भोपाल। अमीर ए शरीयत मरहूम मौलाना वली रहमानी साहब के इंतकाल के बाद राजधानी भोपाल में खिराज ए अकीदत पेश करने का सिलसिला जारी है। आधुनिक मदरसा कल्याण संघ द्वारा भी मरहूम की मगफिरत के लिए दुआ की गई। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष हाफिज जुनैद, शोएब कुरैशी, कफील अहमद आदि ने कहा कि मौलाना ने मदरसा तालीम को आसान बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी कोशिशों से ही मदरसों में SPQEM योजना वजूद में आई है। जिससे मदरसों के संचालन आसान हो पाए हैं।
उलेमाओं ने पेश की खिराज ए अकीदत
इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेम्बर विधायक आरिफ मसूद, द्वारा एक ताजियति मजलिस (शोक सभा) का आयोजन कोविड के नियमों का पालन करते हुए हाॅल में किया गया।
इस सभा में शहर के मशहूर इस्लामिक विद्वान शहर काजी सैय्यद मुशताक अली नदवी, मुफ्ती ए- शहर मुफ्ती अबुल कलाम कासमी, नायब मुफ्ती रईस अहमद कासमी एवं ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के मौलाना मसीह आलम, मुफ्ती अली कदर ने अपने विचार रखे। सभा का संचालन मुफ्ती फैयाज अहमद ने किया। सभा में मौजूद लोगों ने मौलाना की मगफिरत के लिए अल्लाह (ईश्वर) से उनके दरजात को बुलंद करके जन्नत में उच्चतम स्थान प्रदान करने की दुआ की गई। शहर काजी सैय्यद मुश्ताक अली नदवी ने दुआ कराई। इस मौके पर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के मेम्बर और विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मौलाना एक निडर, बेबाक और बहुत ही दूरदर्शी लीडर एवं इस्लामिक विद्वान थे। मसूद ने कहा कि मौलाना सरकारी काम-काज एवं उसके द्वारा लिए जाने वाले फैसले पर भी अपनी पैनी नजर रखते थे। वह पहले ही भांप लेते थे कि सरकार के यह फरमान हमारे लिए कितना फायदा और कितना नुकसान करने वाला है। उन्होंने कहा कि मौलाना चाहते थे कि वक्फ प्रॉपर्टी के लिए अगर एक्ट सही बन जाता तो इस में मुस्लिमों की भलाई है। इस काम के लिए उन्होंने उस समय कांग्रेस एवं सरकार से मिलकर बात भी की थी।