देश में फिल्म पद्मावती अभी रिलीज़ नहीं हो सकी है और इसकी वजह है फिल्म से जुड़ा हुआ विवाद, बता दे कि राजपूत संगठन इस फिल्म का जमकर विरोध कर रहे हैं, दरअसल राजपूतों का आरोप है कि पद्मावती फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने हमारे राजपूत इतिहास के साथ छेड़छाड़ की है और इसी वजह से देश भर में इस फिल्म का जमकर विरोध हो रहा है और अब लग रहा है कि यह फिल्म कभी रिलीज़ नहीं हो पाएगी.
बता दें की हाल ही में जब देश में इस फिल्म का विवाद चरम पर था तभी जयपुर के नाहरगढ़ किले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया. दरअसल नाहरगढ़ किले की दीवार पर एक शख्स की लाश फंदे से लटकती हुई मिली थी और नीचे पड़े हुए पत्थरों पर लिखा था पद्मावती. इस शख्स की लाश को लेकर दावा किया जा रहा था कि किसी ने इसे मारकर फिर फंदे से लटकाया है और फिर हत्यारा पत्थरों पर लिखकर यहाँ से फरार हो गया, लेकिन अब शख्स की मौत पर FSL की रिपोर्ट आ गई है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक़ मृतक चेतन सैनी की हत्या नहीं की गई थी, बल्कि उसने आत्महत्या की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि चेतन सैनी की लाश के पास किसी दूसरे व्यक्ति के आने का सबूत नहीं मिला है. फोरेंसिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चेतन सैनी की लाश के इर्द-गिर्द पत्थरों पर फिल्म और ऐतिहासिक पात्र पद्मावती से जोड़कर लिखे गए नारे खुद चेतन की हैंडराइटिंग में ही थे. फोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, पत्थरों पर लिखे मिले सांप्रदायिक उन्माद के नारों की हैंडराइटिंग चेतन की डायरी में दर्ज हैंडराइटिंग से मिल रही है.
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इतना ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पत्थरों पर लिखे नारे फ्री हैंडराइटिंग हैं, मतलब किसी ने जबरन नहीं लिखवाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब किसी से कोई चीज जबरन लिखवाई जाती है तो उसका हाथ कांपता है. ऐसे में व्यक्ति की मूल हैंडराइटिंग से वह थोड़ा बदल जाती है. इस रिपोर्ट के बाद अब खुलासा हो गया है कि चेतन ने अपने होश में आत्महत्या कर ली थी. इस मौत ने पूरे देश को सन्न कर के रख दिया था और मृतक की पत्नी का आरोप था कि उसके पति की हत्या की गयी है.