने की हुई गल्तिया गिनाई है ! क्योकिं इस देश को और सिर्फ भूगोल से नहीं उसके अंदर रहनेवाले सभी तरह के लोगों को प्रेम करते हैं इसलिये यह इतना लंबा खत लिखा है उम्मिद करता हूँ कि आप इसे अन्यथा नहीं लेंगे और सही मानेमे राष्ट्र की चिंता की बात अगर आप को सचमुच ही सताती होगी तो आपको मेरे पत्र से मदद ही मिलेगी
डॉ सुरेश खैरनार 8 अक्तूबर 2020नागपुर