भोपाल। करीब दो साल से रुके हुए अकीदत के रास्ते सऊदी अरब सरकार ने खोल दिए हैं। इसी माह शुरू होने वाले इस्लामी माह मुहर्रम से उसने दुनियाभर के जायरीन को उमराह (धार्मिक यात्रा) पर आने की इजाजत दे दी है। लेकिन 9 देशों के लिए इस यात्रा के लिए कई पाबंदियां लागू की गई हैं। इन देशों में भारत भी शामिल है। कोविड कारणों से लगाई गई इन पाबंदियों से न सिर्फ अकीदतमंदों की परेशानियां बढ़ेंगी, बल्कि उन्हें इस यात्रा के लिए करीब दोगुना राशि खर्च करने की मजबूरी भी बनने वाली है।
सऊदी अरब सरकार ने इस्लामी माह मुहर्रम की पहली तारीख से उमराह के लिए लोगों के मक्का और मदीना आने की इजाजत दे दी है। लेकिन इस दौरान भारत समेत पाकिस्तान, लेबनान, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, ब्राजील, साउथ अफ्रीका, इजिप्ट और तुर्की पर कई पाबंदियां लागू की हैं। सऊदी अरब सरकार द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि इन देशों की फ्लाइट सऊदी अरब में नहीं उतर पाएंगी। अर्थात इन देशों के मुसाफिरों को सऊदी अरब द्वारा तय किए देशों की इंटरनेशनल फ्लाइट से सफर करना पड़ेगा।
सफर होगा लंबा भी खर्चीला भी
कोविड कारणों से लगाई गई पाबंदियों के बीच सऊदी सरकार ने आने वाले जायरीन को पहले 14 दिन कोरेंटेन करने की शर्त भी लगाई है। गोरतलब है कि अब तक उमराह पर जाने वाले मुसाफिर 14 से 20 दिन के सफर पर जाया करते थे। लेकिन 14 दिन के कोरेंटेंन के चलते उन्हें दोगुना समय सऊदी अरब में गुजरना पड़ेगा। सफर के बढ़े हुए इस समय के मुताबिक उनका खर्च भी दोगुना होने के हालात बन रहे हैं।
वैक्सीनेशन भी घेरे में
देश भर में वैक्सीनेशन के दौरान भारतवासियों ने को वैक्सीन और कोविशील्ड का टीका लगवाए हैं। लेकिन सऊदी सरकार द्वारा तय किया गया है कि वह सिर्फ फाइजर, मॉडर्न, AstraZeneca और J&J कंपनी के वैक्सीन ही स्वीकार करेगा।
मुश्किलों की कतार
=अन्य देशों की फ्लाइट भारतीय फ्लाइट की तुलना में महंगी हो सकती है।
=कोरेंटेन पीरियड का खर्च महंगा पड़ सकता है।
=चाही गई कंपनियों के वैक्सीनेशन के नाम पर फर्जी सर्टिफिकेट बनने का सिलसिला शुरू हो सकता है।
= सऊदी अरब द्वारा तय किया गया है कि उमराह सफर के लिए कुछ चिन्हित एजेंसियों के टूरिस्ट ही स्वीकार किए जाएंगे। अब तक छोटे बड़े टूर एजेंट प्रतिस्पर्धा करने में कम रेट पर उमराह करवा देते थे। रजिस्टर्ड और सऊदी सरकार से मान्यता प्राप्त एजेंट इस सफर के लिए मोटी रकम मांग सकते हैं।