भले ही 2014 के स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने कहा था कि ! “वर्तमान भारत की जितनी भी आबादी है ! वह पूरी की पूरी टीम इंडिया है !” लेकिन उसके बाद उन्होंने आज नौ साल अपने प्रधानमंत्री होने के पूरे किए हैं ! और इन नौ सालों का पिछे मुडकर आकलन करने के बाद क्या दिखाई दे रहा है ?


भारत की आजादी का पचहत्तर साल का समय भी आ गया है ! स्वतंत्रता के बाद भारत कभी भी इतना सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के दौर से गुजर रहा है ! जो शायद बटवारे के समय या उसके पहले और कुछ समय बाद में भी रहा होगा ? और जिसके लिए खुद नरेंद्र मोदीजी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने से बाज नहीं आ रहे हैं ! उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ही दंगे की राजनीति करके ही की है ! और उसके बावजूद वह गुजरात दंगों की आलोचना करने वाले लोगों को “छ करोड़ गुजरातना अपमान” बोलते – बोलते थकते नही है !


और एक चालाकी सेना के बारे में करते हैं ! कि किसी ने रक्षा मंत्रालय या भारत की सुरक्षा को लेकर कोई मुद्दा उठाया ! कि वह सेना का मनोबल कम करने या सेना का अपमान करने का आरोप लगाते रहते हैं ! और इन्होंने खुद 27 फरवरी 2002 के दिन गोधरा घटना के बाद तुरंत ही 27 फरवरी 2002 को सेना प्रमुख को पत्र लिखकर गुजरात में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना को बुलाया !

और तत्कालीन भारत के सेना प्रमुख जनरल पद्मनाभन ने लेफ्टिनेंट जनरल जमीरूद्दीन शाह के नेतृत्व में जोधपुर बेस से 62 विमानों की खेपों में तीन हजार भारतीय सेना के नौजवानों को अहमदाबाद के हवाईअड्डे पर उतारा गया था ! लेकिन तीन दिनों तक सेना को अहमदाबाद एअरपोर्ट के बाहर नही आने देना ! हमारे देश की सेना का बहुत बड़ा सम्मान था या अपमान ?
और यह आदमी पुलवामा के हादसे में चालीस से अधिक जवानों की मौत के मामले में पहले से ही विवाद में रहे हैं ! लेकिन सतपाल मलिक जो कि उस समय कश्मीर के राज्यपाल के पद पर कार्यरत थे !

और उन्होंने इस घटना के बारे में जो रहस्योद्घाटन किया है ! उसमें नरेंद्र मोदीजी ने 2019 के चुनाव में बदस्तूर बीजेपी हारने के कगार पर पहुंच चुकी थी ! क्योंकि कोरोना तथा लाखों प्रवासी मजदूरों को और कोरोना के मरीजों को बेमौत मरने देने से लेकर ! हमारे किसानों की समस्याओं को और ज्यादा बढाने का पाप जो करने जा रहे थे ! और मजदूर, नौजवानों की बेरोजगारी की समस्या को लेकर काफी नाराज माहौल को देखते हुए ! पुलवामा का कांड करने की कृती को मौत का सौदागर ! जो कि गुजरात के दंगों से इन्हें कहा जा रहा है ! वह पुलवामा की सीआरपीएफ के चालिस से अधिक नौजवानों को मौत के घाट उतार दिया है ! इससे ज्यादा देशद्रोह का उदाहरण और क्या हो सकता है ?


