सीआरपीएफ कांस्टेबल खुशबू चौहान का भाषण इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जहां लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे तो वहीं कुछ लोगों ने उनके भाषण के कुछ हिस्सों पर कड़ी आपत्ति भी जताई.लेकिन इस बीच सीआरपीएफ ने बयान जारी कर खुशबू की तारीफ करते हुए उन्हें संयम बरतने की सलाह दी है.
सीआरपीएफ की तरफ से कहा गया है कि, ”हमारी एक महिला कांस्टेबल का भाषण वायरल हो रहा है. इसकी कुछ लोग प्रशंसा कर रहे हैं और कुछ इसकी निंदा कर रहे हैं. यह भाषण 27 सितंबर 2019 को एनएचआरसी सीएपीएफ वाद-विवाद प्रतियोगिता 2019 में दिया गया था. इसमें विषय था आतंकवाद और देश में मिलिटेंसी से मानवाधिकारों का पालन करते हुए कैसे प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है.”
सीआरपीएफ ने कहा, ”सीएपीएफ ने हर संगठन के दो वक्ताओं को बोलने का मौका दिया था. जिसमें से एक को पक्ष में और एक को विपक्ष में बोलना था. उन्होंने सीआरपीएफ का प्रतिनिधित्व किया और विपक्ष में बात की. वीडियो सीआरपीएफ ने आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया है.”
सीआरपीएफ के मुताबिक , ”भाषण एक वाद-विवाद प्रतियोगिता में दिया गया था और इसमें कुछ भी बुरा मानने लायक नहीं है. हम CRPF में मानवाधिकारों का बिना शर्त सम्मान करते हैं. उन्हें इस प्रस्ताव के खिलाफ बोलने के लिए कहा गया और उन्होंने भाषण दिया लेकिन कुछ बातें नहीं कहनी चाहिए थी. उन्हें उचित सलाह दी गई है. हम सीआरपीएफ के लिए सम्मान और चिंता की सराहना करते हैं.”
सोशल मीडिया में वायरल हो वीडियो में के एक हिस्से में खुशबू चौहान कहती नजर आ रही है कि जब सीमा पर जवान शहीद होता है तो कोई मानवाधिकार की दुहाई नहीं देता लेकिन जब जेएनयू में भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगते हैं तो सब उनके साथ खड़े हो जाते हैं. साथ ही वे अपने भाषण में आगे कहती हैं कि ”जो कहता है कि हर घर से अफजल निकलेगा तो मेरी बात सुन लो- जिस घर से अफजल निकलेगा उस घर में घुसकर मारेंगे, वो कोख नहीं पलने देंगे जिस कोख से अफजल निकलेगा.”