राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को मोदी से ज़्यादा भरोसा अपने आका योगगुरु बाबा रामदेव पर है. राजनीति के हर दांव में माहिर निशंक के समर्थकों की मानें, तो केंद्र सरकार में उन्हें ज़िम्मेदारी मिलेगी. निशंक को एक माहिर राजनेता के रूप में जाना जाता है.
उत्तराखंड के तीन पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री पद पाने की इच्छा संजोए हुए हैं. इसे लेकर आपसी खींचतान भी ज़ोरों पर है. मोदी लहर के सहारे चुनाव में शानदार जीत प्राप्त करने वाले पूवर्र् मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी,जनरल बी सी खंडूरी और रमेश पोखरियाल निशंक क्रमशः नैनीताल,पौढ़ी एवं हरिद्वार से सांसद निर्वाचित हुए हैं. इन तीनों बड़े नेताओं की मंशा मोदी सरकार में मंत्री बनने की है. ख़बर लिखे जाने तक ऐसी कोई चर्चा नहीं है कि राजग सरकार में मंत्री पद का तोहफा इनमें से किसे मिलता है.
पूर्व मुख्यमत्री भगत सिंह कोश्यारी इस बार काफ़ी बड़े अंतर से चुनाव जीते हैं. संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े होने की वजह से उन्हें उम्मीद है कि मोदी सरकार में उन्हें तरजीह मिलेगी. कमोबेश यही स्थिति जनरल वीसी खंडूरी की है. उनकी दलील है कि उन्होंने सेना में रहते हुए देश की सेवा की और सेवानिवृत्ति के बाद भारतीय जनता पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम किया. खंडूरी को भरोसा है कि मोदी सरकार में उन्हें जगह दी जाएगी, क्योंकि बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने प्रदेश में काफी अच्छा काम किया था. इतना ही नहीं, वह वाजपेयी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. सियासी जानकारों की मानें, तो जनरल को मोदी सरकार में मंत्री पद मिल सकता है. वहीं राज्य के तीसरे पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को मोदी से ज़्यादा भरोसा अपने आका योगगुरु बाबा रामदेव पर है. राजनीति के हर दांव में माहिर निशंक के समर्थकों की मानें, तो केंद्र सरकार में उन्हें ज़िम्मेदारी मिलेगी. निशंक को एक माहिर राजनेता के रूप में जाना जाता है. अपनी राजनीतिक समझ से ही उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को चुनाव में क़रारी शिकस्त दी है.
मोदी सरकार में मंत्री पद के तीन दावेदार
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