सत्ता के लिए दंगे करते हुए अब हमारे देश के नौजवानों सैनिकों को मरवाने वाले लोगों को देश के सबसे बड़े दुश्मन से अधिक और क्या कहेंगे ? और ऐसे लोगों को कौन सी सजा दी जानी चाहिए ?
और अब 145 करोड़ विश्व के सबसे अधिक आबादी वाले देश के प्रधानमंत्री पदपर बैठने के बावजूद ! ‘जयबजरंगबली’ के नारे लगाते हुए हप्ताह भर पहले कर्नाटक के चुनाव प्रचार में खुलकर हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेल रहे थे ! और हमारे चुनाव आयोग ने अपनी आंखों से लेकर, कान और मुह भी, महात्मा गाँधी जी के तीन बंदरो के जैसे बंद कर लिया है !
भारत जैसे बहुधर्मिय देश के प्रधानमंत्री के रूप में आजही के दिन नौ साल पहले शपथ ली है ! “कि मैं नरेंद्र दामोदरदास मोदी आजसे भारत का प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते हुए यह आश्वस्त करता हूँ ! कि भारत में रहने वाले हर नागरिक के जान – मान सम्मान की रक्षा करते वक्त किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करुंगा !” और यह शपथ ग्रहण समारोह करने वाले राष्ट्रपति और हमारे चुनाव आयोग के प्रमुख तथा सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश यह सब कुछ अपनी आंखों से देख रहे हैं ! लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है ! नरेंद्र मोदीजी ने राममंदिर के शिलान्यास से लेकर शेकडो धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लिया है !
और कर्नाटक के चुनाव प्रचार में उनके सभी भाषणों को देखते हुए ! क्या 145 करोड़ जन संख्या के देश के प्रधानमंत्री को इस तरह की सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कृती हमारे देश के संविधान के विपरीत नही है ? और उन्होंने जिस शपथ को एक नहीं दो बार लेने के आज नौ साल हो गये हैं ! यह उस शपथ का उल्लंघन नहीं है ?


जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे ! और उन्होंने 27 फरवरी 2002 के दिन दोपहर को गोधरा जाकर वहां से 59 अधजली लाशों को गोधरा रेल्वे स्टेशन के प्लॅटफॉर्म पर पोस्ट मॉर्टम की प्रक्रिया को बीच में ही रोक कर ! स्थानीय कलेक्टर जयती रवि ने कानून और व्यवस्था के बिगड़ने के लिए आपकी कृतिसे और मदद मिलेगी ! यह धोका बताने के बावजूद ! उनकी अनदेखी करते हुए ! उनसे निचे के मामलेदार से अधजले शवों को, गुजरात प्रदेश विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष ! जयेश पटेल, जिसका उन अधजले शवों में एक भी रिश्तेदार नही रहते हूए ! जो कि कानून के अनुसार कोई रिश्तेदारों को ही शवों को पोस्ट मार्टम करने के बाद सौपा जाता है ! और उन्होंने इस तरह की हरकतों की शुरुआत एक तरह से गोधरा कांड के बाद जो लगातार की है ! वह आज भी बदस्तूर जारी है !


लेकिन नरेंद्र मोदी गाँधीनगर से गोधरा दौड़कर आनेका मुख्य उद्देश्य था ! क्योंकि उन्हें हिंदू हृदय सम्राट बनने की जल्दी जो थी ! और वह बने भी ! लेकिन किस किमत पर ? और कितने लोगों की जान लेने के बाद ? आखिर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के पत्रकार आतिश तासिर ने टाइम पत्रिका के कवर स्टोरी का शीर्षक “Diyader In chief” यह स्टोरी में नरेंद्र मोदी के इन सब बातों को उजागर किया है ! और राना आयुब ने गुजरात फाईल्स तथा आशिष खेतान ने The Truth और मनोज मीत्ता और आर. बी. श्रीकुमार की Gujrat Behind the Carten तथा लेफ्टनंट जनरल जमीरूद्दीन शाह की Sarkari Musalman और जस्टिस कृष्ण अय्यर की छसौ पन्नौकी गुजरात दंगों की जांच-पड़ताल की रिपोर्ट भारत के अब तक के किसी भी दंगे की रिपोर्ट की तुलना में अधिक तफ़सील से और अधिक मेहनत से काम करने के बाद लिखी गई रिपोर्ट ” Crime Against Humanity” के शिर्षक से ! और टी वी चैनल तथा तत्कालीन पेपर और पत्रिकाओं के स्पेशल स्टोरीज ! जो अबतक के किसी भी दंगे के बारे में इतना तफ़सील से ! मुखतः अंग्रेजी भाषा के पत्र – पत्रिकाओं में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार कोई भी गुंजाइश नहीं है ! कि नरेंद्र मोदीजी को क्लिन चिट मिल जाएगी ? लेकिन जस्टिस नानावटी और एस आईटी के रघुरामन के तौर तरीकों पर काफी लोगों ने सवाल उठाया है ! और उस कारण नरेंद्र मोदीजी को 16 मई 2014 के कुछ ही समय पहले तथाकथित क्लिनचिट देने की व्यवस्था की गई है ! और अभिभी 2024 में सरकार बदलाव हुआ तो मेरा मानना है कि नरेंद्र मोदीजी को सजा होने की संभावना है !


