दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है. इसे लेकर विधानसभा में आम आदमी पार्टी सरकार पेश किया गया प्रस्ताव सोमवार को पारित हो गया. इसपर हुई चर्चा के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस को निशाने पर लिया, जो पहले दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वाादा कर चुके हैं. केजरीवाल ने कहा कि मैं बीजेपी से कहना चाहता हूं कि अगर 2019 लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली को राज्य का दर्जा दे दिया जाता है तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली से हरेक वोट आपको मिले, हम सभी आपके लिए कैम्पेन करेंगे. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो दिल्ली की जनता बीजेपी दिल्ली छोड़ो का बोर्ड लेकर घुमेगी.
केजरीवाल ने उप राज्यपाल को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि देश को 1947 में आजादी मिल गई और 1950 में लोकतंत्र की स्थापना हो गई, लेकिन दिल्ली में वायसराय को हटाकर एलजी को बिठा दिया गया. इसकी वजह से यहां की सरकार और जनता को आज तक देश के दूसरे हिस्सों की तरह पूरे अधिकार नहीं मिल पाए. गौरतलब है कि दिल्ली के प्रशासनिक कामकाज को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी अनिल बैजल के बीच शुरू से ही खींचतान की स्थिति बनी हुई है.
आगामी चुनावों के मद्देनजर, आम आदमी पार्टी पूर्ण राज्य की मांग पर कांग्रेस और भाजपा को घेर रही है. पार्टी ने इस मांग को लेकर 300 से अधिक सभाएं करने का फैसला किया है. इधर भाजपा और कांग्रेस ने इसे काम न करने का बहाना करार दिया है. पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने कहा है कि जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, वे अधिकारों की कमी के बारे में बात कर रहे हैं. यह सिर्फ एक बहाना है. इसके जवाब में केजरीवाल ने शीला दीक्षित को चुनौती देते हुए कहा है कि वे पीएम मोदी की सरकार में एक साल दिल्ली चला के दिखा दें.