झारखंड के रामगढ़ में बीफ ले जाने के शक में मारे गए युवक (अलीमुद्दीन) की हत्या के 8 आरोपियों को झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत दे दी. जमानत मिलने के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने इन आरोपियों का माला पहनाकर स्वागत किया. साथ ही बीजेपी जिला कार्यालय में मिठाई बांटी गई.
इन आरोपियों की रिहाई के लिए लगातार आंदोलन करने वाले पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने बीजेपी कार्यलय पर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की और जमानत मिलने पर खुशी का इजहार किया. उन्होंने कहा, वो कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. मॉब लिंचिंग के आरोपियों का इस तरह से स्वागत करना और मिठाई बांटने को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है.
बता दें, इस हत्याकांड में 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. वहीं, एक नाबालिग भी इसमें शामिल है, जिसे बाल सुधार गृह भेजा गया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता बीएन त्रिपाठी द्वारा दिए गए साक्ष्य और बहस को मानते हुए कोर्ट ने हत्या के दौरान बनाए गए वीडियो फुटेज को मानने से इनकार कर दिया. इस वजह से 8 लोगों को जमानत मिल गई. वहीं, 3 लोगों की जमानत के लिए अर्जी नहीं लगाई गई थी. इस वजह से उन्हें जमानत नहीं मिल सकी.
जमानत मिलने के बाद पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने कहा कि अधिवक्ता बीएन त्रिपाठी भगवान की जगह पर हैं. इनके बहस की वजह से हमारे 8 भाइयों का जमानत मिली है. सभी लोगों को जमानत मिलने के बाद रामगढ़ में भव्य विजय जुलूस निकाला जाएगा.
मॉब लिंचिंग मामले में एक साल सजा काट कर जेल से रिहा हुए बीजेपी नेता नित्यानंद महतो ने कहा कि जेल में लंबा समय गुजर गया. अब घर परिवार से मिल कर अच्छा लग रहा है. रामगढ़ की जनता और पार्टी का धन्यवाद देना चाहता हूं. सभी का सहयोग मिला है.
क्या है मामला?
29 जून 2017 को झारखंड के रामगढ़ में भीड़ ने मीट व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. अलीमुद्दीन अपनी वैन से मांस लेकर आ रहा था. वैन में बीफ होने के शक में कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया था. उन लोगों ने पहले उसकी गाड़ी को आग लगाई और फिर अलीमुद्दीन को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया. घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया था. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आश्वासन के बाद ही अलीमुद्दीन का परिवार शव लेने को तैयार हुआ था.