इसिलिये जयदीप पटेल नाम के गुजरात विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष को सौंपकर उन लाशों को अहमदाबाद के सड़कों पर खुले ट्रक के उपर रखकर जुलूस निकालने की कृति को देखते हुए ! मुख्यमंत्री पद की शपथ का उल्लंघन नहीं किया था ? और मंत्रिमंडल की बैठक में कल से गुजरात में खुली छुट देने की बात कही है ! और सेना को खुद खत लिखकर बुलाकर तीन दिन तक उसे लॉजिस्टिक नही देना ! और तीन हजार जवानों को तीन दिन तक अहमदाबाद के एअरपोर्ट पर ही अटकाकर रखने में कौन सा युद्ध कौशल था ? और हमारे देश के सेना का मान बढ़ाया है ? क्या यह सभी कृतियां अटल बिहारी वाजपेयी की भाषा में राजधर्म का पालन करने के लिए विशेष रूप से की गई है ? और उसके बाद गुजरात भर में गौरव यात्रा निकालने में किसका गौरव था ? और किसलिए ? 44 इंच छाती रातोरात 56 इंच छाती हो जाने का रहस्य क्या यही सब हैं ? मुझे रह-रहकर आस्चर्य लग रहा है कि ! हमारे देश के संविधान की धज्जियाँ उडाते हुए यह सब कुछ हुआ है ! और न ही हमारे संसद तथा सर्वोच्च न्यायालय और हमारे देश के चुनाव आयोग और सबसे महत्वपूर्ण बात हमारे देश का सबसे बड़ा पद राष्ट्रपति का होनेके बावजूद मुझे याद नहीं आ रहा है ! कि राष्ट्रपति ने कुछ कारवाई तो दूर की बात है ! लेकिन इस बात पर कोई टिप्पणी तक की हो ? और राष्ट्रपती पदपर एपीजे अब्दुल कलाम साहब बैठे हुए थे ! जिन्होंने दंगे के बाद गुजरात की यात्रा की थी ! और शाहआलम कॅम्प से लेकर काफी संवेदनशील जगह पर वह जाने के बावजूद उन्होंने कोई टिप्पणी करने का याद नहीं आता है ! और गुजरात दंगों में कुछ कमी रह गई ऐसा लगा तो ! नागरिकता वाले कानून का क्या मतलब है ? कौन से विदेशी भारत में आ ब से है ? उससे अधिक भारतीय विदेशों में बसे हुए हैं ! और कुछ वहां के प्रधानमंत्री उपराष्ट्रपति पदोपर चुनकर जा रहे हैं !


सर्वोच्च न्यायालय ने आसाम के आंदोलन के उपर नागरिकता को लेकर जो फैसला सुनाया था ! उसे देखते हुए नरेंद्र मोदीजी और अमित शाह को संपूर्ण भारत के अल्पसंख्यक समुदायों को सबक सिखाने का एक हथियार मिला ऐसा लगा ! तो उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर संपूर्ण देश में (जो कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में सिर्फ आसाम के नागरिकों को लेकर रहने के बावजूद !) इन्होंने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने के लिए विशेष रूप से इस्तेमाल करने का निर्णय लिया ! और ऐसे लोगों को बंद करने के लिए अलग – अलग राज्यों में डिटेंशन सेंटर बनाने की शुरुआत की ! जिसमें मैं अपनी आंखों से आसाम के गोलपारा जिले के मटिया कदमतला में निर्माण कार्य देखकर आया हूँ ! और इस तरह की हरकतों को रोकने के लिए संपूर्ण देश में विभिन्न जगहों पर आंदोलन हुए ! जिसमें सबसे अधिक मशहूर हुआ दिल्ली का शाहीनबाग ! पटना का सब्जी बाग ! कोलकाता का पार्कसर्कस ! तथा संपूर्ण देश में सब से आगे महिलाओं को देखा गया !


