नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर सरकार बना रही है और उसकी इस जीत में सोशल मीडिया और पारंपरिक मीडिया की भी भूमिका रही जहां भाजपा अपने लक्षित जनसमूह तक अपने प्रतिद्वंद्वियों की अपेक्षा ज्यादा व्यवस्थित तरीके से पहुंचन में सफल रही है. भाजपा का कुशल सोशल मीडिया तंत्र कई महीनों पहले ही सक्रिय हो गया था और इसने बहुत जल्द ही प्रिंट, टीवी और सोशल मीडिया नेटवर्को पर सबसे शीर्ष रेटिंग हासिल कर ली.
पार्टी ने अधिकतम मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आकर्षक रेडियो जिंगल्स का सहारा लिया जो देश-भर में एफएम चैनलों पर चलते रहे. भाजपा के ‘फिर एक बार मोदी सरकार’, ‘मोदी है तो मुमकिन है’, ‘मैं भी चौकीदार’ और ‘आएगा तो मोदी ही’ जैसी आकर्षक कैचलाइन हर आयु वर्ग में लोकप्रिय रही. पार्टी का ‘मैं भी चौकीदार’ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अविश्वसनिय रूप से सफल रहा, वहीं कांग्रेस का ‘चौकीदार चोर है’ अभियान कोई प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहा.
The people of India became Chowkidars and rendered great service to the nation. Chowkidar has become a powerful symbol to safeguard India from the evils of casteism, communalism, corruption and cronyism.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 23, 2019
नोएडा स्थित प्रमुख मार्केर्टिग कंपनी बुजोका द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार, जहां देश के 54 प्रतिशत शीर्ष डिजिटल मीडिया विश्लेषकों ने माना कि मैं भी चौकीदार अभियान प्रभावशाली रहा, वहीं 65 प्रतिशत ने माना कि चौकीदार चोर है अभियान एक गलती थी. लगभग 91 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि डिजिटल मीडिया देश में मतदाताओं पर प्रभाव डालने में प्रभावी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी सोशल मीडिया पर सबसे सक्रिय नेता और पार्टी रहे.
एक माध्यम के तौर पर रेडियो ने राजनीतिक विज्ञापनों में उल्लेखनीय प्रगति की और भाजपा ने सभी रेडियो जिंगल्स पर अपनी पहुंच बनाई. टैम मीडिया रिसर्च के एक भाग टैम एडएक्स के अनुसार, भाजपा ने मार्च में 88 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ रेडियो पर राजनीतिक विज्ञापन दिए. सोशल मीडिया पर प्रचार के मामले में भाजपा बहुत पहले ही अन्य दलों से आगे निकल गई थी.
फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन पोस्ट करने के मामले में राजनीतिक दलों ने कुल 27.73 करोड़ रुपये चुकाए जिनमें भाजपा सबसे आगे रही. फेसबुक पर भाजपा ने अकेले चार करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए जो कांग्रेस के 1.8 करोड़ से 200 प्रतिशत ज्यादा था. ट्विटर पर मोदी के फॉलोवरों की संख्या 4.63 करोड़ है, वहीं राहुल के फॉलोवर 88 लाख से अधिक हैं. सिर्फ ट्विटर ही नहीं, फेसबुक पर मोदी के 4.3 करोड़ फॉलोवर हैं, जबकि राहुल के सिर्फ 25 लाख फॉलोवर हैं. ‘नरेंद्र मोदी’ एप को ही एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया हुआ है.