संसद के नए सत्र में राष्ट्रपति का भाषण राष्ट्रीय ज्यादा, राजनीतिक कम ही होता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने धन्यवाद प्रस्ताव में कांग्रेसी सांसदों के धुर्रे उड़ाकर रख दिए। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां भारी-भरकम आंकड़ों के साथ गिनाई हीं, उनके साथ-साथ उन्होंने कांग्रेस पर इतने भीषण प्रहार किए कि आनेवाले कई दिनों तक कांग्रेसी नेताओं के घाव हरे रहेंगे। कांग्रेसी नेता राहुल ने भी यों तो कोई कमी नहीं छोड़ी थी, मोदी सरकार की टांग खींचने में लेकिन राहुल का भाषण शायद कुछ नौसिखियों ने तैयार करवाया था, जिसकी महापंडिताई के कारण राहुल मजाक के पात्र बन गए। मोदी के नीति-निर्माण सलाहकार जैसे भी हों लेकिन उनके भाषण-सलाहकार उत्तम कोटि के हैं, उसमें कोई शक नहीं है। मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस की दयनीय दशा को प्रकट करने में तथ्यों का अंबार लगा दिया। उन्होंने कहा कि लगभग 60 साल तक भारत पर एकछत्र राज करनेवाली कांग्रेस पार्टी ने अब संकल्प कर लिया है कि वह अब अगले सौ साल तक सत्ता में नहीं आएगी। उसे नागालैंड में शासन किए 24 साल, ओडिशा में 27 साल, झारखंड में 37 साल और तमिलनाडु में 50 साल हो गए हैं। जिन राज्यों में 2014 और 2019 के पहले भी उसका राज्य रहा, वह भी कभी रहा, कभी नहीं रहा। बंगाल, केरल, कश्मीर, म.प्र., उ.प्र., राजस्थान, गोवा आदि में भी बराबर फेर-बदल होता रहा। जो तेलंगाना उसने बनाया, उसमें भी वह पिट गई। यह इसीलिए हो रहा है कि वह ऊर्ध्वमूल हो गई है याने उसके जड़े जमीन में नहीं, जनता में नहीं, ऊपर याने हवा याने नेताओं याने गांधी परिवार में हो गई है। मेरे शब्दों में कहूं तो वह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई है। उसे जनता के दुख-दर्द से कोई मतलब नहीं है। मोदी के शब्दों में उसने अपने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। उनका दावा है कि सरकार ने जिस बहादुरी से कोरोना को हराया है, मंहगाई को काबू में रखा है, करोड़ों असमर्थ लोगों को अनाज बांटा है, आयकरदाताओं की संख्या दुगुनी कर दी है, इस कोरोना-काल में नए-नए करोड़ों काम-धंधे लोगों को शुरु करवाए हैं, वे सब कांग्रेस को दिखते ही नहीं हैं। अगर कांग्रेस को आईना दिखाएं तो अपना चेहरा देखने की बजाय वह आईने को ही तोड़ देना पसंद करेगी। कांग्रेस के जमाने में जैसे भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार बन गया था, क्या भाजपा सरकार पर कोई उंगली भी उठा सकता है? किसानों ने अनाज-उत्पादन के नए रिकाॅर्ड कायम किए हैं। छोटे किसानों की दशा सुधारने के लिए सरकार ने कई पहल की हैं लेकिन कांग्रेस मोटे किसानों को भड़काती रही। मोदी ने उत्तरप्रदेश के चुनाव का जिक्र किए बिना वहां किए गए भाजपा के कई लोक-कल्याणकारी कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने जवाहरलाल नेहरु द्वारा उनके जमाने में बढ़ी हुई मंहगाई पर दी गई सफाई का भी मजाक उड़ाया। भाजपा पर कांग्रेस विभाजनकारी राजनीति का जो आरोप लगाती आ रही है, उसी टोपी को मोदी ने कांग्रेस के सिर पर मढ़ दिया। मोदी ने कांग्रेस को ‘बांटो और राज करो’ की नीतिवाली पार्टी बताया। कहा कि वह एक राष्ट्र की अवधारणा में विश्वास नहीं करती। वह टुकड़े-टुकड़े गेंग बन गई है। मोदी की यह लफ़्फ़ाज़ी लाजवाब रही.इसमें शक नहीं है कि कांग्रेस के पास प्रतिभाशाली और प्रभावशाली वक्ताओं की कमी नहीं है लेकिन अफसोस है कि वे इंदिरा गांधी परिवार के सदस्य नहीं हैं।
मोदी की लाजवाब लफ़्फ़ाज़ी
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