केंद्र सरकार द्वारा राफेल डील की सभी जानकारी सुप्रीम कोर्ट और याचिकाकर्ताओँ को बताने के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तंज भरे लहजे में नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मोदी जी ने अपनी गलती मान ली है. हलफनामे में उन्होंने इस बात को स्वीकार लिया है कि वायुसेना से पूछे बिना उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट बदला और 30,000 करोड़ रुपए अपने दोस्त अंबानी की जेब में डाल दिए.
सुप्रीम कोर्ट में मोदीजी ने मानी अपनी चोरी।
हलफ़नामे में माना कि उन्होंने बिना वायुसेना से पूछे कांट्रैक्ट बदला और 30,000 करोड़ रूपया अंबानी की जेब में डाला।
पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त…https://t.co/flCgrrlUjw
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 13, 2018
गौरतलब है कि बीते सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट समेत याचिकाकर्ताओँ को राफेल डील से संबंधित सभी जानकारी एक दस्तावेज में उतार कर सौंप दी थी.
यहां तक की केंद्र सरकार ने दस्तावेज में सुप्रीम कोर्ट को राफेल की कीमत समेत, खरीदेने की प्रक्रियाओं और विपक्षी पार्टियों के उन तमाम सवालों का जबाव भी उस दस्तावेज में उतारकर सुप्रीम कोर्ट समेत याचिकाकर्ताओं को सौंप दिया है.
इसी बीच राफेल डील को लेकर दसॉ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में भी राफेल डील से जुड़ी सभी जानकारियों को साझा किया. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी के बयान से काफी आहत हूं. जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं झूठ बोल रहा हूं.
साथ ही उन्होंने भारत के साथ अपने पुराने रिश्ते को याद करते हुए कहा कि मैंरा भारत के साथ पुराना रिश्ता है. सबसे पहले हमने भारत के साथ 1953 में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के साथ करार किया था.
‘Dictated Interviews’ & ‘Manufactured Lies’ can not suppress the #Rafale Scam!
First rule of Law-
Mutual Beneficiaries & Co-accused’s statements hold no value.Second Rule:-Beneficiaries & Accused can’t be Judge in their own case.
Truth has a way of coming out. https://t.co/rRoGlKNl6q
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 13, 2018
हालांकि, इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि तय इंटरव्यू झूठ और राफेल घोटाले को दबा नहीं सकते. पहला नियम लाभ पाने वाले व्यक्ति और सह-आरोपी के बयान का कोई महत्व नहीं है. दूसरा नियम: लाभ पाने वाले और आरोपी अपने ही केस में जज नहीं बन सकते है.