karunanidhi son property controversy

नई दिल्ली: डीएमके पार्टी के अध्यक्ष एम. करुणानिधि के निधन को अभी कुछ दिन ही बीते हैं और अब उनके बेटों के बीच संपत्ति विवाद शुरू हो गया है. आपको बता दें कि सोमवार को करुणानिधि के समाधि स्थल जाकर उनके बड़े बेटे एम. के. अलागिरी ने दावा किया कि पूरा असली DMK काडर उनके साथ है। आपको बता दें कि अलागिरी को कुछ साल पहले पार्टी से निकाल दिया गया था और तब से वह पार्टी पॉलिटिक्स से दूर थे। एक साल पहले ही उनके छोटे भाई और करुणानिधि के दूसरे बेटे स्टालिन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष भी बना दिया गया था।

अब पिता की मौत के एक हफ्ते बाद ही अलागिरी ने पार्टी पर अपनी दावेदारी जता दी है। उन्होंने खुद को करुणानिधि की राजनीतिक विरासत का असली वारिस बताया है। उन्होंने स्टालिन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के फैसले पर भी सवाल उठाए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में सत्ता को लेकर परिवार में संघर्ष बढ़ सकता है। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब मंगलवार को डीएमके की अहम बैठक होनेवाली है।

“मेरे पिता के असली करीबी सभी मेरी तरफ है। तमिलनाडु में सभी समर्थक मेरे साथ हैं और मुझे प्रोत्साहित कर रहे हैं। समय बताएगा कि मैं अभी क्या कुछ कहना चाहता हूं।”
-एमके अलागिरी, करुणानिधि के बेटे

पार्टी से निकाले गए DMK नेता अलागिरी को दोबारा पार्टी में शामिल किए जाने की मांग तेज हो गई है। उन्होंने खुद कहा है कि पार्टी में जो कुछ हुआ है उससे उन्हें दुख हुआ है। सोशल मीडिया पर समर्थन में कई विडियो शेयर किए जा रहे हैं और पोस्टर के जरिए करुणानिधि के बेटे दयानिधि अलागिरी को भविष्य के नेता के तौर पर प्रॉजेक्ट किया जा रहा है। ऐसे में डीएमके के प्रवक्ता भी अलागिरी के मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

इस बीच DMK के एक प्रवक्ता ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘हमने मंगलवार को पार्टी की कार्यकारी समिति की इमर्जेंसी बैठक बुलाई है और जनरल काउंसिल के पास 80 दिन का समय है जिसमें वह भविष्य के अहम पदों और मामलों पर अहम फैसला लेगी।’

करुणानिधि के बड़े बेटे अलागिरी को 2014 में बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और तमिलनाडु के एमडीएमके पार्टी के जनरल सेक्रेटरी वाइको से मिलना महंगा पड़ा था। इस बात से नाराज करुणानिधि ने अलागिरी को पार्टी से बाहर निकाल दिया था। पार्टी में उनकी प्राथमिकता सदस्यता को भी खत्म कर दिया था। पार्टी से निष्कासित होने के बाद उस समय अलागिरी ने कहा था कि वह अभी भरपेट भोजन करेंगे और फिर जी भर के सोएंगे।

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here