मध्य प्रदेश के भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी उमीदवार और मालेगांव बम धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपनी पार्टी की फ़ज़ीहत कराने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ रहीं हैं। पहले शहीद हेमंत करकरे के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया फिर महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को सबसे बड़ा देशभक्त बता दिया। लेकिन साध्वी के लिए मुश्किलें काम नहीं हुईं है। मालेगांव धमाकों की सुनवाई कर रही NIA कोर्ट ने आरोपियों की कोर्ट में मौजूद नहीं रहने पर सख्त नाराजगी जताई। मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने अब सभी आरोपियों को हफ्ते में एक दिन सुनवाई के दौरान हाजिरी लगाने का निर्देश दिया।
Special NIA court in Mumbai directs all accused of Malegaon 2008 blast case to remain present before the court atleast once a week.Accused include Pragya Thakur, Lt Col Prasad Purohit and others.Court expressed displeasure over their absence in courtroom. Next hearing on May 20 pic.twitter.com/CSqSPX0zyy
— ANI (@ANI) May 17, 2019
मामले की सुनवाई कर रही कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में जो भी आरोपी हैं वो कम से कम एक दिन अदालत में हाज़िरी लगाएंगे। आरोपियों के वकील ये सुनिश्चित करें की आगे ऐसी गलती दोबारा न हो। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 मई की तय की है। स्पेशल एनआईए कोर्ट मुंबई ने 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस के सभी आरोपियों से सप्ताह में एक बार सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान आरोपियों की गैर-मौजूदगी पर भी कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।
इससे पहले विशेष अदालत ने धमाके के आरोपी और फिलहाल ज़मानत पर बाहर कर्नल पुरोहित की आरोप तय करने पर स्टे की मांग खारिज कर दी थी। मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मालेगांव ब्लास्ट मामले की एसआईटी से जांच कराने की याचिका पर सुनवाई से ही इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह अपनी इस अर्जी को ट्रायल कोर्ट में ही दाखिल करें।
कौन हैं मालेगांव धमाके के आरोपी ?
जिन 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय हुए, उनमें साध्वी प्रज्ञा, रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, ले.क. पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और अजय राहिरकर के नाम शामिल हैं।
इस संगीन मामले में सातों आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 18 और 16, आईपीसी की धारा 120 बी, 302, 307, 324, 326, 427, 153ए और विस्फोटक कानून की धारा 3,4,5 और 6 के तहत आरोप तय किए गए हैं। इसमें धारा 302 हत्या, 120 बी साजिश रचने और 307 हत्या की कोशिश करने के लिए लगाई गई है।