भीमा कोरेगांव हिंसा के प्रकरण में बंदी बनाए गए 84 वर्षीय जन अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के निधन पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी खेद व्यक्त किया है । हाई कोर्ट के जस्टिस एस एस शिंदे और एन जे जामदार ने अपने शोक संदेश में कहा ,
हम पूरी विनम्रता के साथ कहते हैं कि इस सूचना पर हमें खेद है ।यह हमारे लिए बड़ा झटका है ।हमने उन्हें उनकी पसंद के अस्पताल में भर्ती करने का आदेश दिया था ।पर आज हमारे पास उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए शब्द नहीं हैं ।
यह शोक संदेश फादर स्टेन स्वामी द्वारा वंचित तबकों की मदद और मानव अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने से अर्जित प्रतिष्ठा को प्रमाणित करता है ।
इस तारतम्य में फिर एक बार यह तथ्य उजागर हुआ है कि फासीवादी सरकार से असहमति रखने वाले हजारों बुद्धिजीवी और जन अधिकार कार्यकर्ता फर्जी आरोपों और क्रूर साजिशों का शिकार हो रहे हैं ।भारत के संवैधानिक मूल्यों और मानव अधिकारों की रक्षा की आवाज उठाने वाले लोगों को अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है ।
यह स्थितियां बेहद दुखद और चिंताजनक है ।
फादर स्टेन स्वामी के निधन पर सारी दुनिया में शोक और चिंता व्यक्त की जा रही है । वंचित तबकों की मदद और मानव अधिकारों की रक्षा हेतु संघर्षरत रहे फादर स्टेन स्वामी हमेशा याद रहेंगे । बेहद दुख और संवेदना के साथ उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित है ।