फिर आया कोरोना जिस कारण सरकार को यह सब बंद करने के लिए निमित्त मिल गया ! लेकिन कोरोना के आड में सरकारने मजदूरों के कानूनों से लेकर किसानों के कानूनों को बदलने की साजिश की ! और उस कारण भारत के इतिहास में पहली बार सालभर से भी अधिक समय सरकारी विरोध के बावजूद ! और एक हजार से अधिक किसानों की मौत होने के बावजूद ! आंदोलन जारी रहा और सरकार को बदलने के लिए मजबूर कीया ! लेकिन स्तिथी वैसीकी वैसी ही बनी हुई है ! क्योंकि गौतम अदानी उद्योग ने मिलों लंबे एअरकंडीशनर लगे हुए वेअर हाऊस जो बनाकर रखे हैं ! उसका क्या ?


आजादी के बाद आए सत्ताधारियों ने अपने तरफसे सांप्रदायिकता के उभार को कम करने की कोशिश की है ! और कुछ समय तक अपना काम करते है ! जिसमें महात्मा गाँधी जी की शहादत हुई ! लेकिन 1925 को नागपुर से शुरू किया गया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम के संघठन ने ! बचपन से ही बच्चों के दिमाग में खेल, कथा – कहानियों तथाकथित बौद्धिक के द्वारा ! सांप्रदायिकता के जहर को बोने का काम ! बारह महीनों चौबीसों घण्टे करने के कारण आज के दिन आए हैं ! नरेंद्र मोदीजी उसी शाखा से निकल कर आज इतने घोर सांप्रदायिक विचारों के है ! और ऐसा आदमी भारत जैसे विश्व के सभी धर्मों के लोगों के रहते हुए ! भारत जैसे देश के लिए खतरनाक साबित हो सकता है !


और इन्हें सत्ता एक दिन में नहीं मिली है ! शाखाओं में शुरुआत करते हुए गोहत्या बंदी से लेकर रामराज्य परिषद फिर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल – दुर्गा वाहीनी ! तथा स्थानीय स्तर पर कहा हिंदू युवा वाहीनी ! तो कहा श्रीराम सेना, तो कहाँ हिंदू रक्षा ! जैसे विभिन्न नामों से और सबसे महत्वपूर्ण बात ! सभी बाबा और तथाकथित साध्वीयो के माध्यम से समस्त देश में उग्र हिंदूत्ववादी प्रचार – प्रसार की लगातार झडी लगाने के कारण ! जैसे एक किसान अपनी फसल लगाने के पहले जमीन पर मेहनत करते हुए ! उसे बारीश के बाद बीज बोने से लेकर, फसल तैयार होने के बीच में ! और भी मेहनत के बाद फसल काटने का काम करता है ! नरेंद्र मोदीजी के उग्रहिंदूत्वादि राजनीति के लिए शेकडो साधु-सघ्विया और स्वघोषित संतो ने अपनी कथा – प्रवचनों ! तथा अब तो बहुत स्वामी खुद के टी वी चैनल खोलकर बारह महीनों चौबीसों घण्टे लगातार जो प्रचार- प्रसार कर रहे हैं ! और अब तो तथाकथित मुख्य धारा के मिडिया को भी अपने कब्जे में कर के !

पूरे मिडिया में सिर्फ और सिर्फ सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने के लिए ! विशेष रूप से तथाकथित बातचीत और न्युज भी परोसने का काम जारी है ! और सिर्फ़ नरेंद्र मोदीजी को केंद्र में रखकर ! जिस आदमी ने चिल्ला – चिल्ला कर कहा था ! कि “मैं सत्ता में आने के बाद हर साल दो करोड़ नौकरीया दूंगा !” पूरे नौ सालों में दो करोड़ नौकरीया देना तो दूर की बात है ! उल्टा करोड़ों लोगों की नौकरियां नोटबंदी, लॉक डाउन तथा जीएसटी जैसे अजिबोगरीब करप्रणाली के कारण चली गई है !


और सौ से अधिक सालों से मजदूरों के संघर्ष के बाद ! बड़ी मुश्किल से मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए कानून बनाए गए थे ! सभी को बदलकर मजदूरों के उपर होने वाले अन्याय के खिलाफ कोर्ट में जाने का रास्ता खत्म कर दिया है ! और सभी कानून उद्योगपतियों के हित में बदलाव करने की वजह से ! करोड़ों मजदूरों को एक झटके में काम से निकाल बाहर करने की व्यवस्था कर दी है ! तो यह सरकार किसकी होगी ?
मजदूरों से लेकर किसानों तथा स्कूल – कॉलेज सरकारों के चलाने का काम नहीं है ! उसे प्रायवेट मास्टर्स के हाथ में दिया जा रहा है ! और वही बात स्वास्थ्य सेवा की ! वहां भी सरकारों को क्या करना है ? वह भी क्षेत्र प्रायवेट मास्टर्स को सौंपा जा रहा है ! और बीजली, पानी शहरों की साफ-सफाई तथा रेल, हवाई यातायात ! और जलवाहन, हमारे देश के शेकडो सालों के पुराने पोर्ट, औने-पौने दामों में नंबर एक पर गौतम अदानी जैसे नवउद्दोगपती के हवाले कर दिया गया है ! उम्र साठ साल और तीस साल पहले मतलब गौतम अदानी उद्योग की शुरुआत ! और नरेंद्र मोदी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत लगभग एक साथ मिलकर शुरू हुई है ! और दोनों रातगुना चौबीसों घण्टे जबरदस्त तरक्की कर रहे हैं ! अब तो देश – दुनिया मे यही बोला जा रहा है कि नरेंद्र मोदीजी ही गौतम अदानी है ! (अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में ! ) उल्टा उन्होंने कहा कि गौतम अदानी तो सिर्फ एक दस पर्सेंट के कमिशन का मुलाजिम है ! और असली मालिक नरेंद्र मोदीजी ही है ! और यह बात इसलिये भी सच लगती है ! कि छत्तीसगढ़ के जल- जंगल – जमीन और उसके भीतर अकूत मात्राओं में खनिज संसाधनो को अदानी उद्योग समूह को सौंपा गया है ! वहीं बात झारखंड की ! और देश के सभी प्रमुख हवाई अड्डे ! तथा पानी के पोर्ट पर गौतम अदानी की मालकियत हो चुकी है ! देश की आधीसेभी अधिक बीजली अदानी बनाने का दावा किया जा रहा है ! देश के आधेसे अधिक चैनल अदानी के कंट्रोल में चले गए हैं ! अगर यह सही है ! तो फिर लगभग संपूर्ण देश ही गौतम अदानी के कब्जे में देने का काम पचहत्तर साल की आजादी के दौरान हो गया है ! ईस्ट इंडिया कंपनी की जगह कोई अदानी नामकी कंपनी है ! जो अब आने वाले समय में संसद सर्वोच्च न्यायालय, चुनाव आयोग ! और सबसे संवेदनशील विभाग हमारे देश की रक्षा करने वाली आर्मि, वायूसेना तथा नेव्ही ! और सभी तरह के पॅरामिलिटरी फोर्सेज भी अदानी के कब्जे में चले जाते हैं ! तो आने वाले पच्चीस साल का सुवर्ण महोत्सव अदानी के कब्जे में जाने का ! गुलाम होने का समय बनाए जाने की संभावना दिखाई दे रही है !


आज पांच महिनों से अधिक समय हो रहा है ! हिंडेनबर्ग रिपोर्ट को उजागर होकर ! हमारे संसद से लेकर ! तथाकथित मुख्य धारा के मिडिया में एक मिनट का समय उस रिपोर्ट के बारे में देने का याद नहीं आ रहा है ! नरेंद्र मोदीजी ने भरी संसद में जवाहरलाल नेहरू से लेकर दुनिया भर की बयानबाजी की ! लेकिन जिस अदानी के प्रायवेट जेट विमान से भारत के चुनाव के इतिहास में पहली बार चारसौ से अधिक जनसभा को संबोधित करने से लेकर ! प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए 16 मई 2014 के दिन भी उसी प्रायवेट जेट से दिल्ली पहुंचे ! और प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की है ! इसलिए अदानी ही मोदी है ! और मोदी ही अदानी है ! इस जुमले को बल मिला है !


