13 अक्तूबर को बंगला देश में कोमील्ला के पास चांदपूर नाम की जगह दुर्गा पूजा के समय दंगा हो गया है  ! वजह क्या थी  ? दुर्गा पूजा के पंडाल में मूर्तियो के बीच कुरान शरीफ की कापी रखने का कारनामा सुजाननगर एरिया के इकबाल हुसैन और उसके दो साथियों का एक फयाज और दुसरे का नाम इकराम हुसैन बताया जा रहा है  ! इनकी पहचान पंडाल में लगे सीसी टीवी फुटेज के कारण हुई है  !

लेकिन उसके पहले 13 अक्तूबर से 17 अक्तूबर तक पुरे बंगला देश में हिंदुओं के खिलाफ जो हिंसा हुई वह बंगला देश जमाते इस्लामी जोके 1971 के बंगला देश बनने के सख्त खिलाफ संगठनों मेसे एक है और 71 के युद्ध में यह संगठन पाकिस्तानी सेना के लिए बंगला देश हिंदू समाज के महिला और ढाका विश्वविद्यालय के हजारों बुद्धिजीवियों की हत्या करने में शामिल संगठन रहा है अभी कुछ दिन पहले ही इस संगठन के बुजुर्ग नेता को उन गुनाहो के लिए शेख हसीना वाजेद सत्ता में आने के बाद फाँसी की सजा दी है और उसके बावजूद यह संगठन बंगला देश में सक्रिय हैं और लगातार हिंदुओं के खिलाफ जो हिंसा हुई वह बंगला देश जमाते इस्लामी की शह पर हुई है और इस लिए मेरी भारत के जमाते इस्लामी से विनम्र निवेदन है कि वह अपने बंगला देश और पाकिस्तान और कश्मीरी जमाते इस्लामी से अपील करे की बंगला देश और पाकिस्तान से भी ज्यादा संख्या में मुसलमानों की संख्या भारत में रह रही है और यह भारत के हिंदू सांप्रदायिक संगठनों को उकसाने के लिए बहुत बड़ा कारण हो सकता है  !

 

अन्यथा भारत के हिंदू सांप्रदायिक संगठनों को और कोई दूसरा काम नहीं है  ! सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों की प्रतिक्रिया मे अपनी हिंदू सांप्रदायिक राजनीति करने का एक और मौका देने की बात है  ! और मैंने पुनः-पुनः लीखा-बोला है कि भारतीय उपमहाद्वीप,भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में सांप्रदायिक संगठनों की सौ साल से भी ज्यादा समय हो रहा एक तरह से मिलीं भगत रही है और ढाका के नवाब ने 1906 में शुरू किया मुस्लिम लिग के साथ हिंदू महासभा मुख्यतः श्यामाप्रसाद मुखर्जी और उसके नेता विनायक दामोदर सावरकर की मिलीभगत जगजाहीर है  ! बंगाल से लेकर सिंध प्रांत तक 1942 के आंदोलन के समय कांग्रेस और समाजवादी जेलो में बंद थे और लिग के साथ हिंदू महासभा की मिली-जुली सरकारें कायम थी  ! जब कि 23 मार्च 1940 का पाकिस्तान की निर्मिती का प्रस्ताव पारित होने के बाद ही हिंदू महासभा और मुस्लिम लिग की सरकारोंका बनने का इतिहास रहते हुए अकेले महात्मा गांधी को बटवारे का दोषी करार देना कम-से-कम विनायक दामोदर सावरकर की पहल से ही मुस्लिम लिग के साथ हिंदू महासभा की मिली-जुली सरकारें बनने का इतिहास रहते हुए चोर को छोड़ सन्यासी को फांसी देने की बात लगती है और  !
सौ साल से भी ज्यादा समय हो रहा है और संपूर्ण उपमहाद्वीप के सांप्रदायिक संगठनों की राजनीतिक गतिविधियाँ सिर्फ और सिर्फ सांप्रदायिक राजनीति करने के अलावा और कुछ नहीं है  ! आज भी पाकिस्तान में बेतहाशा गैरबराबरी बदस्तूर जारी है सौ से भी ज्यादा किलोमीटर के हिसाब से जमिनदारोकी जमिनोके रहते हुए पाकिस्तान जमाते इस्लामी ने शायद ही कोई जीतने वाले की जमीन या बेरोजगारी, महंगाई तथा आम जनता के सवालों को लेकर कोई आंदोलन किया हो  ! वही बात बंगला देश जमाते इस्लामी की भी है  ! हालाँकि इनके संस्थापक मौलाना मौदुदी औरंगाबाद (महाराष्ट्र) के पैदा हुए मौलाना रहे हैं और दारूल उलूम और दारूल इस्लाम के प्रवचन देते-देतेपाकिस्तान पहुंच गए मैंने कराची में उनके मजार पर एक कार्यक्रम में जाने का मौका मिला तो यह बात बोला हूँ  !
कोमील्ला चांदपूर की कुरान शरीफ की कापी रखने का कारनामा देखकर कुछ साल पहले दिग्रस (महाराष्ट्र के यवतमाल जिले का कस्बा) की घटना याद आ रही है  ! वहां पर भी हिंदू-मुस्लिमदंगे के बाद मुझे दिग्रस के लोगों ने तहकीकात करने के लिए बुलाया था और मैंने तहकीकात के बाद लोकल पुलिस स्टेशन को भी भेंट दिया है और स्टेशन इंचार्ज से मौके पर मिले कुरान शरीफ की कापी मुझे दिखाने के लिए कहा  ! पहले तो वह आनाकानी कर रहे थे मैंने कहा कि हो सकता मुझे कापी दिखाने के बाद आज जो अलग-अलगअफवाहो का माहौल बना हुआ है शायद कुछ कम हो  तो स्टेशन इंचार्ज ने डरते हुए लाल कपडे में लपेटकर रखी हुई कुरान शरीफ की कापी मालखाने से निकाल कर मुझे दिखाने के लिए कपड़े को अलग किया और कापी को खोलने के बाद पहले ही पन्ने पर लिखा था कि फलाने अब्बा और अम्मीजान की याद में इस-इस मदरसेको भेट स्वरूप यह कुरआन शरीफ़ की कापी हमारे तरफ से दी जा रहीं हैं  ! तो मैंने कहा कि अगर आप खुद यह तथ्य लोगों को बोलोगे तो अच्छा होगा अन्यथा मै बोलता हूँ  ! और सबसे अच्छी बात है कि शिवाजी बोडखे नाम के एस पी सर्किट हाउस में मुझे मिल गये और आगे की कार्यवाही उन्होंने की  ! और दिग्रस, दारव्हा और पूसद तीनों शहरों में कुछ दिन से जारी तनाव कम करने के लिए यह बात कारगर साबित हुई है  !

