कठुआ गैंगरेप एवं मर्डर केस में एक आरोपी द्वारा जांचकर्ताओं को गुमराह करने के लिए एग्जाम अटेंडेंस रजिस्टर में फर्जी हस्ताक्षर किए जाने का खुलासा हुआ है. मामले की जांच कर रही जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बताया कि फॉरेंसिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने मेरठ में जिस एग्जाम में शामिल होने का दावा किया है, वहां अटेंडेंस रजिस्टर में किए गए हस्ताक्षर आरोपी के हस्ताक्षर से मेल नहीं खाते.
दरअसल आरोपी विशाल जंगोत्रा ने दावा किया है कि जिस दिन जम्मू के कठुआ में बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना हुई, उस दिन वह मेरठ में एग्जाम दे रहा था. लेकिन नए खुलासे के बाद अब आरोपी के दावों की पोल खुल गई है.
क्राइम ब्रांच के सूत्रों का कहना है कि जंगोत्रा का दावा है कि वह मेरठ में 15 जनवरी को परीक्षा में दे रहा था, जबकि अपराध शाखा के आरोप-पत्र में कहा गया है कि वह कठुआ के रासना गांव में मौजूद था, जब यह अपराध हुआ.
क्राइम ब्रांच इसके साथ ही दावा कर रही है कि जंगोत्रा का फर्जी हस्ताक्षर उसके साथियों ने मेरठ में अन्यत्र उपस्थिति दिखाने के लिए किया. अपराध शाखा को संदेह है कि विश्वविद्यालय से किसी ने आरोपी को परीक्षा के 15 जनवरी को समाप्त होने के बाद उत्तर पुस्तिका लिखने की अनुमति दी थी.
अब आरोपी के तीन दोस्तों को सोमवार को जम्मू में जांचकर्ताओं के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए बुलाया गया है. जांचकर्ताओं ने यह भी संदेह जताया है कि आरोपी जानबूझकर एटीएम गया और अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए कैमरे की तरफ देख रहा था.
कठुआ दुष्कर्म मामले में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है. आठों आरोपियों में विशाल जंगोत्रा का चचेरा भाई, विशाल का एक स्थानीय मित्र, दो विशेष पुलिस अधिकारी (SPO), एक हेड कांस्टेबल व जम्मू एवं कश्मीर पुलिस का एक उपनिरीक्षक शामिल है.