कहते हैं ना कि दिल का दर्द कभी न कभी सामने आ ही जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ. अपने कार्यकाल में उन्होंने मूक प्रधानमंत्री के खूब ताने सुने. लेकिन जब देश का मौजूदा पीएम ऐसा हो जो केवल बोलने के लिए ही मशहूर हो तो मनमोहन सिंह का भी उन पर व्यंग्य करना बनता है.
दिल्ली में मंगलवार को आयोजित एक समारोह में मनमोहन सिंह ने नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि मैं ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था जो मीडिया से बात करने में डरता हो.
मैंने विदेश यात्राओं के दौरान मुलाकातें कीं और इन यात्राओं में साथ गए मीडिया प्रतिनिधियों ने बातचीत भी करता था. मनमोहन सिंह ने कहा कि तब भी लोग कहते हैं कि मैं मूक प्रधानमंत्री था.
पूर्व प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था का बड़ा पॉवर हाउस बनना भारत के भाग्य में लिखा है. उन्होंने कहा कि सभी बाधाओं और व्यवधानों के बावजूद भी भारत सही दिशा में आगे बढ़ता रहेगा. सन् 1991 के बाद भारत की वार्षिक वृद्धि दर सात प्रतिशत बनी हुई है.
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा कृषि ऋण माफी की घोषणा से जुड़े सवाल के जवाब में मनमोहन सिंह ने कहा हमें चुनावी घोषणा पत्र में जताई गई प्रतिबद्धता का सम्मान करना है.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके मनमोहन सिंह ने केंद्रिय बैंक और केंद्र सरकार के संबंधों के बारे में कहा कि रिजर्व बैंक और सरकार का संबंध पति-पत्नी की तरह है.