अयोध्या: अयोध्या मामले में राम मंदिर विवाद को लेकर 8 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट में दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो रही है। कोर्ट में हर दिन विवादित जमीन को लेकर पक्षकारों के वकील मालिकाना हक को लेकर अपनी दलीलें रख रहे हैं। इस बीच मुगल बादशाह बाबर के वंशज प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी ने विवादित जमीन पर अपना दावा ठोंक दिया है।
इतना ही नहीं, अपना दावा ठोंकने के साथ ही हबीबुद्दीन कहते हैं कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए वे सरकार को जमीन दान देने के साथ मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए सोने की ईंट भी देंगे।
मुगल वंश के संस्थापक बाबर और अंतिम शासक बहादुर शाह जफर की छठी पीढ़ी के वंशज हबीबुद्दीन तुसी ने अपने सक्षात्कार में यह बात कही।
अयोध्या में विवादित जमीन पर उनका मलिकाना हक है इसलिए वे भारत सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए पूरी जमीन दान देना चाहते है। इतना ही नहीं, अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए वे भारत सरकार के सर्वोच्च प्रतिनिधि के तौर पर राष्ट्रपति को सोने की ईंट भी देंगे।
हबीबुद्दीन कहते हैं कि इस पूरे मामले पर जिस तरह सियासत हो रही है उसको वह सही नहीं मानते हैं। इस पूरे मुद्दे पर केवल राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं और सभी पक्षकार केवल पब्लिसिटी बटोर रहे हैं। वे कहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर को लेकर करोड़ों हिन्दुओं की आस्था जुड़ी है, इसलिए वे अपनी इस प्रॉपर्टी को राम मंदिर के लिए दान देना चाहते हैं।
वे कहते हैं कि सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा या हिन्दू महासभा किसी के पास विवादित जमीन के मालिकाना हक के कागजात नहीं हैं। ऐसे में मुगल वंश के वंशज और उत्तराधिकारी होने के नाते पूरी जमीन पर उनका मालिकाना हक बनता है।
बातचीत में हबीबुद्दीन पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में अपने को पक्षकार बनाए जाने की मांग करते हुए कहते हैं कि उनके वकील पहले ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज नहीं किया उसने किसी तीसरे पक्ष को पक्षकार बनाए जाने का मना कर दिया था। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है, वे अब राष्ट्रपति को पत्र लिखकर खुद को पक्षकार बनाए जाने की मांग करेंगे।