नई दिल्ली, (विनीत सिंह) : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री की मौत पर मद्रास हाई कोर्ट ने शक जताया है। जयललिता की मृत्यु पांच दिंसबर को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में हुई थी। जयललिता की मौत को लेकर जस्टिस वैद्यलिंगम ने कहा हाई कोर्ट जयललिता की मौत की जांच कराए जाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रहा था। उन्होंने यह भी कहा की मुझे भी जयललिता की मौत को लेकर संदेह है.
अदालत ने अपोलो अस्पताल से जयललिता की पूरी हेल्थ रिपोर्ट मांगी है। जिससे उनकी मृत्यु की गुत्थी सुलझाने में मदद मिल सके. जयललिता अपनी मृत्यु से पहले लगभाग दो महीने तक अपोलो अस्पताल में भर्ती रही थीं।
मृत्यु से एक दिन पहले जयललिता हार्ट अटैक आया था. उसी दिन दोपहर में पार्टी की तरफ से ये बाद कही गयी थी की जयललिता अब स्वस्थ हो चुकी है. उनकी मौत की सही टाइमिंग के बारे में भी काफी मतभेद देखने को मिला था. इस मामले को पूरी तरह से सुलझाने के लिए जांच शुरू कर दी गयी है. जयललिता की मौत की जांच संबंधी जनहित याचिका पर जस्टिस एस. वैद्यनाथन और जस्टिस पार्थिबान की वकेशन बेंच ने सुनवाई की।
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जयललिता की करीबी शशिकला नटराजन पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने राजनीतिक कारणों से जयललिता की बीमारी को लेकर कोई भी सूचना मीडिया तक नहीं आने दी। उम्मीद जताई जा रही है की अगर जरूरत पड़ी तो जयललिता की कब्र से उनके शव को भी निकल्वाया जा सकता है.