नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने ट्विटर को एक्जिट पोल संबंधी एक ट्वीट को संभवत: हटाने को कहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बुधवार को बताया कि चुनाव आयोग ने यह कदम एक शिकायत मिलने के बाद उठाया है। साथ ही बताया कि यूजर ने बाद में ट्वीट हटा लिया। हालांकि सूत्रों ने शिकायत के संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं दी है।
एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, “चुनाव आयोग की ओर से ऐसा कोई आदेश आज जारी नहीं किया गया है। हमें बस एक मामले की जानकारी दी गई थी, जिसे यूजर ने खुद ही हटा लिया था।”
इससे एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने तीन मीडिया आउटलेट को लोकसभा चुनावों के “नतीजों का अनुमान” जताने वाले सर्वेक्षण का कथित तौर पर प्रकाशन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
Election Commission of India has ordered Twitter India to remove all the tweets related to 2019 Lok Sabha elections exit polls. pic.twitter.com/N5ed3QW9Xd
— ANI (@ANI) May 15, 2019
क्या है नियम ?
रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्ट की धारा 126ए के मुताबिक- कोई भी व्यक्ति चुनाव के दौरान किसी भी तरह के एग्जिट पोल को प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित या उसका प्रचार नहीं कर सकता। चुनाव का वक्त पहले दिन की वोटिंग से शुरू होकर अंतिम दिन के मतदान के आधे घंटे के बाद तक माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के एग्जिट पोल के प्रकाशन की अनुमति नहीं होती।
अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसे जेल जाना पड़ सकता है। इसकी अवधि दो साल तक हो सकती है। साथ ही जुर्माना या जेल के साथ जुर्माने की सजा हो सकती है। अंतिम चरण का मतदान 19 चरण को है।