laluलंबे अरसे बाद गया की धरती पर पहुंचे लालू प्रसाद ने मगध की राजनीति को गरमा दिया है. मौका था गया के चेरकी स्थित यतीमखाना के सौ वर्ष पूरे होने पर आयोजित शताब्दी समारोह का. लेकिन इस समारोह में यतीमखाना के विकास या यहां रहने वाले यतीम बच्चों के कल्याण की बातें नहीं हुई, हुई तो सिर्फ राजनीति और धर्म की बात. राजद के नेता तो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद की प्रशंसा में कसीदे पढ़ने में लगे रहे. नेताओं में होड़ लगी थी कि कौन खुद को राजद अध्यक्ष का सबसे बड़ा विश्वासपात्र साबित करता है. हालांकि यह होड़ पार्टी की भलाई के लिए भी नहीं थी, सभी अगले चुनाव के लिए अपना टिकट कन्फर्म करने की फिराक में थे.

अपने सम्बोधन में राजद अध्यक्ष ने यतीमखाना के सौ वर्ष पूरे होने पर बधाई तो दी, लेकिन उसके बाद पूरे समय उनके निशाने पर नीतीश और मोदी ही रहे. गया जिले के अपने सभी विधायकों तथा राजद कार्यकर्ताओं के बीच लालू प्रसाद ने अपने वोट बैंक को और मजबूत करने का प्रयास किया. इस समारोह में लालू प्रसाद पूरे तेवर में दिखे. उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. सद्दाम हुसैन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि मुझे फांसी भी दे दें, तो भी मैं नरेन्द्र मोदी के सामने झुकने वाला नहीं हूं. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश चल रही है.

राजनीतिक साजिश के तहत मुझे फंसाने का प्रयास किया जा रहा है. इसे जनता समझ रही है और समय आने पर करारा जबाव देगी. लालू प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार गिरगिटिया पहलवान हैं. वे गिरगिट की तरह रंग बदलकर हमें डराते हैं. ऐसा सिंद्धातविहीन व्यक्ति मैंने कभी नही देखा. उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा को बिहार की सत्ता से दूर रखने के लिए नीतीश कुमार का साथ दिया था, लेकिन नीतीश कुमार की पीठ पर नरेन्द्र मोदी बैठ कर सवारी करने लगे. नरेन्द्र मोदी तोते की तरह नीतीश कुमार को पढ़ा रहे हैं.

राजद सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तानाशाह वाला रवैया अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली का बादशाह तानाशाह बन गया है. जो इनके खिलाफ बोलता है, उसके खिलाफ ये केस कर देते हैं. राबड़ी देवी हो या मेरे बेटे, सभी पर इन्होंने केस लाद दिया है. ये बंदरघुड़की से हमें डराना चाहते हैं, लेकिन हम नरेन्द्र मोदी के सामने झुकने वाले नही हैं. इन्हें याद रखना चाहिए कि इस देश का इंसान किसी के सामने नहीं झुकता, सिर्फ खुदा के सामने झुकता है. लालू प्रसाद ने कहा कि लोग पहले बाघ व सियार से डरते थे, लेकिन अब गाय से भी डर रहे हैं. यह देश सभी का है. देश के लिए जितनी कुर्बानी हिन्दू भाईयों ने दी है, उससे कम इस्लाम धर्म के मानने वालों ने नहीं दी है. अंगे्रजों के जमाने से ही हिन्दू व मुस्लिम भाइयों में राष्ट्रवादिता भरी हुई है, लेकिन कुछ लोग अब इन्हें देशद्रोही बता रहे हैं. साढ़े तीन साल गुजर गए, वर्ष 2014 में वादा किया था गया था कि काला धन लाएंगे. लोगों ने खूब खाते भी खुलवाए, लेकिन कुछ नहीं मिला. लालू प्रसाद ने इस समारोह में मीडिया को भी निशाने पर लिया.

उन्होंने कहा कि टीवी, अखबार सब बिक चुका है, लेकिन सोशल मीडिया पर सारी चीजें चल रही हैं. उन्होंने कहा कि एक चर्चित कांड में जब जज ने भाजपा नेता के खिलाफ कदम उठाया तो इसकी हत्या कर दी गई. ये लोग कई प्रकार की सेना बनाकर लोगों को डरा रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में मुस्लिम भाइयों ने जो संयम और धैर्य रखा है, वह प्रंशसा के योग्य है. उन्होंने कहा कि हाल में हुए छात्र संघ के चुनाव में कई विश्वविद्यालयों में भाजपा का छात्र संगठन एबीवीपी हार गया.

बेराजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं को लेकर भी राजद अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री और सत्ताधारी पार्टी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि हर साल दो-दो करोड़ लोगों को नौकरी देंगे, किसानों को उनकी लागत का दोगुना मुनाफा देने की बात कही गई थी, लेकिन कुछ नहीं मिला. किसान आत्महत्या कर रहे है, लेकिन भाजपा के लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता. नोटबंदी व जीएसटी ने देश तथा देशवासियों की कमर तोड़ दी है.

इस समारोह में लालू प्रसाद अपने पुराने तेवर में दिखे. कार्यकर्ताओं की भीड़ देखकर वे उत्साहित थे. राजद के कार्यकर्ता भी लंबे अरसे बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपने बीच पाकर अति उत्साहित थे. इस समारोह को गया जिले के सभी राजद विधायकों ने भी संबोधित किया. हालांकि राजद के किसी वरीय नेता ने भी इस समारोह में यतीमखाना की बात नहीं की. सभी लालू प्रसाद के सम्मान में अपनी बातें कहते रहे. लालू प्रसाद ने अपने तेवर से यह संदेश दे दिया कि आने वाले चुनाव में राजद नीतीश कुमार, भाजपा और एनडीए के खिलाफ मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतरेगा, इसका परिणाम चाहे जो भी हो.

 

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