1952 में स्थपित जनसंघ जो मई 1977 में दो साल के लिए जनता पार्टी में शामिल होने के बाद ! दोबारा 1980 में भारतीय जनता पार्टी के नाम से ! और बहुत जल्द बाबरी मस्जिद रामजन्मभूमि आंदोलन को हवा देते हुए ! दिल्ली के तख्त तक नौ साल पहले आजही के दिन ! विधिवत शपथ लेकर भारत के उपर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने में कामयाब हुए हैं ! यह इटली और जर्मनी में बेनिटो मुसोलीनी और अडॉल्फ हिटलर भी वहां के संसदो में चुनकर जाकर ही ! विश्व मानवता के छातीपर 25 साल मुंग दलते रहे हैं ! और उन्होंने यह सब कुछ विश्व के सबसे बड़े बुध्दिजीवियों के रहते हुए किया है ! अल्बर्ट आईंस्टाईन, सिंगमंड फ्राईड, जॉं पॉल सात्र, – सिमोन द बुआ, जॉर्ज बर्नाड शॉ, एरिक फ्रॉम, ऑर्थर कोस्लर बर्टांड रसेल, हेराल्ड लास्कि, रोदॉ, चार्ली चापलीन, महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू, पटेल, मौलाना आझाद, चर्चिल, स्टालिन, आसेनहॉवर, एम. एन. राय, डॉ राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण,रामास्वामी नायकर, डॉ. बाबा साहब अंबेडकरजी, रवींद्रनाथ टागोर, जार्ज अॉरवेल, के ए अब्बास, साहिर लुधियानवी, अज्ञेय, यशपाल, और संपूर्ण विश्व के सभी क्षेत्रों के अतिरथी – महारथियों के बीच में दोनों तानाशाह समस्त मानवता को मट्टी पलित कर रहे थे !
और उन्हें मीलने के लिए डॉ. बी. जे. मुंजे सेकंड राऊंड टेबल कांफ्रेंस से सिधा इटली जाकर फासीवाद का अध्ययन करकर भारत में आकर ! अपने द्वारा स्थापित बच्चों के संघठन ! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इटली और जर्मनी की फासीवाद की तर्ज पर आकार देने की शुरुआत ! अपने सहयोगियों के साथ जिसमें डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार, डॉ. बी एस मुंजे इटली में जाकर अपने निरिक्षण के आधार पर नागपुर में भोसला मिलिटरी स्कूल और उसकी शाखा नासिक में भी खडी करते हैं ! और सबसे महत्वपूर्ण बात संघ के नमस्ते से लेकर बैंड पथक, तथा परेड और अस्र – शस्त्र का ट्रेनिंग देने की शुरुआत संघ के प्रशिक्षण के नाम पर विभिन्न जगहों पर की जाती है !


और दुसरी तरफ उन्होंने शुरू किया हुआ राजनीतिक दल ! भारतीय जनसंघ मुलतः भारत के सवर्ण, जमिनदांर, राजे – रजवाड़ों तथा पुंजीपतीयो के द्वारा और उन्हिके हितों की रक्षा के लिए विशेष रूप से बनाया गया दल है ! इसमें कोई शक नहीं है ! जो इटली में बेनिटो मुसोलीनी ने और जर्मनी में अडॉल्फ हिटलर ने अपने दलों को कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ तथा मजदूरों के संघठनो को खत्म करते हुए ! सिर्फ उन देशों के पुंजीपतीयो को अपनी पार्टी के लिए आर्थिक सहायता के लिए थैलियां खोलकर मदत करने के लिए ! विशेष रूप से योगदान देने के आश्वासन के बाद शुरू किया था !


और आज की तारीख में भारत में भी भारतीय जनता पार्टी ने भारत के पुंजीपतीयो की मदद से ! अपने दल की संपत्ति शायद आज विश्व के सबसे अधिक अमिर दलों में होती है ! जो दल चुनाव में पानी के जैसा पैसा खर्च करता है ! यह स्थानिय निकायों से लेकर संसद तक के चुनाव में देखा जा सकता है ! अभी ताजा कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में एक वोट की किमत पांच हजार रुपये ! और वह भी उस मतदाता को डिजिटल पेमेंट के द्वारा किया गया है ! उसके बावजूद मतदाताओं ने अपने विवेक से मतदान करने की वजह से नतीजे अलग आए हैं ! वह बात अलग है ! लेकिन सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने से लेकर पैसे बाटना यह है ! पार्टी वुईथ डिफरंस का वर्तमान रुप !
प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर औपचारिक अभिनंदन तो किया ! लेकिन उसी कर्नाटक के विवादास्पद डीजीपी को सीबीआई के प्रमुख पद पर, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और विरोधी दल के नेता अधिररंजन चौधुरी की आपत्ति की अनदेखी करके ! उन्हें सीबीआई के प्रमुख पद पर नियुक्त करने का मतलब ? कर्नाटक में मुख्यमंत्री कोई भी व्यक्ति बने ! लेकिन उसे चैन से काम करने नहीं देंगे ! क्योंकि यह महाशय कर्नाटक के पुलिस प्रमुख रहते हुए पचास से अधिक कांग्रेस के नेताओं के उपर केसेस कर चुके हैं !


