naxaliबिहार में प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का कहर जा रही है. तमाम प्रयासों के बाद भी सुरक्षाबल नक्सलियों पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं. सुरक्षाबलों को नक्सलियों पर कार्रवाई करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नक्सली अपने सिद्धांतों को छोेड़कर और आंतक फैलाकर लेवी वसूलने का धंधा करने लगे हैं. मगध के क्षत्रे में सड़क से लेकर अन्य विकास कार्यों का ठेका लेने वाली कम्पनियां इस नक्सलियों की सॉफ्ट टारगेट हैं जिसकी वजह से मगध की कई बड़ी परियोजनाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं. यही हाल तिरहुत और उत्तर बिहार के इलाकों का भी है.

पिछले कई वर्षों में कई नक्सली संगठनों ने निर्माण कार्य स्थलों पर कंस्ट्रक्शन कम्पनियों के बेस कैम्पों पर हमला कर लेवी वसूलने का काम किया है. अभी कुछ दिनों पहले ही प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई ने ठेके पर काम कर रहीं कम्पनियों के चार बेस कैम्पों पर हमला किया था और कम्पनियों को चेतावनी दी कि अगर लेवी नहीं दिया, तो काम नहीं होने दिया जाएगा. जबकि इस वर्ष के शुरुआत में ही पटना के जोनल आईजी कुंदन कृष्णनंद और गया की एसएसपी गरिमा मलिक ने कंस्ट्रक्शन कम्पनियों से जुड़े ठेकेदारों को सुरक्षा का पूरा भरोसा दिया था. लेकिन अधिकारियों का यह आश्वासन कोई काम नहीं आया. गया जिले में विकास कार्यों में लगी ठेका कम्पनियों में नक्सलियों का भय व्याप्त है जिसकी वजह से कई योजनाएं अधूरी पड़ी हैं.

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10 मई 2016 की रात गया जिले के बेलागंज-खिजसराय सड़क के कार्य में लगी बाबा हंस कंस्ट्रक्शन कम्पनी के बेस कैम्प पर हमला कर नक्सली संगठन पीएलएफआई ने चार हाईवा, दो अर्थमुहर, एक जीप, एक डीजल टैंक और तीन बाइक को फूंक डाला. इस हमले से कम्पनी को लगभग एक करोड़ का नुकसान हुआ है. इसी प्रकार 20 मई 2016 की रात गया जिले के डोभी थाना क्षेत्र के पीड़ासीन गांव में संचालित ईंट भट्‌टा पर नक्सलियों ने हमला किया और नक्सलियों ने 60 हजार रुपये की लेवी न देने पर ईंट-भट्‌टा के मुंशी, फायर मैन और मजूदरों की जमकर पिटाई की. इस घटना में भी प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई का ही हाथ था. इसी प्रकार 29 मई 2016 की रात डुमरिया से पटना तक जाने वाले राज्य मार्ग के निर्माण में लगी राकेश कंस्ट्रक्शन कम्पनी के कपसिया-मथुरापुर स्थित बेसकैम्प पर पीएलएफआई के नक्सलियों ने हमला कर कर्मचारियों की पीटाई की और लेवी न देने पर बेसकैम्प को उड़ाने की धमकी दी.

1 जून 2016 की रात नक्सलियों ने एक साथ दो स्थानों गया जिले के बाराचट्‌टी थाना क्षेत्र एवं बांके बाजार थाना क्षेत्र में निर्माण कार्य में लगी कंस्ट्रक्शन कम्पनियों के बेस कैम्प पर हमला कर कई वाहनों को फूंक डाला. पीएलएफआई नक्सली संगठन ने बाराचट्‌टी थाना क्षेत्र के पतलुका पंचायत के इटवां गांव के पास सोभ-धनगाई रोड निर्माण में लगी रमिया कंस्ट्रक्शन कम्पनी के बेसकैम्प पर हमला कर 15 लाख रुपये की लेवी के रूप में मांग की. ज्ञात हो कि यह कम्पनी जमानत रिहा हुईं एमएलसी मनोरमा देवी के पति बिंदेश्वरी प्रसाद यादव उर्फ बिंदी यादव की है. बिंदी यादव अपने बेटे के द्वारा एक युवक की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं. नक्सलियों ने अपने छोड़े हुए पर्चे में कहा कि लेवी नहीं मिली, तो मोहनपुर थाना क्षेत्र के गणेशचक गांव में स्थित बिंदी यादव के घर को बम से उड़ा दिया जाएगा.

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1 जून की रात को ही बांके बाजार थाना क्षेत्र के खजूरिया गांव स्थित पुल निर्माण में लगी ठेका कम्पनी के अस्थायी कैम्प को पीएलएफआई के नक्सलियों ने केन बम से विस्फोट कर उड़ा दिया. कैम्प को उड़ाने के बाद नक्सलियों ने कम्पनी के मिक्सर मशीन और एक जेनरेटर को आग के हवाले कर दिया. घटना को अंजाम देने के पूर्व मंडावर नदी पर पुल निर्माण में लगी कंस्ट्रक्शन कम्पनी के मजदूरों को नक्सलियों ने अपने कब्जे में ले लिया और उनके हाथ-पांव बांध दिए. बाद में नक्सलियों ने काम बंद करने की चेतावनी देकर मजदूरों को छोड़ दिया. इससे पहले परैया थाना क्षेत्र में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के द्वारा 60 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण किया जा रहा है. पुल निर्माण का काम राकेश कंस्ट्रक्शन कम्पनी कर रही है. नक्सलियों ने लेवी न देने पर पुल का निर्माण कार्य बंद रखने चेतवानी दी है.

हाल के दिनों में माओवादियों से जुड़े नक्सली संगठन पीएलएफआई बहुत तेजी से गया जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिया हुआ है. पीएलएफआई ने अपने हथियारबंद दस्ते को मजबूत करने के लिए आतंक फैलाने का काम शुरू कर दिया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों में लगीं कंस्ट्रक्शन कम्पनियों की मुश्किल यह है कि कई तरह के नक्सली संगठनों का उन्हें सामना करना पड़ रहा है. किसी भी नक्सली संगठन के द्वारा विकास कार्यों में 10 से 20 प्रतिशत तक लेवी वसूली जाती है.  कम्पनियों की परेशानी यह है कि एक संगठन को मैनेज करती हैं, तो दूसरी ओर दूसरे संगठन के द्वारा भी लेवी वसूलने का कार्य किया जाता है. नक्सलियों के विकास विरोधी रवैये और लेवी वसूलने की वजह से ठेके पर काम करने वाली कई कंस्ट्रक्शन कम्पनियां कार्य छोड़कर बिहार से चली गई हैं. सुरक्षाबलों की स्थिति भी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अच्छी नहीं है. सुरक्षाबलों के तमाम प्रयासों के बावजूद कंस्ट्रक्शन कम्पनियों को सुरक्षा नहीं मिल पा रही है. जोनल आईजी कुंदन कृष्णानंद ने ठेके पर काम कर रहीं कंस्ट्रक्शन कम्पनियों से कहा था कि आप सब को डरने की कोई जरूरत नहीं है. सुरक्षा के तमाम उपाय किए जा चुके हैं और आप लोग निडर होकर कार्य करें. लेकिन पुलिस-पदाधिकारियों का यह आश्वासन हवा-हवाई साबित हुआ. हाल में हुई घटनाओं के बाद सभी क्षेत्रों में काम बंद है. वहीं नक्सली अपनी सफलता पर जगह-जगह जश्न मनाने में लगे हैं.

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