अयोध्या भूमि विवाद में मध्यस्थता को लेकर आज सर्वोच्च न्यालय का बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले का हल मध्यस्थता के जरिए निकाला जाए। इसके लिए रिटायर्ड जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह की अगुवाई में तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी गठित की गई है। इसमें श्रीश्री रविशंकर और श्रीराम पंचू शामिल हैं।
जानिये कौन हैं जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह ?
जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह सुप्रीम कोर्ट में जज रह चुके हैं और उनकी ही अगुआई में रामजन्म भूमि-बाबारी मस्जिद विवाद सुलझाने के लिए कमिटी गठित की गई है। जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह पूर्व में जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं। जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह को साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया था। फिलहाल वह रिटायर हो चुके हैं। जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह अपने कई फैसलों के लिए भी जाने जाते हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया (BCCI) को पारदर्शी बनाने की प्रक्रिया में उन्होंने जस्टिस लोढ़ा के साथ मिलकर काफी काम किया।
जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह मूल रूप से तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में कराईकुडी के रहने वाले हैं। उनका जन्म 23 जुलाई 1951 को हुआ था। उनका पूरा नाम फकीर मोहम्मद इब्राहिम ख़लीफ़ुल्लाह है।
जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह ने अपनी वकालत की शुरुआत 20 अगस्त 1975 को थी। अपने शुरूआती करियर में जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह श्रम कानून से संबंधित मामलों में सक्रिय वकील थे। बाद में तमिलनाडु राज्य विद्युत बोर्ड के स्थायी वकील भी रहे।
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर विवाद को मध्यस्थता के जरिए सुलझाने के लिए तीन मध्यस्थों को नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक हफ्ते में मध्यस्थता शुरू हो जानी चाहिए। फिलहाल तीन मीडिएटर हैं लेकिन अगर मध्यस्थ चाहें तो और सदस्यों को भी शामिल कर सकते हैं