दुकान बंद कराने का विवाद, महिला, बच्चों को बेरहमी से पीटा, फोड़ डाला घर का सामान
भोपाल ब्यूरो रात्रिकालीन कर्फ्यू का पालन कराने निकले पुलिस जवानों ने हैवानियत की हदें पार कर दीं। देर तक दुकान खोलने को लेकर नाराज हुए पुलिस वालों ने पहले दुकानदार से विवाद किया, बाद में दुकानदार के घर में घुसकर सारा सामान तोड़फोड़ दिया। इस दौरान महिलाओं और बच्चों पर बेरहम डंडे और पाइप भी बरसाए गए। जिससे दोनों को गंभीर चोट आई है। इधर अपने बचाव में जुटी पुलिस दुकानदार द्वारा हमला किए जाने के मनगढ़ंत किस्से बनाने में भी जुट गई है।
मामला शनिवार रात को उस समय हुआ, जब थाना हनुमानगंज के उप निरीक्षक संजय दुबे, सहायक उप निरीक्षक अरविंद जाट और प्रधान आरक्षक लोकेश जोशी रात्रिकालीन कर्फ्यू का पालन कराने गश्त पर निकले। इस दौरान काजी कैंप इलाके में जहीर मौलाना नामक व्यक्ति की चाय की दुकान खुली होने की बात पता चली। जवानों के अचानक पहुंचने से दुकान और उसके आसपास खलबली और भगदड़ का माहौल बन गया।
कहा जा रहा है कि इस दौरान चाय दुकान पर मोजूद कुछ ग्राहकों ने पुलिस जवानों से धक्का मुक्की भी की और उन पर गर्म पानी और चाय फेंक दी। हालात देखकर जहीर मौलाना ने दुकान का शटर अंदर से बंद कर लिया और मौके से भाग निकला। इससे बौखलाए पुलिस जवानों ने जहीर के घर पर धावा बोल दिया और जमकर तोड़फोड़ करते हुए पूरा घर तहस नहस कर दिया। इस दौरान घर में मौजूद महिलाओं और बच्चों पर जमकर लाठियां और लोहे के पाइप बरसाए गए। जिससे महिला की गर्दन और हाथ में चोट आई हैं। जबकि एक मासूम बच्ची का पैर बुरी तरह जख्मी हो गया है।
पुलिस जुटी अपने बचाव में
सूत्रों का कहना है कि थाना प्रभारी हनुमानगंज अपने पुलिसकर्मियों को जबरन हॉस्पिटल भेज रहे हैं। उनका झूठा उपचार करवाया जा रहा है। मामले को गंभीर बनाने के लिए उनके हाथों में पट्टी बंधवा दी गई हैं, जिससे कि केस कमज़ोर हो तथा मामले में पुलिस पर हमला प्रतीत हो। जानकारी के मुताबिक दुकानदार जहीर, उसके बेटों सहित कई लोग पुलिस कार्यवाही में आ चुके हैं, जबकि पुलिस की बर्बरता पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
मामला की शिकायत होगी आयोग में
नाइट कर्फ्यू के दौरान देर रात तक दुकान खोलने की बात से सभी लोग असहमत हैं और इसके लिए जहीर को कुसुरवार मान रहे हैं। लेकिन उसके घर में पुलिस के तांडव और महिला और बच्ची की पिटाई से शहर खफा है। पुलिस की इस कार्यवाही को लेकर राज्य महिला आयोग, बाल आयोग और अल्पसंख्यक आयोग में शिकायत की तैयारी की जा रही है।
इनका कहना है
मामले की जांच एडिशनल एसपी और महिला सीएसपी से करवाई जा रही है। हालांकि प्रथम दृष्टया नाइट कर्फ्यू के उल्लंघन, पुलिस पर हमला करने की बात सामने आई है। महिला और बच्ची को पुलिस द्वारा पीटने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। जांच रिपोर्ट आने पर कार्यवाही की जाएगी।
इरशाद वली,
डीआईजी, भोपाल