लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने अंग्रेजों को यही सवाल अपने मराठी अखबर केसरी के संपादकीय संबोधन में यही सवाल किया था कि सरकारचे डोके ठिकाणावर आहे का?)
ग्रेटा थनबर्ग के किसान आंदोलन पर ट्विटर प्रतिक्रिया के लिए बंगलूरू की 21 वर्षीय बेटी दिशा रवि को हिरासत में लेने की कृति सचमुच सरकार के दिमाग के दिवालिया पन की बात है ! कि अपने अन्नदाताओके भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे लंबे समय से चल रहे आंदोलन की अनदेखी कर के खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे कहावत के जैसे इस तरह के हास्यास्पद कृति कर रहे हैं और वह भी भारत के खिलाफ सामाजिक,सास्कृतिक,और आर्थिक युद्ध करने के जुर्म में !
गत पावने सात साल से जो सरकार खुद ही इन सब गुनाहो के लिए जिम्मेदार है और वह यही आरोप एक इक्कीस साल की लड़की के मथ्थे मढकर मुक्त होना चाहती है ?
नोटबंदी से लेकर रिजर्व बैंक से लेकर देश की महत्वपूर्ण बैंकों के कामकाज में सरकार ने खुद बेवजह और रिजर्व बैंक के इतिहास में पहली बार हस्तक्षेप करने काम क्या आर्थिक विकास के लिए था या वह सीधा हमारे देश की सबसे महत्वपूर्ण बैंक के उपर अपने पद का दुरुपयोग कर के डाका डालने का काम था ?
तथाकथित नोटबंदी से एक रूपये का भी काले धन के आने की बात तो दूर लेकिन कितने लोग मरे हैं ? और सबसे संगीन बात मझोले उद्योगों की कमर तोडने के गुनाहगार कौन है ? यह भी देश के सबसे बड़े आर्थिक,औद्योगिक अपराध में नहीं आता है ? हर साल दो करोड़ रोजगारों को देने का वादा किया था और नोटबंदी की वजहों से ही लाखों लोगों को बेरोजगार करने के लिए विशेष रूप से कौन अपराधी हैं ?
और सबसे अहम बात देश की सामाजिक एकता के लिए खतरे की ! जिस रजनितिक दलने सिर्फ और सिर्फ देश के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने का काम करने के लिए विशेष रूप से अपने आप को गत तीस साल से भी ज्यादा समय से तथाकथित मंदिर-मस्जिद की लडाई शुरू करते हुए आज भारत के सत्ता सम्हलने का काम किया है ! और वह एक इक्कीस साल की लड़की के मथ्थे मढकर मुक्त होना चाहती है ?
आजसे दो सप्ताह बाद गुजरात के दंगे को उन्नीस साल होने जा रहे हैं और उस समय वर्तमान प्रधानमंत्री गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कौन-सा सामाजिक ताने-बाने को बचाने का काम किया है ? अपनी छप्पन इंची छाती का इस्तेमाल कितने बेगुनाहो की जान लेकर किया है और? यह बात आजही निधन हुए जिस 91 साल के पूर्व न्यायाधीश श्री सावंत जी और जस्टिस कृष्णा अय्यर के नेतृत्व में क्राईम अगेंस्ट हुमानीटी नामसे प्रकाशित जाँच रिपोर्ट से संपूर्ण विश्व की जानकारी मे है ! और उसी कारण अमेरिका से लेकर विश्व के कितने देशोकी सरकारोने अपने अपने देश में इन्हें आने के लिए विसा पर पाबंदी लगा दी थी ! यह बात सभी को मालूम है ! अमेरिका के विसा बंदी के ऑर्डर पर वर्तमान राष्ट्रपति जब उपराष्ट्रपति पद पर रहे हैं तब उनके ही हस्ताक्षर से वह पाबंदी लगा दी थी !

पावने सात साल से गोहत्या से लेकर लव-जेहाद तथाकथित नागरिकता कानून को लागू करने की कृति देश की एकता-अखंडता के लिए उपयोगी साबित हो रही है ? शेकडो की संख्या में लोगों को तथाकथित गोमांस के संशय के आधार पर भारत में इसके पहले कभी भी नहीं हुई है ऐसी माॅबलिंचिग की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को अबतक क्या कार्रवाई हो रही है ? और अब लव-जेहाद शब्द की आडमे आप के दलके कितने राज्य सरकारों ने भारत के संविधान के विरुद्ध जाकर कानून बनाने की बात कौनसे सामाजिक सद्भाव के लिए मददगार साबित हो रहे हैं ? उल्टा आयें दिन नवपरिणीत जोडोको सताने और कहा कहा तो मारे जाने की खबर आ रही है ! और लगभग सभी कोर्ट लव-जेहाद शब्द की आडमे आप के दलके सरकारों को फटकारा है ! लेकिन मुझे याद नहीं है कि आप ने या केंद्र सरकार के गृहमंत्री ने इस पर किसी सरकार को टोका है !

