नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि पृथ्वी पर किए गए कर्म का फल धरती पर ही चुकाना होगा। राजनीति में भी ऐसा ही होता है जिस चक्रव्यूह को आप अपने विरोधियों के लिए रचेंगे उसके किसी न किसी हिस्से में आप खुद को ही फंसा हुआ पाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने राजनीति की दुनिया में बहुत कम वक्त में ज्यादा प्रसिद्धि हासिल की। इस प्रसिद्धि के पीछे उनका एक सटीक फार्मूला था। केजरीवाल नेताओं के खिलाफ बेबाकी से सवाल उठाते थे। उनके गंभीर सवालों की जांच के लिए मीडिया भी आगे पीछे दौड़ा करती थी और वक्त के साथ आरोप सिर्फ खबरों में दम तोड़ दिया करते थे।
इसलिए विशेषज्ञ राजनीति में सनसनी लाने का श्रेय अरविंद केजरीवाल को देते हैं। आज उसी सनसनी वाली राजनीति के शिकार हो गए हैं केजरीवाल। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के दौरान कदम के कदम मिलाने वाले कपिल मिश्रा आज केजरीवाल के कॉलर पर करप्शन की कालिख लगने का आरोप लगा रहे हैं। कपिल मिश्रा, अरविंद केजरीवाल पर जो आरोप लगा रहे हैं उसके इकलौते सबूत वो खुद हैं। वो कहते हैं कि मैने खुद अपनी आंखों से केजरीवाल को सत्येंद्र जैन से पैसे लेते देखा है।
एक वक्त में अरविंद केजरीवाल ऐसे ही आरोप दूसरे नेताओं पर लगाते थे। आरोप के सबूत वो इस तरह के देते थे जिसे स्वीकार करना मुश्किल हो जाता था। साल 2012 के दौरान अरविंद केजरीवाल ने यूपीए कैबिनेट के 14 मंत्रियों का इस्तीफा मांगा था। उन्होने नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन सबूत पेश नहीं किए थे। केजरीवाल की उस लड़ाई में जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। इसका खामियाजा यूपीए को 2014 के लोकसभा चुनाव में उठाना भी पड़ा था।
अरविंद केजरीवाल इसी तरह नितिन गडकरी पर भी आरोप लगा चुके हैं। इस मामले को मीडिया ने खूब तूल दिया था लेकिन केजरीवाल आरोप साबित नहीं कर पाए और सबूतों के अभाव में खुद जेल की हवा खानी पड़ी थी। लेकिन केजरीवाल के आरोपो की वजह से गडकरी की राजनीति पर खासा असर पड़ा था क्योकि मीडिया ने गडकरी के पुराने किस्सों की फाइल की एक-एक परत उधेड़ कर रख दी थी।
आज कपिल मिश्रा, अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उसी तर्ज पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। आम आदमी पार्टी में करप्शन के खिलाफ बिगुल फूंकने का फायदा कपिल मिश्रा को तो खूब मिलेगा लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि केजरीवाल पर लगे इस आरोप से पार्टी में उनका कद और ऊंचा हो गया।