पीड़िता का बयान रिकार्ड कर खूंटी के महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है. इसके अनुसार पीड़िता नाटक मंडली में कलाकार के रुप में काम करती है. वह 19 जून को नुक्कड़ नाटक की टीम के साथ आशाकिरण संस्था द्वारा बुलाये जाने पर मुरहू बाजारटांड़ पहुंचे. वहां पहले से प्रोग्राम तय था. वहां कार्यक्रम शुरू होने के थोड़ी देर बाद दोनों सिस्टर आर.सी. मिशन चर्च द्वारा संचालित स्कूल चली गयी. इसके बाद सिस्टर और ड्राइवर के कहने पर सभी लोग कार्यक्रम के लिए स्कूल पहुंचे. वहां चार युवक पहुंचे और फादर ने युवतियों को इनके साथ दो घंटे के लिए जाने को कहा.
खूंटी मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर है आर. मेमोरियल मिशन स्कूल, बुरुडीह, कोचांग. मुख्य सड़क से करीब आधा किलोमीटर दूर और आसपास घना जंगल. अड़की थाना स्थित कोचांग के मुखिया ने एक नुक्कड़ नाटक दल को अपने यहां आमंत्रित किया. यह दल मानव तस्करी, नशा, दहेज एवं अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाता है. यहां यह नुक्कड़ नाटक दल मानव तस्करों से बचाव के लिए स्कूली बच्चों को जागरूक करने आया था. इस दल में 18 से 22 वर्ष की पांच युवती एवं चार पुरुष थे. पत्थलगड़ी एवं पीएलएफआई के समर्थकों ने इन सभी का अपहरण कर लिया. यह दल कोचांग गांव के एक मिशनरीज स्कूल, स्टॉक मन मेमोरियल मध्य विद्यालय में नुक्कड़ नाटक करने वाला था. इस नाट्य दल में पांच लड़कियां एवं चार पुरुष थे. सभी ने पहले एक चौराहे पर पहले नुक्कड़ नाटक कर जागरूकता फैलाने का काम किया.
उसके बाद यह मंडली इस क्षेत्र के एकमात्र स्कूल, जो मिशनरीज द्वारा संचालित है, वहां गई एवं जागरूकता के उद्देष्य से नाटक शुरू की. इसी बीच वहां तीन बाईक पर सवार होकर सात-आठ की संख्या में हथियारबंद युवक पहुंचे. उन्होंने हथियार का भय दिखाते हुए कार्यक्रम बंद करने को कहा और उसके बाद नाटक दल के सदस्यों से मोबाईल छीन लिया, गाली-ग्लौज की एवं हथियार के बल पर युवतियों को घसीटते हुए वाहन में बिठाकर जंगल ले गए. जंगल में पांच युवकों ने बारी-बारी से युवतियों के साथ दुष्कर्म किया. अमानवीयता की हद यह कि दुष्कर्मियों ने युवतियों के नाजुक अंगों में लाठी और मिर्च पाउडर डालकर उन्हें यातनाएं दी.
उसके बाद उन लड़कियों को डराया गया कि इस घटना के बारे में किसी को नहीं बताएं अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहें. उनके परिजनों की हत्या का भी डर दिखाया गया. अपराधियों ने नाटक दल के पुरुष सदस्यों के साथ भी अमानवीय कृत्य किया. पुरुषों को निर्वस्त्र कर उनके नाजुक अंगों पर प्रहार किया गया, साथ ही उन्हें मानव मूत्र पीने और हाथ पर थूक फेंककर चाटने के लिए विवश किया. इस अपहरण में स्कूल के फादर अल्फोंस आईंद की भी भूमिका थी. इस घटना के बाद स्कूल के फादर और सिस्टर घटनास्थल से फरार हो गए. वैसे पुलिस ने फादर को गिरफ्तार कर लिया है.
बेकार विधि-व्यवस्था
इस घटना की गंभीरता और इसके बाद पुलिस का ढीला रवैया बताने के लिए काफी है कि झारखंड में विधि-व्यवस्था नाम की अब कोई चीज ही नहीं रह गई है. पहले नक्सलियों ने अपनी समानान्तर सरकार बना रखी थी और अब आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पत्थलगड़ी समर्थकों की भी अपनी एक अलग सरकार चल रही है. इन पत्थलगड़ी समर्थकों का खौफ इतना है कि आम आदमी तो दूर, राज्य के पुलिस महानिदेशक एवं आला अधिकारी भी पत्थलगड़ी वाले क्षेत्रों में जाने से डर रहे हैं. इनके खौफ का सहज अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खूंटी जिले के अड़की प्रखंड के कोचांग गांव में सामूहिक दुष्कर्म की भयावह घटना के बाद भी पुलिस घटनास्थल पर जाने से डरती रही.
