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नई दिल्ली : मोदी सरकार के मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को ऐसी सलाह दे डाली है जिसपर विवाद हो सकता है. दरअसल आयुष मंत्रालय ने कहा है कि गर्भधारण के बाद महिलाओं को सेक्‍स नहीं करना चाहिए साथ ही उन्हें गर्भावस्था के दौरान मांसाहारी भोजन से परहेज़ करना चाहिए. सरकार ऐसी सलाह देकर साबित क्या करना चाहती है ये तो आम आदमी की समझ से बाहर है.

आयुष मंत्रालय ने मदर एंड चाइल्‍ड केयर नामक बुकलेट में ये सलाह दी है. इस बुकलेट में यह भी सलाह दी गयी है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हमेशा मन में धार्मिक विचार बनाए रखने चाहिए. एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक़ आयुष राज्‍य मंत्री ने हाल में ही इस बुकलेट को रिलीज किया था. हालांकि डॉक्‍टर इस सलाह को बेकार बता रहे हैं. अब सवाल ये उठ रहा है कि कहीं इस सलाह के ज़रिये सरकार लोगों पर अपनी विचारधारा तो नहीं थोपना चाहती है.

इस बुकलेट में दी गयी सलाह को लेकर अपोलो हेल्‍थकेयर ग्रुप की सीनियर गायनोकॉलिस्‍ट डॉक्‍टर मालविका सभरवाल कहती हैं कि अक्‍सर गर्भवती महिलाएं को प्रोटीन डेफिशिएंसी होती है. वे एनिमिक भी होती हैं. ऐसे में मीट उनके लिए प्रोटीन और आयरन का बेहतर स्‍त्रोत है. वहीं, सेक्‍स पर विशेषज्ञों की राय है कि अगर प्रेगनेंसी नॉर्मल है तो ऐसे समय में सेक्‍स किए जाने से कोई परेशान नहीं होती.

सरकार की तरफ से दी गयी सलाह को डाक्टरों ने गलत करार दे दिया है जिससे सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है. अपनी विचारधारा को लोगों पर थोपने की जगह सरकार अगर चिकित्सा और गर्भवती महिलाओं के लिए कोई योजना निकालती तो वो ज्यादा बेहतर होता.

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