अरसे से लंबित केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार संभवत: बुधवार शाम छह बजे होगा। नरेंद्र मोदी कैबिनेट विस्तार में नए चेहरों को जगह दिए जाने की अटकलों के बीच पार्टी आलाकमान के बुलावे पर मध्य प्रदेश से भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, महाराष्ट्र से नारायण राणे और असम से सर्बानंद सोनोवाल दिल्ली पहुंच गए। बताया जा रहा है कि आधा दर्जन कैबिनेट मंत्रियों की छुट्टी होगी, जबकि एक दर्जन मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया जाएगा। इसके अलावा आठ से 10 राज्य मंत्रियों को भी टीम मोदी से बाहर होना पड़ सकता है।
सरकार के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी कैबिनेट के लिए ज्यादातर दलित, आदिवासी, OBC वर्ग के और पिछड़े क्षेत्रों के जमीन से जुड़े नेताओं को चुना है। काफी संशोधन और सोच विचार के बाद नए मंत्रियों के नाम तय हुए हैं।
मोदी सरकार के लिए ये विस्तार अभी बेहद जरूरी है। संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है और नए मंत्रियों को अपने मंत्रालयों में घुलने-मिलने के लिए वक्त चाहिए होगा।
युवा प्रतिनिधित्व और यूपी समेत पांच राज्यों का चुनावी समीकरण साधेंगे मोदी
सूत्रों का कहना है कि विस्तार के जरिए पीएम मोदी की कोशिश पार्टी में नई पीढ़ी तैयार करने की भी है। इस रणनीति के तहत इस विस्तार में युवा चेहरों पर दाव लगाया जाएगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनावी समीकरण साधने के लिए सोशल इंजीनियरिंग का भी ध्यान रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल से ब्राह्मण, ओबीसी और दलित चेहरे को विस्तार में जगह मिलना तय है।
एक दर्जन नेताओं को भेजा गया बुलावा, संपर्क में शाह
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल के संभावित चेहरे के लिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यालय से फोन जा रहा है, जबकि सहयोगियों के साथ गृहमंत्री अमित शाह संपर्क में है। नड्डा के कार्यालय से असम के पूर्व सीएम सर्बानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुशील मोदी, नारायण राणे, शांतनु ठाकुर, निशिथ प्रमाणिक सहित एक दर्जन नेताओं को बुलावा भेजा गया है। जबकि शाह ने लोजपा के नए अध्यक्ष पशुपति पारस को दिल्ली बुलाया है। शाह ने मंगलवार को जदयू के अध्यक्ष आरसीपी सिंह, अन्नाद्रमुक और वाईएसआर कांग्रेस के साथ बातचीत की। वहीं, बुधवार को शाह अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल से बातचीत करेंगे।
पशुपति पारस, जो कि अब लोजपा के नए नेता हैं, वो जद-यू कोटा से मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। उनके अलावा ओडिशा से भाजपा सांसद और पूर्व IAS अश्विनी वैष्णव को भी मंत्री बनाया जा सकता है। कहा ये भी जा रहा है कि उन्हें वित्त राज्य मंत्री या ऐसा ही कोई अहम जिम्मा सौंपा जा सकता है। वे IIT ग्रैजुएट हैं। व्हार्टन से MBA हैं और उद्यमी भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे अटल बिहारी वाजपेयी के समय PMO में भी काम कर चुके हैं। वाजपेयी के करीबी भी थे।
कौन शामिल होगा, कौन नहीं, इसके लिए आरसीपी सिंह अधिकृत: नीतीश
केंद्रीय कैबिनेट में कौन शामिल होगा, कौन नहीं, इसके लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह अधिकृत हैं। वह सब तय कर रहे हैं। किस फार्मूले पर बात हो रही है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।-नीतीश कुमार, सीएम बिहार