अच्छाई की बुराई पर जीत को हम त्योहार के रूप में मनाते हैं।
आज कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि भारत में हिन्दू खतरे में है, कुछ मुसलामानों की वज़ह से।
चलो मान लेते हैं, आज की सरकार चलती गयी चलती गयी और एक दिन देश मुसलमान मुक्त हो गया। तब फिर ये लोग क्या करेंगे? फिर क्या हिन्दू को किसी से डर नहीं लगेगा? चारो ओर खुशहाली होगी?
क्या तब ही देश तरक्की करेगा जब मुसलमान मुक्त देश हो जाएगा या फिर केवल जब हिन्दू ही रहेगा हिन्दोस्तान में?
इसका मतलब ये हुआ कि देश की तरक्की और हिन्दुओं की खुशहाली, मुसलामानों ने रोक रखी है?
अरे भाई! यदि ऐसा है तो आप ये बताएं, क्या आज देश की तरक्की के काम मे मुसलमान कहाँ रोड़े अटका रहे हैं?
क्या मुसलमान सड़के बनाने नहीं दे रहा?
क्या मुसलमान स्कूल बनाने नहीं दे रहा?
क्या मुसलमान हॉस्पिटल बनाने नहीं दे रहा?
क्या मुसलमान आपको मॉल बनाने नहीं दे रहा?
क्या मुसलमान आपको गार्डन पार्क बनाने नहीं दे रहा?
क्या आपके सभी आराम में, या तरक्की में मुसलमान आड़े आ रहे हैं?
क्या मुसलामानों की वज़ह से महंगाई बढ़ रही है?
क्या मुसलामानों की वज़ह से बेरोजगारी बढ़ रही है?
क्या मुसलमानो की वज़ह से पेट्रोल डीजल महंगे हो रहे हैं?
शायद नहीं। इसका जवाब आज जो नफरत फैला रहे हैं और हिन्दुओ को डरा रहे हैं,उनके पास भी नहीं है।
असल में ये लोग केवल डरा कर, बहु संख्यक हिन्दू लोगों को राजनीतिक तौर पर एक मत करना चाहते हैं। क्यूंकि की प्रजातंत्र में बहुमत जरूरी है सत्ता में आने के लिए। यदि बहुसंख्यक उनके पक्ष में हो तो उनकी जीत पक्की हो जाती है।
आज देश मे हिन्दू के उच्च शिक्षा पाने के रास्ते में आपको मुसलमान रुकावट बनता नहीं मिलेगा।
आज हिन्दू की पदौन्नति में मुसलमान कभी आड़े नहीं आते मिलेगा।
बल्कि सभी जगह आपको हिन्दू ही हिन्दू के खिलाफ दिखेगा।
जबकि, यदि आज सड़क बनाना हो, बिल्डिंग बनाना हो, कुछ भी बनाना हो तो वहां आपको मुसलमान ठेकेदार, fabricator, मजदूर, labor बहुतायत में मिल जाएंगे।
आज एक हिन्दू खुद ये जांच कर ले की उसको खतरा किस से है-
मुसलमान से है या कट्टर हिन्दू नेता या पार्टी से या कट्टर हिन्दू सोच से?
आज देश की सरकार हिन्दू राष्ट्र बनाने की राह पर आतुर है। उनकी विचारधारा कट्टरपंथी हिन्दू की है। जिसकी हमें झलकियां बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, हिन्दू वाहिनी, हिन्दू रक्षा मंच आदि जैसे सैकड़ों दलों की हरकतों में मिलता है। धर्म की रक्षा के नाम पर किसी की जान लेना इनका फिलॉसफी है। ल़डकियों को संस्कार का हवाला देकर घर मे बिठा कर रखना, इनकी सोच का हिस्सा है।
अरे!! ये लोग आपको नहीं बता सकते कि क्या मिलेगा भारत को
हिन्दू राष्ट्र बनाकर, क्यूंकि इनको खुद नहीं पता।
लेकिन हमें पता है। जागरुक नागरिक को पता है।
यदि देश की सरकार धार्मिक कट्टरपंथीयों के हाथ आयेगा तो उसका हश्र आज (अगस्त 2021) के अफगानिस्तान के जैसा होगा या पाकिस्तान जैसा होगा।
जनता को ये सोचना है कि देश को धर्मनिरपेक्ष भारत रहने देना है या संघी कट्टर हिन्दू राष्ट्र बनाना है।
याद रहे कट्टरपन्थी हमेशा अपना चंगुल और अधिकार अपने ही धर्म के लोगों पर आजमाने पर विश्वास करते हैं।
हिन्दू क्या, खाएंगे, क्या पहनेंगे, क्या पढ़ेंगे, क्या लिखेंगे, क्या देखेंगे क्या नहीं, क्या खरीदेंगे क्या बेचेंगे- सब कुछ कट्टरपंथी ही फैसला करेंगे। धर्म का नाम लेकर जनता पर हुकूमत चलाना उनका ध्येय होता है।