पुलिस महानिदेशक डीके पाण्डेय सहित पुलिस के कई अधिकारी घटनास्थल पर जाने के लिए राजधानी से निकले तो जरूर, लेकिन खौफ के कारण खूंटी के जिला मुख्यालय में ही मीटिंग कर आवश्यक निर्देश देने के बाद रांची लौट गए. इधर, इस सामूहिक दुष्कर्म का मुख्य आरोपी जॉन जुनास तिड़ू गांव में बेखौफ होकर ग्राम सभा को संबोधित कर रहा है और पूरी घटना के लिए पुलिस को ही जिम्मेदार बता रहा है. पत्थलगड़ी का प्रमुख नेता जॉन जुनास तिड़ू ही घटना का मास्टरमाइंड है.
तिड़ू का कहना है कि नुक्कड़ नाटक करने वाले पुलिस प्रशासन के जासूस हैं तथा पत्थलगड़ी के विरोधी हैं. तिड़ू ने ही युवकों को यह कहकर भड़काया था कि नुक्कड़ नाटक करने वाले को ऐसा सबक सिखाना है कि ये लोग दोबारा इस क्षेत्र में नहीं आ सके. पत्थलगड़ी समर्थक आदिवासी बहुल गांवों में पत्थलगड़ी कर एक स्वतंत्र देश बनाने की घोषणा कर रहे हैं और कह रहे हैं. ये लोग अपना ग्रामीण बैंक बनाकर लोगों का खाता खुलवा रहे हैं और पैसे जमा करा रहे हैं. इन सबके बावजूद सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. पत्थलगड़ी वाले क्षेत्र में ही ग्रामीणों ने छापेमारी करने गए पुलिस दल के चार सौ पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों को बंधक बना लिया था. बाद में प्रशासन द्वारा माफीनामा लिखे जाने के बाद बंधकों को मुक्त किया गया था.
पत्थलगड़ी का खा़ैफ
इस अमानवीय कृत्य की जानकारी पुलिस को दिनों के बाद तक पता नहीं था या कहे कि पुलिस भी इस घटना को दबा देना चाह रही थी, ताकि पुलिस को इस क्षेत्र में नहीं जाना पड़े. यह पत्थलगड़ी नेताओं और समर्थकों का ही खौफ है. अभी भी पुलिस मुख्य अभियुक्त तिड़ू को पकड़ने में डर रही है, जबकि तिड़ू गांव में ही घूम रहा है और ग्रामसभा में यह कह रहा है कि इस घटना में संलिप्त दोषियों को पकड़ कर ग्रामसभा में ही सजा सुनाया जायेगा. तिड़ू इस घटना के लिए एक उग्रवादी संगठन पीएलएफआई को दोषी ठहरा रहा है. इस मामले में पुलिस ने एक फादर सहित छ: लोगों को अभियुक्त बनाया. पुलिस ने फादर अल्फोंस आईंद एवं दो लोगों को गिरफ्तार किया है. शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का तो गठन किया गया है, पुलिस को सीआरपीएफ की टुकड़ियां भी मुहैया करायी गयी है, पर पुलिस गांवों में जाने से कतरा रही है. आरक्षी उप महानिरीक्षक एम.वी. होमकर ने बताया कि कसूरवार कोई भी हो, उसे छोड़ा नहीं जायेगा. पूरे मामले के अनुसंधान के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है.
खूंटी के आरक्षी अधीक्षक ए.के. सिन्हा की अगुवाई में छापामारी की जा रही है. इस घटना के आरोपी फादर एवं दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. अभी तक के अनुसंधान से जो बातें सामने आयी है, उससे यह साफ है कि षड्यंत्र के तहत कोचांग बुलाया गया था और इस घटना के पत्थलगड़ी समर्थकों का साथ उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के उग्रवादियों ने भी दिया है. उन्होंने यह स्वीकार किया कि नुक्कड़ नाटक में जो पंफलेट का वितरण किया जाता था, उसमें पत्थलगड़ी के विरोध में भी जागरूकता लाने की बातें लिखी रहती थी. उन्होंने आशंंका व्यक्त की कि इसी बात को लेकर पत्थलगड़ी समर्थकों ने गांव में बुलाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. यह पूछे जाने पर कि पुलिस ने इस घटना को छुपाने की क्यों कोशिश की तो उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस सक्रिय हुई और त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
राजनीतिक बयानबाज़ी
इधर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि यह घटना शर्मसार करने वाली है. अपराधियों के साथ-साथ घटना पर पर्दा डालने वालों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. पहले नक्सली इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते थे, पर अब पत्थलगड़ी के नाम पर समाज विरोधी काम करने वाले ऐसी हरकत कर रहे हैं, अपने ही आदिवासी एवं राज्य की बहन-बेटी का इज्जत लूटने का काम कर रहे हैं. विधानसभा में विरोधी दल के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि पूरे राज्य में अराजकता का माहौल कायम है, विधि-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है. आये दिन हत्याएं और दुष्कर्म की घटनाएं घट रही है और इस सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने तो पूरे राज्य के साथ ही देश को शर्मसार कर दिया है.
