कांग्रेस की पूर्व सांसद व वर्तमान में महिला इकाई की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफे की जानकारी सोनिया गांधी को पत्र के माध्यम से दी है। सुष्मिता देव का पार्टी से इस्तीफा देना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

दरअसल, सुष्मिता देव 2014 के लोकसभा चुनाव में असम की सिल्चर सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बनीं थीं। इसके बाद उन्हें ऑल इंडिया महिला कांग्रेस का कार्यभार भी दिया गया था। लेकिन, असम विधानसभआ चुनाव में हार के बाद सुष्मिता देव का इस्तीफा कांग्रेस के लिए और भी मुसीबत बन गया है।

वाट्सएप गुप छोड़ा, ट्विटर पर चेंज किया बायो
इस्तीफा देने से पहले सुष्मिता देव ने कांग्रेस पार्टी का वाट्सएप ग्रुप भी छोड़ दिया था। वहीं उन्होंने ट्विटर से अपना बायो भी हटा लिया है। अब उन्होंने खुद को बायो में कांग्रेस पार्टी का पूर्व नेता बताया है। यह कदम सुष्मिता देव ने तब उठाया है, जब ट्विटर ने उनके अकाउंट को निलंबित कर दिया है। सुष्मिता भी उन नेताओं में से एक हैं, जिनका ट्विटर अकाउंट राहुल गांधी के साथ निलंबित किया गया है।

सुष्मिता देव का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए बड़ा झटका
सुष्मिता देव असम और बंगाल के बड़े नेता संतोष मोहन देव की बेटी हैं। वह असम की सिल्चर सीट से सांसद चुनी गई थीं। इनके कांग्रेस छोड़ने को पार्टी के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है।

युवा नेता पार्टी छोड़ते हैं तो बुजुर्गों पर आरोप लगता है: सिब्बल
कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले पर पार्टी आलाकमान को लेकर नाराजगी भरी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब युवा नेता पार्टी छोड़कर जाते हैं तो इसका आरोप पार्टी के पुराने और बुजुर्ग नेताओं पर लगता है। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी आगे बढ़ती रहती है।

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