बुज़ुर्गो, खासकर मजहबी रहनुमाओं और विद्वानों से मुलाकात कर एक नई ऊर्जा का संचार होता है। उनकी संगत, सोहबत और साथ बैठना सुकून भी देता है और कुछ नया सीखने का मौका भी। व्यस्तता के कारण इतना वक्त नहीं मिल पाता कि सबसे मिलने के लिए अलग से समय निकाला जा सके, लेकिन जब भी ऐसा मौका मिलता है, उसको छोड़ने की गलती नहीं करता। अपने कार्यकाल में इन लोगों के लिए कुछ कर सकूं, यह मेरा सौभाग्य होगा।

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल ने यह बात कही। शुक्रवार को उनके कार्यालय में काजी-ए-शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी, मुफ्ती अबूल कलाम, नायब शहर काजी सैयद बाबर अली आदि उलेमा सौहार्द्र मुलाकात के लिए पहुंचे थे। इस दौरान मसाजिद कमेटी के प्रभारी सचिव यासिर अराफात और एडवोकेट फैजान खान भी मौजूद थे। उलेमाओं ने मंत्री पटेल को एक प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

इस मौके पर उन्होंने ईमाम-मुअज्जिन की लंबे समय से रुकी हुई तनख्वाह जारी करने पर शुक्रिया भी अदा किया। इस दौरान मसाजिद कमेटी सचिव यासिर अराफात ने तनख्वाह मिलने से बाकी रहे ईमाम-मुअज्जिन के लिए जल्दी अनुदान जारी करने का निवेदन पटेल से किया। मंत्री ने आश्वस्त किया कि इस काम को वे शीघ्रता से पूरा करवाएंगे। उन्होंने कहा कि ईमाम-मुअज्जिन हमारे समाज का आईना हैं, इनको किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

पुरानी कमेटी से होगी वसूली

बिना अधिकार के कई महीने तक पदों पर बने रहे पिछली कमेटी के ओहदेदारों से वेतन, भत्ते आदि की वसूली के निर्देश मंत्री पटेल ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली कमेटी का कार्यकाल उसी समय हो गया था, जब प्रदेश में सत्ता बदलाव हुआ था, लेकिन कमेटी के ओहदेदार अपने पदों पर बने भी रहे और इस दौरान बाकायदा वेतन, भत्ते आदि भी कमेटी से वसूल करते रहे। गौरतलब है कि मसाजिद कमेटी के सचिव एसएम सलमान कमेटी भंग करने के आदेश के खिलाफ अदालत की शरण में पहुंचे हैं। जिस पर गुरूवार को सुनवाई हुई है, जिसके बाद मामले में अगली सुनवाई के लिए 10 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई है।

इदारों से हो बेहतर काम, समाज का हो भला

मंत्री रामखेलावन पटेल ने खाली पड़े मुस्लिम इदारों के लिए चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अब निगम-मंडलों की नियुक्ति के रास्ते खुलने लगे हैं। इसी दौर में मप्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग, मप्र वक्फ बोर्ड, प्रदेश हज कमेटी, मसाजिद कमेटी आदि की नियुक्तियां भी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की मंशा है कि इन मुस्लिम इदारों से बेहतर काम हों और इनसे होने वाली आमदनी को इस सीमा तक बढ़ाया जाए कि यहां से कौम की भलाई के लिए कुछ बड़े काम हो सकें।

उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड से होने वाली आमदनी से गरीब और जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई के लिए रास्ते निकालने की योजना तैयार की जा रही है। प्रदेश के हाजियों को आने वाली मुश्किलों को आसान करने के लिए भी कार्ययोजना बनाई जा रही है। साथ ही अल्पसंख्यक आयोग से लोगों को अपनी मुश्किलों का उचित निराकरण मिल सके, इसके प्रयास किए जा रहे हैं।

खान अशु

भोपाल।

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