नई दिल्ली : मध्यप्रदेश में चल रहे किसान आन्दोलन ने हिंसक रूप ले लिया था जिसके बाद पुलिस ने किसानों के ऊपर ही फायरिंग कर दी. पुलिस फायरिंग की वजह से दो किसानों की मौके पर ही मौत हो गयी है जबकि तीन किसान बुरी तरह से जख्मी हो गये हैं. यह घटना मंदसौर में धरने पर बैठे किसानों के साथ हुई है. इस घटना के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है.
इंटरनेट सेवा बंद
मंदसौर में किसानों पर पुलिस की फायरिंग के बीच प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से इस इलाके में इंटरनेट सेवाओं पर भी बैन लगा दिया है. मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में इंटरनेट सेवा पूरी तरीके से बंद कर दी गई है. साथ ही बल्क मैसेज करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
इससे पहले मंदसौर में आक्रोशित किसानों ने दलौदा स्टेशन पर रेलवे फाटक तोड़ दिया था. साथ ही पटरियों की फिश प्लेट निकालने का भी किसानों पर आरोप लगा था. इसके अलावा दूसरी सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया.
सीएम ने बताया था असामाजिक तत्व
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अपनी सरकार को किसान हितैषी बताया था. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार सदैव किसानों के कल्याण के लिये कार्य करती है. जो लोग आंदोलन समाप्त होने की घोषणा के बाद भी हिंसा एवं उपद्रव कर रहे हैं, वे किसान नहीं, बल्कि असामाजिक तत्व हैं.
बता दें कि मध्य प्रदेश के किसानों ने फसल के वाजिब दाम समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा की है.