मै वर्तमान समय में बंगला देश की अवामी पार्टी और मुख्य रूप से बंगला देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद को धन्यवाद देना चाहूँगा कि उन्होंने तेरह तारीख की घटना के बाद तुरंत ही एलान कर दिया था कि हम इस घटना के पीछे कौन तत्व है वह उजागर करने के बाद कडी से कडी सजा देंगे और एक सप्ताह के भीतर पंडाल के सीसी टीवी फुटेज के कारण गुनाहगारोंकी पहचान कर ली गई है  ! अब मेरी मांग है कि इसके पिछेसे कौन संगठनों का हाथ है वह ढूंढ कर उनके उपर सक्त कारवाई करना जरूरी है क्योंकि बंगला देश की आजादी से लेकर आज भी बंगला देश के हालात बिगाड़ने वाले तत्वों को बिल्कुल भी छोडना नहीं चाहिए  !
भारत के हिंदू सांप्रदायिक संगठनोंको भी आजादी के बाद अगर नकेल कसी हुई होती तो आज घोर सांप्रदायिक दल सत्ता में नहीं होता  ! कांग्रेस 1885 से ही सांप्रदायिक तत्वोंको लेकर चलने की वजह है कि आज बीजेपी को सत्ता में आने का मौका मिला है  ! पंडित मदन मोहन मालवीय हिंदू महासभा और कांग्रेसी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की नींव रखने के साथ ही आर एस एस के लिए दो एकड़ जमीन विश्वविद्यालय परिसर में एलाट करने वाले और आज की भी कांग्रेस में क्या कम संघी है  ? आयोध्या के बाबरी मसजिद में रात्रि को 1949 के दिन राम मूर्ति रखने का कारनामा पंडित गोविन्द वल्लभ पंत के कार्यकाल में हुआ है और पंडित नेहरू के पत्रों की अनदेखी कर के मंदिर के लिए मार्ग प्रशस्त करने वाले और 6 दिसम्बर 1992 के दिन तत्कालीनप्रधानमंत्री नरसिंह राव की अकर्मण्यता भी बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेदार है और 136 साल पुरानी कांग्रेस के इस तरह के चरित्र के कारण ही भारत की हिंदू सांप्रदायिक संगठनों को उकसाने के लिए बहुत ही अनुकूल वातावरण मिला है और श्रीमती इंदिरा गाँधी के समय एकनाथ रानाडे और निर्मला देशपांडे जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है  ! और इस तरह के इतिहास मे की और भी बहुत सारे सवाल हैं जो कि भारतीय उपमहाद्वीपके सांप्रदायिक राजनीति करने का कारक तत्व रहे हैं  ! आजसे बत्तीस साल पहले बिहार के भागलपुर दंगे को 24 अक्तूबर से भारत के स्वाधीनता के बाद सबसे बड़ा दंगा हुआ था  ! क्या भारतीय उपमहाद्वीप में त्योहारों के समय अक्सर दंगे करने की परंपरा कभी रूकने वाली है  ?

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