विनीत कुमार
रिपब्लिक टीवी की मीडियाकर्मी Shantasree Sarkar ने आज सार्वजनिक तौर पर लिखा है कि पत्रकारिता के नाम पर चैनल में जो कुछ भी चल रहा है, वो अब उसके लिए बर्दाश्त से बाहर है. वो लिखती हैं कि रिपब्लिक टीवी में पत्रकारिता मर गयी. इससे पहले मैंने जितनी भी स्टोरी की, उस पर मुझे फख़्र है लेकिन अब जब बात अपनी नैतिकता को ताक पर रख देने की है तो ये सब मुझसे नहीं हो पाएगा. एक स्त्री पर लगातार लांछन लगाए जाने और अपनी ज़मीर के बीच चुनाव करना हो तो मैं दूसरा विकल्प चुनना पसंद करूंगी.
शान्ताश्री सरकार की ट्वीट
I was taught #journalism to unearth truth. In #shushant case, I was asked to take out details of everything but not truth. As I investigated, sources close to both families agreed #Sushant was suffering from depression. Ofcourse it didn't suit #Republic agenda.
— Shantasree Sarkar (@sarkarshanta) September 8, 2020
हम सब जानते हैं कि पिछले दिनों रिपब्लिक टीवी के मीडियाकर्मी तेजिंदर सिंह सोढ़ी ने सार्वजनिक तौर पर चिठ्ठी लिखते हुए उन्होंने चैनल से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने चैनल प्रमुख अर्णब गोस्वामी पर आरोप लगाया कि टीआरपी के लिए उनसे उल्टे-सीधे काम करने के लिए कहा गया, नहीं करने पर वो नाराज़ हुए. उनकी पूरी स्टोरी न्यूजलॉन्ड्री और मीडियाविजिल में विस्तार से पढ़ी जा सकती है.
ऐसे दौर में जबकि बाकी क्षेत्र के साथ-साथ कॉर्पोरेट मीडिया में नौकरी मिलनी बेहद मुश्किल है, Shantasree Sarkar जैसे लोग अपनी ज़मीर की आवाज़ सुनते हुए नौकरी छोड़ रहे हैं, ये बड़ी बात है. हमें उम्मीद करनी चाहिए कि इस देश में पत्रकारिता इतनी जल्दी ख़त्म नहीं होगी.
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