लेकिन ये बात भी तय है, कि आज के इस व्यापार और वाणिज्य के माहौल में, सभी देश को सभी के साथ चलना होगा। देर सवेर सभी कट्टरपंथी राष्ट्रों को भी धर्मनिरपेक्ष नीतियों की ओर चलना होगा। क्यूंकि व्यापारिक सहयोग धर्म के आधार पर नहीं हो सकता।
भाई! प्रार्थना करने की विधि अलग होने से क्या इंसान अलग हो सकता है? नहीं। ईश्वर की आराधना हर इंसान अपने तरीके से कर सकता है। और धर्म को आपने नहीं चुना, आपको जन्म से मिलता है आपका धर्म। आप किस धर्म के माता पिता के यहाँ जन्म लेंगे वो ऊपर वाला तय करता हैं- जिसे आप ईश्वर, वो अल्लाह, कोई God,
वाहेगुरु, आदि के नाम से पुकारते हैं। और माता पिता का धर्म आपका धर्म।
और हर धर्म के गुरुओ और अवतारों ने इंसानियत ही सिखाया है।
और जिस ईश्वर ने इस दुनियां की रचना की, उसको भला किसका डर? मुसलमान खतरे में है, हिन्दू खतरे में है, ईसाई खतरे में है ऐसा बोलने वालों ने सही मायने में अपनी खुद की धार्मिक ग्रंथ नहीं पड़े होते हैं। केवल अज्ञानी होते हैं और दूसरे अज्ञानी को डराने का काम करते हैं।
हर धर्म ने अच्छाईयों को ही प्राथमिकता दी है।
बुराई इंसान के अंदर है ऐसा हिन्दू शास्त्र भी कह्ते हैं। जब आपका दुश्मन आपकी बुराई आपके अंदर ही है, तो कोई और कैसे बुरा हो सकता है? काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह -,इन 5 को- शास्त्रों में इंसान का दुश्मन बताया है। जो हिन्दू आज चिल्ला रहे हैं कि हिन्दू खतरे में है, जरा उनसे पूछे क्या वे, इन 5 चीजों से दूर हैं? यदि नहीं तो पहले तो वो हिन्दू नहीं है और यदि जन्म से हिन्दू है तो फिर वो एक अच्छे हिन्दू नहीं है, वो रावण हैं। काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, करने वाला बुरा हिन्दू होता है जिसे रामायण में रावन की संज्ञा दी गयी है। जिन श्री राम का नाम वो सडकों पर चिल्लाते है, उसी राम ने तो स्वयं ये पांच चीजों का पालन करने वाले का वद्ध किया था। तो आप ही बताये, ये हाथ मे तलवार लिए, क्रोध से “जय श्री राम ” चिल्लाने वाले हिन्दू कैसे हो सकता है?
रावन भी महादेव शिव का सबसे प्रिय भक्त था (हिन्दू था) लेकिन 5 बुरी आदतों के पालन करने की वज़ह से स्वयं महा विष्णु को श्री राम का अवतार लेकर उसका वद्ध करना पड़ा- मानवता के कल्याण के
लिए। रावन एक धार्मिक उन्मादी, घमंडी, और काम क्रोध मद लोभ मोह का प्रतीक था। शिव का परम भक्त होते हुए भी उसका वद्ध श्री राम ने किया। श्री राम ये बताना चाहते थे कि केवल ईश्वर की भक्ति ही सब कुछ नहीं। ईश्वर अपने भक्त से काम क्रोध मद लोभ मोह से भी दूर रहने की इच्छा रखते हैं। वर्ना ईश्वर स्वयं उसका अंत कर देते हैं- ये रामायण का एक संदेश है।
इसलिए मेरी आपसे गुजारिश है आइये मानवता की खातिर जैसे श्री राम ने रावण और उसके मानने वालों का अंत किया, वैसे ही हम भी अपने अंदर के रावण को मारे और एक अच्छे हिन्दू होने का उदारहण पेश करें। मारने वाले से बचाने वाला बढ़ा होता है। मारने वाला कमजोर होता है और बचाने वाला ताकतवर। आइये अपने समाज को इन 5 बुराइयों से बचाएं।
ईश्वर की शक्ति को पहचानने के लिए बस एक बार विचार करे कि आप इस धरती पर केवल धूल के समान है। उस ईश्वर ने ब्रहमांड रचा है। ईश्वर आपकी रक्षा करे इसके लिए उसकी श्रृष्टि से प्रेम करें। वसुधैव कुटुंबकम, का सही मतलब यहि है: सारी ईश्वरीय श्रृष्टि एक ही कुटुम्ब है।