जो कि उसी समय कर्नाटक की बीजेपी सरकार को लेकर चालिस प्रतिशत कमीशन खाने वाली सरकार खुलेआम बोला जाता रहा है ! लेकिन इसी पुलिस प्रमुख ने कोई कार्रवाई नहीं की है ! और कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष शिवकुमार ने इस आदमी को काफी भला बुरा कहा है ! यहां तक कि यह पुलिस के भेस में बीजेपी के कार्यकर्ता के जैसा काम कर रहे हैं ! और उसी को प्रधानमंत्री ने कमेटी के दो सदस्यों की आपत्ति की परवाह न करते हुए ! उन्हें सीबीआई जैसे महत्वपूर्ण जांच करने वाली संस्था के प्रमुख के पद पर नियुक्त करने की कृती को क्या कहेंगे ?
वैसेही ईडी के प्रमुख पदपर बैठे हुए व्यक्ति को तीन बार एक्स्टेंशन दिया जा रहा है ! सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि क्या हमारे देश में और कोई आदमी या औरत नही है ? जो इस जिम्मेदारी का निर्वाह कर सके ?
सक्सेना नाम के दिल्ली के उपराज्यपाल ने 25-30 वर्ष पहले से गुजरात में एक एनजीओ बना कर सतत नर्मदा बचाओ आंदोलन के खिलाफ अभियान चलाया था ! तो वह अब दिल्ली के उपराज्यपाल के पद पर विराजमान है ! महाराष्ट्र के तथा बंगाल के पूर्व राज्यपाल कैसी – कैसी हरकतों के कारण विख्यात हुए यह सभी को मालूम है ! और उसमे से एक भारत के उपराष्ट्रपती पदपर बैठाएं गए हैं !


जितनी भी गैर बीजेपी की सरकारों के राज्य है ! उन सभी जगहों पर भेजें गए राज्यपालों का काम सिर्फ जनतंत्र के माध्यम से चुनी हुई सरकारों को कदम – कदम पर रुकावटें डालने के अलावा और कोई काम नहीं है ! असल में नरेंद्र मोदी भलेही जनतंत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने में सफल हुए हैं ! लेकिन उनके अंदर जनतंत्र के लिए सचमुच कितना आदर है ? यह बात अब नौ सालों के दौरान समस्त विश्व के सामने उजागर हो चुकी है ! उनके लिए जनतंत्र सिर्फ सत्ता की सिढी के अलावा और कोई स्थान नहीं है ! लोकसभा की वर्तमान स्थिति को देखकर चिंता होती है ! कि यह हमारे देश का सर्वोच्च सदन की गरिमा को खत्म करने का काम शुरू है ! पिछले लोकसभा के अधिवेशन में विरोधी दलों के नेताओं को बोलने नही देने से लेकर उनके माइक बंद करने तक कारवाई की जा रही है ! लगता है कि भारतीय संसद भयानक दौर से गुजर रही है ! एक समय था ! जब एक दो भी विरोधी दलों के नेताओं के रहते हुए पूरी संसद की गरिमा बढ़ाने के लिए ! विशेष रूप से मधू लिमये की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में उनके संसदीय कार्यकाल को याद करते हुए ! यह बात विशेष रूप से अखर रही है !
जिस व्यक्ति में परमतसहिष्णुता का अभाव होता है ! वह कभी भी दुसरे के मतों का आदर करना तो दूर की बात है ! उल्टा नरेंद्र मोदीजी की बॉडी लँग्वेज देखकर लगता है ! कि उन्हें किसी भी तरह का भिन्न विचार के लोग पसंद नहीं है ! और यही एक तानाशाह के लक्षण होते है ! और इसिलिये एक मात्र आखिरी खंबा न्यायालय का उसके खिलाफ लगातार अपने लोगों के द्वारा अपमानित करने का अभियान चलाया जा रहा है !


