जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रदेश में विधानसभा भंग करने के अपने फैसले को सही करार दिया. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश के सियासी हालात ही कुछ ऐसे हो गए थे कि हमें विधानखभा को भंग करना पड़ा क्योंकि हमारे पास दूसरा कोई विकल्प मौजूद ही नहीं था.

जब उनसे ये पूछा गया कि आपने विधानसभा गलत समय पर भंग किया तो उन्होंने कहा कि विधानसभा गलत समय पर नहीं, एकदम सही समय पर भंग किया गया है. अभी जो ये महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दूल्ला सरकार बनाने के लिए जल्दी में है न इन्होंने ही सदन में विधानसभा भंग करने की मांग की थी.

इतना ही नहीं, मुझे तो विधायकों के खरीद परोख्त की भी जानकारी मिल रही थी. हालात बहुत खराब हो गए थें किसी के पास बहुमत का आकड़ा भी नहीं था साबित करने के लिए.

पहले प्रदेश के हालात ऐसे नहीं थे जैसे कि विधानसभा भंग होने के समय हो गए थे. पहले सबकुछ सुचारु रुप से चल रहा था, यहां तक निकाय चुनाव भी हमने बहुत शांति से करवा लिया था. कोई पत्थरबाजी भी नहीं हो रही थी. प्रदेश में लोकतंत्र अच्छे से व सुचारु रुप से काम कर रहा था. लेकिन, जब मैंने देखा कि प्रदेश के सियासी हालात अब बद से बदतर हो चुके है. लोकतंत्र सुचारु रुप से काम नहीं कर पा रहा है, इसलिए हमने प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष को भंग कर दिया है.

गौरतलब है कि गत बुधवार को प्रदेश में सियासी दलों के मध्य एकता का सूत्र कुछ इस तरीके से बंधे हुए दिखा कि तीनों ही दल एक साथ गठबंधन में तब्दील होकर सरकार बनाने के लिए तैयार हो तक हो गए. फिलहाल, अभी अंतिम फैसला आना बाकी है कि सरकार बनेगी की नहीं.

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