भाजपा और शिवसेना के रिश्तों में मौजूद खटास को खत्म करने की पहल पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने की है. उन्होंने शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके आवास ‘मातोश्री’ जाकर मुलाकात की. लेकिन दोनों के बीच में क्या-क्या बातें हुई हैं, इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है.
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा और शिवसेना का 25 साल पुराना गठबंधन टूट गया था. इसके बाद शिवसेना ने अकेले चुनाव लड़ने की बात कही थी. अब मुरली मनोहर जोशी का उद्धव ठाकरे से मुलाकात करना अपने आप में कहीं ने कहीं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए सकारात्मक संकेत दे रहा है.
दोनों नेताओं की यह मुलाक़ात ऐसे समय में हुई है, जब 2019 का लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है. इसलिए सियासी हलकों में इस मुलाक़ात को लेकर चर्चा होने लगी है. कहीं न कहीं इसे गठबंधन से जुड़े मुद्दों से देखा जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि अब तक इसे लेकर न तो इन दोनों नेताओं और न ही इनकी पार्टी से जुड़े किसी नेता ने कुछ बताया है कि मुलाक़ात और बातचीत का मुद्दा क्या था.
गौर करने वाली बात यह है कि आगामी चुनावों में भाजपा के लिए शिवसेना का साथ बेहद जरूरी है. भाजपा किसी भी कीमत पर नहीं चाहेगी कि उसके गठबंधन सहयोगियों में से कोई भी उससे अलग राह अपनाए. इसलिए शिवसेना साथ बनाए रखने की हर संभव कोशिश भाजपा कर रही है. हालांकि भले शिवसेना अलग राह अख्तियार करने की बात करती रही हो, पर भाजपा के लिए हर मुश्किल घड़ी में शिवसेना ने कमोबेस साथ दिया है. यह बीते दिनों संसद में अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर हुई वोटिंग में भी दिखा.