जलीकट्टू पर बैन के विरोध में समर्थकों का प्रदर्शन जारी है. इसके बावजूद लोगों ने कई जगहों पर जलीकट्टू के आयोजन करने का प्रयास किया. इसे रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई लोग घायल भी हुए. मदुरै के अवानीवापुरम में 30 जलीकट्टू समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इससे पहले त्रिची में भी कुछ लोगों ने सांडों के साथ जलीकट्टू आयोजित किया था. ज्ञात हो कि दक्षिण भारत में पोंगल के अवसर पर सांडों और बैलों के दौड़ का आयोजन होता है.
इस खेल के आयोजन से तमिलनाडु के गांवों में कई लोगों की जान जा चुकी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जलीकट्टू के आयोजन पर बैन लगाया हुआ है. केंद्र सरकार इस मामले में जल्द अध्यादेश लाने जा रही है. भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने बैन को जायज ठहराया था. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध करना संविधान के खिलाफ जाना है. पुलिस को विरोध करने वालों से सख्ती से निपटना चाहिए. उन्होंने कहा कि जलीकट्टू पर जबतक सुप्रीम कोर्ट अंतिम फैसला नहीं ले लेता, तब तक इंतजार करना चाहिए. वहीं, डीएमके के कार्यकारी प्रमुख स्टालिन समेत कई फिल्मी सितारों ने बैन को गलत ठहराया है.
तमिलनाडु के सीएम पनीरसेल्वम ने एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि त्योहार पोंगल आने में एक सप्ताह से भी कम समय है. इसे देखते हुए भारत सरकार को वर्ष 2017 में पोंगल के दौरान जलीकट्टू के आयोजन के सामने आने वाली कानूनी बाधाएं हटाने के लिए अध्यादेश लाने पर विचार करना चाहिए.