रालोसपा के विधायक ललन पासवान सासाराम से भाजपा के टिकट पर चुनावी अखाड़े में उतर सकते हैं. भाजपा और ललन पासवान दोनों ने ही इस काम के लिए होमवर्क कर लिया है. बताया जा रहा है कि ललन पासवान को भाजपा ने इशारा कर दिया है और सही समय का इंतजार करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि पिछले चुनाव में भाजपा के छेदी पासवान ने यहां से कांग्रेस की मीरा कुमार को पछाड़ कर दिल्ली का सफर तय किया था. इस बार संभावना है कि सासाराम की धरती पर मीरा कुमार का मुकाबला ललन पासवान से होगा.
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सासाराम को लेकर एक चर्चा यह भी है कि नीतीश कुमार के दूतों ने ललन पासवान को जदयू में आने का न्योता दिया है. ललन पासवान से कहा गया है कि अगर वे जदयू में आ जाते हैं, तो पार्टी भाजपा से सासाराम सीट की मांग करेगी. यहां तक कि रालोसपा के कई नेता भी ललन पासवान को इस बात के लिए मना रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा से नाराज सारे लोग एक साथ जदयू का दामन थाम लें. लेकिन ललन पासवान के बारे में कहा जा रहा है कि उनकी दिली इच्छा भाजपा के टिकट पर सासाराम से चुनाव लड़ने की है.
ललन पासवान के करीबियों का कहना है कि नेताजी अब दिल्ली की राजनीति में अपना जलवा दिखाना चाहते हैं और इसके लिए भाजपा उन्हें सही मंच लग रहा है. इस बारे में कुरदने पर ललन पासवान साफ साफ तो कुछ नहीं कहते हैं, लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से देश का प्रधानमंत्री बनाना है और इसके लिए उन्हें जो करना पड़े वे करेंगे.
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भाजपा के साथ जाने के सवाल पर वे कहते हैं कि अभी एनडीए में हैं और आने वाले वक्त में सारे सवालों का जबाव मिल जाऐगा. उपेंद्र कुशवाहा को उन्होंने कन्फयूज नेता करार दिया. उनका आरोप है कि कुछ चापलूसों से घिर जाने के कारण वे सही राजनीतिक निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. इसकी उन्हें बड़ी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ सकती है. वैसे ललन पासवान इस बात को लेकर आशवस्त हैं कि देश में नरेंद्र मोदी सरकार की वापसी हो रही है और बिहार में जब भी चुनाव होगा यहां पर एनडीए को बड़ी जीत हासिल होगी.