नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया) : ईडी की छापेमारी में बीएसपी के खाते में पैसे मिलने के बाद यूपी चुनाव की सियासी चहलकदमी तेज हो गई। मोदी ब्लैकमनी फॉर्मूला के जवाब में खुद मायावती मोर्चा संभालने आईं। मायावती ने प्रेस कांफ्रेस कर अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि बीएसपी ने पूरी इमानदारी के साथ पैसा जमा कराया है। सभी नियमों का पालन करते हुए बैंक में पैसा जमा कराया है।
इस मौके पर मायावती खासी नाराज नजर आईं। उन्होने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि अगर बीजेपी इस तरह के दो-चार फैसले और ले लेगी तो बीएसपी को यूपी में जीतने से कोई नहीं रोक सकता। क्योकि बीजेपी खुद ही अपनी हार की तैयारी कर रही है।
प्रेस कांफ्रेस करके मायावती ने बताया कि ये पैसा कहां से आया। उन्होने बताया कि अगस्त के महीने में पार्टी को ये रकम मिली थी, जो लोग पार्टी मेंबर बनते हैं वो छोटे नोटों में चंदा नहीं देते हैं बल्कि बड़े नोटों में देते हैं। मायावती के मुताबिक जब ये पैसा उनके पास आया तो उस वक्त नोटबंदी का नियम लागू नहीं हुआ था। ऐसे में दिल्ली के दफ्तर में पैसे के हिसाब किताब के बाद उसे जमा किया जाना था। उन्होने कहा कि नोटबंदी लागू होने के बाद हमारे दफ्तर में पैसा था। हम उसे फेंक थोड़ी देंगे। इस पैसे को पूरी प्रक्रिया के साथ बैंक में जमा कराया गया है। कोई हेरा-फेरी नहीं है, एक एक पैसा का हिसाब किताब मेरे पास है।
मायावती ने जांच को लेकर भी सवाल उठाए, उन्होने कहा कि बीएसपी की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर कुछ चैनलों और अखबारों ने ऐसी रिपोर्ट्स छापी हैं, उन्होने सवाल किया कि नोटबंदी के बाद बीजेपी समेत कई पार्टियों ने अपना पैसा बैंकों में जमा कराया लेकिन किसी की भी चर्चा भी नहीं हुई और न ही ऐसी खबरें मीडिया में आईं। मायावती ने इस जांच को दलित विरोधी करार देते हुए कहा कि ये केंद्र सरकार की दलित विरोधी मानसिकता का एक उदाहरण है। अगर वाकई वो जांच कर रहे हैं तो बताएं कि बीजेपी के पास कितना पैसा है।