लोकसभा चुनाव लगभग डेढ़ साल दूर है, लेकिन अभी से इसकी आहट महसूस होने लगी है. बिहार की राजनीति के दो प्रमुख दल भाजपा एवं जदयू 2019 में ताल ठोकने की तैयारी में जुट गए हैं. सभी 40 लोकसभा सीटों पर तैयारी के साथ दोनों दल एक-दूसरे पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. हाल के दिनों में भाजपा ने ये संकेत दे दिया है कि वो जदयू को ज्यादा सीटें नहीं देगी. यही कारण है कि जदयू भी सीट-दर-सीट अपनी सियायी ताकत दिखाने की तैयारी कर रही है, ताकि भाजपा पर दबाव बनाया जा सके. इधर बेगूसराय में चुनावी हलचल कुछ ज्यादा ही तेज हो गई है. सियासी हलकों में चर्चा ये भी है कि अगर जदयू को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं, तो गठबंधन टूट भी सकता है. ऐसी स्थिति के मद्देनजर, स्थानीय नेताओं ने अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है. साथ ही दूसरे दलों के नेताओं ने भी टिकट के लिए अभी से जोर-आजमाइश शुरू कर दी है.
बेगूसराय संसदीय सीट पर भाजपा का कब्जा है, डॉ भोला सिंह यहां से सांसद हैं. लिहाजा, किसी भी हाल में भाजपा यह सीट नहीं छोड़ेगी. हालांकि डॉ भोला सिंह के अलावा कई अन्य दिग्गज स्थानीय नेता भी इस सीट पर नजर बनाए हुए हैं. इस कड़ी में पहला संभावित नाम है, नवादा के सांसद केन्द्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह का. 2014 के लोकसभा चुनाव से ही गिरिराज सिंह की नजर बेगूसराय संसदीय सीट पर है. 2014 में तो उन्होंने घोषणा कर दी थी कि चुनाव लड़ूंगा तो बेगूसराय से अन्यथा चुनाव नहीं लड़ूंगा. लेकिन इस लड़ाई में तत्कालीन नवादा सांसद डॉ भोला सिंह की जीत हुई और वे बेगूसराय से प्रत्याशी बनाए गए. गिरिराज सिंह अब भी बेगूसराय को भूले नहीं हैं और हसरत-भरी निगाहों से बेगूसराय संसदीय सीट को देख रहे हैं. इस सीट के लिए भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री और बिहार विधान परिषद में पार्टी के मुख्य सचेतक रजनीश कुमार भी जोर-आजमाइश कर रहे हैं. वहीं भाजपा के प्रदेश मंत्री राम लखन सिंह की भी निगाह इस सीट पर है. बेगूसराय जिले के पूर्व भाजपा अध्यक्ष राम लखन सिंह आरएसएस कैडर से आते हैं. बेगूसराय में भाजपा को शहरों से गांवों तक पहुंचाने का श्रेय राम लखन सिंह को ही जाता है. इधर बेगूसराय नगर निगम के महापौर उपेन्द्र प्रसाद सिंह भी अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी का टिकट पाने की जुगत में लगे हैं. उपेन्द्र प्रसाद सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं. समाज सेवा और सामाजिक कार्यों के कारण ये स्थानीय स्तर पर काफी लोकप्रिय हैं.
जदयू की तरफ से बेगूसराय सीट पर दावेदारी की बात करें, तो यहां बिहार सरकार के मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का पलड़ा भारी है. मटिहानी के विधायक नरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह भी इस सीट पर नजर गड़ाए हुए हैं. वे लगातार चार टर्म से मटिहानी के विधायक हैं. इस सीट के संभावित प्रत्याशियों में बिहार सरकार की मंत्री कुमारी मंजू वर्मा के नाम की भी चर्चा है. वहीं बेगूसराय के एक लोक सेवक को प्रत्याशी बनाए जाने की भी चर्चा है. जदयू के शरद गुट की तरफ से साहेबपुर कमाल की पूर्व विधायक एवं बिहार सरकार की पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह का नाम बेगूसराय सीट के लिए चर्चा में है. सिर्फ भाजपा एवं जदयू ही नहीं बल्कि अन्य दल भी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. गत लोकसभा चुनाव में राजद-कांग्रेस का गठबंधन था और ये सीट राजद के खाते में गई थी. राजद ने यहां से डॉ तनवीर हसन को चुनाव मैदान में उतारा था. लेकिन डॉ भोला सिंह से ने डॉ तनवीर हसन को पराजित कर दिया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी डॉ तनवीर हसन राजद के प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं. वहीं इस सीट के लिए बिहार सरकार के पूर्व मंत्री राम जीवन सिंह के नाम की भी चर्चा है. दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी से बिहार महिला कांग्रेस की अध्यक्षा एवं बेगूसराय की विधायक अमिता भूषण को इस सीट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है.
इसके साथ ही बिहार सरकार के पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद एवं बछवाड़ा विधायक रामदेव राय और पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष अभय कुमार सिंह उर्फ सार्जन भी बेगूसराय से टिकट पाने वालों की दौड़ में शामिल हैं. लोजपा की बात करें तो पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी मुंगेर की सांसद वीणा देवी और चेरिया बरियारपुर के पूर्व विधायक अनिल चौधरी यहां से पार्टी के टिकट के लिए प्रयासरत हैं. वहीं रालोसपा से पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुदर्शन सिंह एवं प्रदेश महासचिव संजू प्रिया के नाम की चर्चा है. यह लगभग तय है कि बेगूसराय संसदीय सीट पर सीपीआई एवं सीपीएम की तरफ से साझा उम्मीदवार उतारा जाएगा. इस कड़ी छात्र नेता कन्हैया कुमार के नाम की चर्चा जोरो पर है. वे यहां से चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं पूर्व सांसद एवं बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह और पूर्व विधायक एवं पूर्व प्रदेश मंत्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह भी सीपीआई-सीपीएम का उम्मीदवार बनने के लिए प्रयासरत हैं. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि यदि भाजपा-जदयू-रालोसपा-लोजपा का गठबंधन कायम रहता है, तो बेगूसराय संसदीय सीट भाजपा के खाते में जाएगा और डॉ भोला सिंह प्रत्याशी के प्रबल दावेदार होंगे. इसी प्रकार राजद-कांगे्रस गठबंधन कायम रहने की स्थिति में डॉ तनवीर हसन, अमिता भूषण, रामदेव राय, अभय कुमार सिंह सार्जन में से एक प्रत्याशी हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में भाजपा गठबंधन, राजद गठबंधन एवं वामदल गठबंधन के प्रत्याशियों के बीच त्रिकोणात्मक संघर्ष होगा.