लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों से पहले देश के सियासी गलियारों में तेज हलचल देखने को मिल रही है। इस चुनाव के एग्जिट पोल भी आ चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है। हालांकि लगभग हर बड़ी पार्टी अपने अच्छे प्रदर्शन का दावा कर रही है।ईवीएम एवं वीवीपैट के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक मंगलवार को हुई, इसमें ईवीएम से जुड़ी शिकायतों एवं वीवीपैट के मुद्दे पर चर्चा की गई।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक के बाद विपक्षी नेता चुनाव आयोग भी जाएंगे जहां वे वीवीपैट की पर्चियों का मिलान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक करने एवं कई स्थानों पर स्ट्रांगरूम से ईवीएम के कथित स्थानांतरण से जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई की मांग करेंगे। विपक्षी दलों ने मतगणना के दौरान किसी भी मतदान केंद्र पर विसंगति पाये जाने की स्थिति में देश भर में सभी विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम के आंकड़ों के साथ वीवीपैट मशीन की पर्ची से मिलान किये जाने की मांग की थी। इस संबंध में अदालत ने मतगणना के दौरान पूरे देश में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के पांच मतदान केंद्रों के ईवीएम आंकड़ों का मिलान वीवीपैट की पर्ची से करने के लिए निर्वाचन आयोग को कहा था, जिससे चुनाव परिणाम आने में देरी हो सकती है। दिल्ली में सभी विपक्षी दल इकट्ठे हुए हैं।
इस बैठक में कांग्रेस से अहमद पटेल, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद और अभिषेक मनु सिंघवी, माकपा से सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओब्रायन, तेदेपा से चंद्रबाबू नायडू, आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, सपा से रामगोपाल यादव, बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा एवं दानिश अली, द्रमुक से कनिमोई, राजद से मनोज झा, राकांपा से प्रफुल्ल पटेल एवं माजिद मेमन और कई अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए.