लोजपा ने 2019 के लोकसभा और 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव का गया से शंखनाद कर दिया है. गत 15 नवम्बर को गया के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में लोजपा के गया जिले का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित हुआ. इसमें लोजपा संसदीय बोर्ड के चेयरमैन सांसद चिराग पासवान ने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा और 2020 में होने वाले बिहार विधान सभा की चुनावी तैयारी में जिले से लेकर गांव तक के कार्यकर्ता अभी से लग जाएं. उन्होंने इशारों-इशारों में यह भी संदेश दे दिया कि हमारे लिए सीट मायने नहीं रखेगी. हमें एनडीए को किसी भी कीमत पर मजबूत बनाए रखना है और इसके लिए उन्होंने लोजपा कार्यकर्ताओं को अभी से तन-मन से जुट जाने के लिए कहा.
गौरतलब है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में लोजपा ने मगध की 26 सीटों में से महज 4 पर ही चुनाव लड़ा था. लेकिन फिर भी चिराग पासवान पूरे जिले के कार्यकर्ताओं को कमर कसने के लिए कह रहे हैं. चिराग पासवान ने सम्मेलन में यह भी कहा कि 27 साल बाद केंद्र एवं राज्य में एक पार्टी की सरकार बनी है. इतने सालों तक केंद्र और राज्य सरकार के बीच हमेशा खींचा-तानी होती रही है. इसलिए अभी समय है, संगठित होकर काम करने का. इन्होंने कहा कि लोजपा का एक ही मकसद है, पुन: एनडीए की सरकार बने. हम सिर्फ लोजपा के उम्मदीवार को जिताने के लिए प्रयास नहीं करेंगे, बल्कि एनडीए के हर उम्मीदवार की जीत हमारे लिए मायने रखती है. इसके लिए लोजपा बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को संगठित करेगी.
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में चिराग पासवान ने यह स्पष्ट किया कि लोजपा एनडीए का हिस्सा है और लोकसभा चुनाव में गठबंधन के शीर्ष नेता जो तय करेंगे, पार्टी उसे मानेगी, वो चाहे सीट की बात हो या नीतियों की. गठबंधन की अपनी मर्यादा है. हमने सीटों की मांग पहले भी नहीं की थी. अब जदयू भी नए सहयोगी के रूप में आ गया है, तो हम और मजबूत ही हुए हैं. इसबार हम सभी मिलकर लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि अभी संगठन को मजबूत करने के लिए मैं पूरे बिहार का भ्रमण कर रहा हूं. इस क्रम में अब तक 17 जिलों में सम्मेलन हो चुका है. दिसंबर माह तक अन्य जिलों में भी पार्टी का सम्मेलन होगा. सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान सांसद चिराग पासवान ने कहा कि महिला आयोग, अतिपिछड़ा आयोग, मानवाधिकार आयोग की तरह युवाओं के लिए राष्ट्रीय युवा आयोग का गठन होना चाहिए. इसके लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से भी बात की जा रही है. इस आयोग के गठन से रोजगार, बेराजगाारी भत्ता, खेलकूद आदि की सुविधा युवाओं को मिलेगी. इस मौके पर उन्होने तेजस्वी व तेजप्रताप को सलाह दी कि वे अपने पिता लालू प्रसाद के नक्श-ए-कदम पर नहीं चलें. जब उनसे पूछा गया अगर तेजस्वी सीएम बने, तो क्या आप सहयोग करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वे मेरे छोटे भाई जैसे हैं, अगर मौका मिला तो जरूर सहयोग करेंगे.
सासंद ने बताया कि युवाओं के लिए प्रधानमंत्री ने विशेष ध्यान रखा है. देश के युवा नौकरी लेने के बजाए रोजगार देने वाले बनें, इसके लिए मुद्रा योजना और र्स्टाटअप योजना जैसे कई कार्यक्रम शुरू हुए हैं. कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र के कम से कम एक युवा को इस योजना का लाभ जरूर दिलाएं. अगर गांव का लड़का उद्यमी बनता है, तो इससे पूरे गांव का विकास संभव है. सांसद ने कहा कि देश के 33 प्रतिशत युवाओं की उम्र 35 से भी कम है. ये युवा प्रदेश के साथ-साथ देश की भी राजनीति बदल सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी जी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने महिलाओं और उनके स्वास्थ्य की चिंता की. हमारी भी जिम्मेदारी है कि इन योजनाओं का लाभ ग्रामीण महिलाओं तक पहुंचाया जाय. केन्द्र व राज्य की योजनाएं अगर सही मायने में धरातल पर उतरें, तो बिहार विकसित राज्यों की श्रेणी में आ जाएगा. हमें ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि बिहार के नौजवान शिक्षा व रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन न करें. उन्होंने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि आप सरकार की सभी योजनाओं के बारे में जानकारी रखें, ताकि जरूरतमंदों को इसका लाभ दिला सकें.प