फिर भी हमारे मुख्यमंत्री बहुत ही बेशर्मी से यह कह रहे हैं कि राज्य में विकास तेजी से हो रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से तुरंत इस्तीफे की मांग की. पुलिस को पत्थलगड़ी समर्थकों का खौफ इतना ज्यादा है कि वह मुख्यालय में बैठकर केवल छापामारी करने की ही योजना बना रही है, जबकि मुख्य अभियुक्त खुलेआम गांव में घूम रहे हैं और अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे हैं. अब भी अगर सरकार नहीं जागी और सख्त कदम नहीं उठाये तो स्थिति कुछ दिनों के बाद इतनी भयावह हो जायेगी कि संभालना मुश्किल होगा.
बलात्कारी को फादर ने भेजा था
पीड़िता का बयान रिकार्ड कर खूंटी के महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है. इसके अनुसार पीड़िता नाटक मंडली में कलाकार के रुप में काम करती है. वह 19 जून को नुक्कड़ नाटक की टीम के साथ आशाकिरण संस्था द्वारा बुलाये जाने पर मुरहू बाजारटांड़ पहुंचे. वहां पहले से प्रोग्राम तय था. वहां कार्यक्रम शुरू होने के थोड़ी देर बाद दोनों सिस्टर आर.सी. मिशन चर्च द्वारा संचालित स्कूल चली गयी. इसके बाद सिस्टर और ड्राइवर के कहने पर सभी लोग कार्यक्रम के लिए स्कूल पहुंचे. वहां चार युवक पहुंचे और फादर ने युवतियों को इनके साथ दो घंटे के लिए जाने को कहा. लड़कियों ने फादर से अनुरोध किया कि इन्हें लड़कों के साथ नहीं भेजा जाए. लेकिन लड़कों ने नाटक मंडली की गाड़ी की चाबी ले ली. मोबाईन फोन भी छीन लिए. इसके बाद युवतियों को लेकर जंगल पहुंचे, जहां हथियार के बल पर इनके कपड़े उतरवाये गये. इनका फोटो खींचा और वीडियो बनाया.
एक युवक रखवाली कर रहा था. जबकि दो युवकों ने युवतियों से बारी-बारी से रेप किया. गाली-गलौज की और टॉर्चर भी किया. पीड़ित महिला की शिकायत के अनुसार इनके साथ गये मर्द सदस्यों के साथ भी आरोपियों ने मारपीट की थी. महिला ने अपने बयान में यह भी कहा है कि जब इनका अपहरण कर ले जाया जा रहा था, तब आरोपी कह रहे थे कि तुम लोग पत्थलगड़ी का पर्चा बांटते हो और दीकू भाषा वालों की मदद कर रही हो. पुलिस की एजेंट हो. तुम लोगों को सबक सिखाना जरुरी है. घटना के बाद आरोपी युवक लड़कियों को लेकर फादर और सिस्टर के पास पहुंचे. तब फादर ने लड़कियों को समझाते हुए कहा कि इसकी सूचना कहीं नहीं देना, नहीं तो तुम्हारे मां-बाप का मर्डर हो जायेगा.
इसके बाद वहां से सभी लोग अपने-अपने घर लौट गये. संस्था ने युवतियों का कहीं उपचार भी नहीं करवाया. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस इनके पास पहुंची और इन्हें खूंटी सदर अस्पताल में भर्ती करवाया. युवती ने अपने बयान में दावा किया है कि चर्च के फादर अल्फोंस ने षड्यंत्र के तहत स्थानीय अपराधियों के साथ मिलकर लड़कियों का अपहरण कर गाली-गलौज और रेप की घटना को अंजाम दिलवाया है.