सीबीआई, आईबी, ईडी दिल्ली पुलिस तीन महीनों से हमारे देश की लडकियां ! अपने उपर हुए अत्याचार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर चिलचिलाती धुप में बैठकर धरना दे रही है ! और हमारे प्रधानमंत्री के फोटो के साथ देशभर के प्रमुख जगह-जगह बेटी बचाओ अभियान के होर्डिग्ज लगे हुए देखकर हैरानी होती है ! कि हमारे देश की राजधानी में जंतर-मंतर पर धरना दे रही लडकियां क्या इस देश की नागरिकों में नहीं है ? और हमारे देश के प्रधानमंत्री को मालूम नहीं है ? कि जिन लड़कियों ने विश्व स्तर के पदक जीते हैं ! और हमारे देश का नाम रोशन किया है ! वह अपने उपर हुए अन्याय के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग ! सौ दिनों से अधिक समय से कर रही है ! और प्रधानमंत्री बेटी बचाओ अभियान में मश्गुल है ? इससे ज्यादा पाखंड और क्या हो सकता है ?


हमारे देश की संपत्ति किसी एक व्यक्ति के हवाले करने की कृती को क्या कहेंगे ? क्या यही सबका साथ सबका विकास की व्याख्या है ? उस विषय पर नहीं संसद में कोई बहस होने दे रहे ! और नही तथाकथित मुख्य धारा के मिडिया संस्थाओं में इस विषय पर कोई चर्चा हुई हो ! हाँ बगल के पाकिस्तान में 500 रुपये किलो गेहूं की खबर से लेकर ! इमरान खान के गिरफ्तारी पर ! मिनट दर मिनट की खबरों को देना ! और जैसे भारत में गेहूं एक रुपये किलो है ! और गॅस सिलेंडर सौ रुपये मे मिल रहा है ! और पेट्रोल दस रुपये लीटर ! और बिजली फ्री कर दी है ! क्या हो गया है ! हमारे देश के तथाकथित मुख्य धारा के मिडिया को ?


प्रधानमंत्री के नौ साल के कार्यकाल की समिक्षा में ! नोटबंदी से लेकर कोरोना के लॉकडाउन में लाखों लोगों की मौत हो गई ! आज भी सही आकड़ों को बताया नहीं जा रहा है !


तथा लाखों करोड़ों रुपये हमारे देश के लोगों की बचत के पैसे लेकर ! भागने वाले भगोड़े लोगों में से एक भी वापस भारत में लेकर आने का उदाहरण नहीं हैं ! और एक भारतीय झंडा के अपमान की बात करते हुए ! हमारे जिवन बिमा से लेकर सभी बड़े बॅंकोके पैसे से अपनी खुद की संपत्तिको ! दुनिया के तीसरे नंबर पर अमिर बनाने के लिए किसके इशारों पर यह सब हो रहा है ?
और सौ साल की लड़ाई लड़ कर बनाए मजदूरों के कानूनों को बदलने की कृती कौन सा सबका साथ सबका विकास हुआ है ? और हमारे देश के अन्नदाता किसानों को उनकी मांगों को हजारों की संख्या में शहिद हुए और पांच लाख से अधिक किसानों को किसानी पुसती नहीं है ! इसलिए आत्महत्याओं के शिकार होना पड़ता है ! फिर किस बात का विकास और किस किमत पर ? और किसके लिए ?


और मणिपुर में वर्तमान समय में चल रही हिंसा के पिछे कौन है ? कश्मीर के 370 हटाने के बाद ! अब नॉर्थ-ईस्ट के 371-72 ! के पिछे पड गए और आदिवासियों के लिए संविधान के पांचवीं और छठी सूची को समाप्त करने के लिए विशेष रूप से एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पदपर बैठाने के पीछे यही षडयंत्र है ! भारत की बहुआयामी संस्कृति को नष्ट करना संघ का सौ साल पुराना अजेंडा है ! और सभी को एक रंग में ढालने के लिए हिंदी को थोपना ! और स्थानीय निवासियों की संस्कृति भाषा तथा खानपान को लेकर ! लोगों को जान से मारने का प्रयास आजादी के पचहत्तर साल के दौरान पहलीबार शुरू किया गया है ! सब कुछ नियोजन बध्द तरिके से हो रहा है ! क्या यही है सबका साथ सबका विकास ? और अच्छे दिन ?????????
डॉ. सुरेश खैरनार 17 मई 2023, नागपुर

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