मोदी मंत्रिपरिषद में अगले तीन दिनों में विस्तार की संभावना है। माना जा रहा है कि जहां कई मौजूदा मंत्रियों को मंत्रिपरिषद से हटाया जा सकता है, वहीं पांच राज्यों के चुनावों के मद्देनजर कई नए चेहरों को जगह मिल सकती है। केंद्र में 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं और अभी मंत्रिपरिषद में 53 मंत्री हैं यानी 28 मंत्री और बनाए जा सकते हैं। आधा दर्जन कैबिनेट मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय की जिम्मेदारी है, जिसे हल्का करने की बात हो रही है। वर्तमान मंत्रिमंडल में 9 मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास एक से अधिक विभाग हैं। इनमें प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी, हर्षवर्द्धन, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी और हरदीप सिंह पुरी के नाम शामिल हैं।
इन्हें भी मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह
मोदी सरकार में जिन भाजपा नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है कि उनमें उत्तराखंड से अजय भट्ट या अनिल बलूनी। कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, पश्चिम बंगाल से जगन्नाथ सरकार, शांतनु ठाकुर या निसिथ प्रामाणिक। हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, राजस्थान से राहुल कासवान, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र से पूनम महाजन या प्रीतम मुंडे या हिना गावित शामिल हैं। इस लिस्ट में दिल्ली से परवेश वर्मा या मीनाक्षी लेखी का नाम भी हो सकता है।
बताते चलें कि सहयोगी दलों में जेडीयू का आना फिलहाल पक्का नहीं है ।दरअसल जेडीयू बीजेपी के बराबर हिस्सा चाहती है। बीजेपी के बिहार से 5 मंत्री हो सकते हैं। अगर बीजेपी-जेडीयू में बात बनी तो JDU से लल्लन सिंह, रामनाथ ठाकुर और संतोष कुशवाह मंत्री बन सकते हैं।
माना जा रहा है कि LJP से पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है। अपना दल से अनुप्रिया पटेल, सुशील मोदी, नारायण राणे और भूपेंद्र यादव को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
नीतीश के कितने मंत्री होंगे, यह साफ नहीं
अटकलों के बीच अभी यह साफ नहीं है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की JDU से किसी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी या नहीं। 2019 में नीतीश ने केंद्र में मंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कम से कम दो मंत्रालयों की उम्मीद कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी से लल्लन सिंह, रामनाथ ठाकुर और संतोष कुशवाहा इस दौड़ में शामिल हैं।