नई दिल्ली (चौथी दुनिया)। 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित नतीजों को देखने के बाद कांग्रेस का मनोबल बुरी तरीके से टूट गया है। खासकर मणिपुर और गोवा में बड़ी पार्टी बनने के बाद भी सरकार नहीं बना पाने की वजह से कांग्रेस खासी दुखी है। ऐसा ही कुछ हाल सपा, बसपा और दूसरी क्षेत्रिय पार्टियों का भी है। 2019 को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी स्वीकार किया कि, मोदी लहर से जीतना इतना आसान नहीं होगा।
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जदयू के नेता संजय सिंह ने कहा कि मोदी के विकल्प को तैयार करने के बाद ही 2019 में प्रभावी तौर पर चुनाव लड़ा जा सकता है। अभी 2019 के चुनाव में काफी वक्त है। अगर सभी नेता सब मिलकर इस पर मंत्रणा करें तो उचित रास्ता निकाला जा सकता है। जदयू और कांग्रेस नेताओं के बयान साफ कर रहे हैं की महागठबंधंन के तार जोड़े जाने शुरू हो चुके हैं। सब किसी एक पहल का इंतजार कर रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि महागठबंधन बनाने में दूसरे दल कितने कामयाब हो पाते हैं।
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