कौनसे सामाजिक सद्भाव के लिए मददगार साबित हो रहे हो ? और इसके अपराधीओ के उपर क्या कार्रवाई हो रही है ? और इससे भारत जैसे विभिन्न जातियों और संस्कृति के देश में इस तरह के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने का काम करने वाले लोगों के उपर अबतक क्या कार्रवाई हो रही है ?
उल्टा विश्वविद्यालयों से लेकर देश की महत्वपूर्ण संस्थाओं मे आजसे नब्बे साल पहले के जर्मनी की तर्ज पर संघी गुंडे पुलिसके भेस में गेस्टापो की तरह जेएनयू,जामिया,अलिगढ,विश्वभारती शांतिनिकेतन,हैदराबाद की सेंट्रल यूनिवर्सिटी से लेकर मद्रास आई आईटी मे जो हिंसा किये है जिसमें रोहित वेमुला से लेकर नजीब जैसे प्रतिभाशाली छात्रों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है ? और उनके ऊपर अबतक क्या कार्रवाई हुई है ?
डिजिटलीकरण की रट लगाते हुए प्रधानमंत्री जी को मालूम होना चाहिए कि आज की तारीख में जानकारी हासिल करने के लिए किसी एक लडकी को जिम्मेदार ठहराने जैसी बचकानापन की हरकतों से सरकार ने बाज आना चाहिए ! क्योंकी कुछ चंद क्लासिफाईड बातोको छोड़ कर कुछ भी गोपनीय दस्तावेज बचे नहीं है ! जुलियस असांज नाम के अमेरिकी डिजिटल मीडिया के विशेषज्ञ ने जगजाहीर कर दिया है कि आज की तारीख में विश्व के सभी देशों के राष्ट्र्प्रमुख अमेरिकी सर्विलांस एजेंसी के अंतर्गत बारह महीनों चौबीस घंटों निगरानी में हैं !

और सबसे हैरानी की बात नरेंद्र मोदी जी भारत के इतिहास में पहली बार थाइलैंड की प्रायवेट एजेंसी को 2007 मे ही गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सायबर सेल बनाने की शुरुआत की है और अब वह भी एक लाख से भी अधिक संख्या में जिसे स्वाति चतुर्वेदी ने अपने आई एम ए ट्रोल नाम की किताब मे सेफ्रोन डिजिटल आर्मी शब्द का इस्तेमाल करते हुए इस डिजिटल आर्मी के द्वारा विरोधीदल के नेताओसे लेकर जो पत्रकार स्वतंत्र रूप से काम करते हुए वर्तमान सरकार की गलतीयो को बताने का काम कर रहे हैं ऐसे राजदिप सरदेसाई,बरखा दत्त खुद स्वाति चतुर्वेदी रवीशकुमार,विनोद दुआ,निखिल वागले जैसे लोगों को इस सेफ्रोन डिजिटल आर्मी के द्वारा कितने गंदे शब्दों में और पोर्नोग्राफिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए किस तरह से आये दिन ट्रोलींग का सामना करना पड़ता है और इन ट्रोलींग करने वाले लोगों को खुद वर्तमान प्रधानमंत्री फाॅलो करते हैं ! और यह बात स्वाति चतुर्वेदी ने अपने आई एम ए ट्रोल नाम की किताब मे फोटो और उनके ट्रोल करने के संदेश के लिए लिंक के उदाहरण के साथ दिया है और एक इक्कीस साल की लड़की के पीछे भारत की सुरक्षा से लेकर सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने का काम करने के और आर्थिक गुनाहगारी के संगीन आरोप लगाकर उसे गिरफ्तार करती है ?

और वह भी एक पचहत्तर दिवस से भी ज्यादा समय और जिस देश की ग्रेटा थनबर्ग आती है उसके देश की जनसंख्या से भी ज्यादा लोगों के आंदोलन के उपर टिप्पणी करना ऐसा कौनसे गुनाहगार कानूनों मे आता है ? आप बलूचिस्तान से लेकर दुनिया भर की बातोपर टिप्पणियाँ करते रहते हुए तब आप लोगों को दुसरे देश के अंतर्गत मामलो में दखलंदाजी नहीं लगती है ?
मैंने खुद डोनाल्ड ट्रंप के और उसके भी पहले की विएतनाम युद्ध से लेकर इराक तक अमेरिका के आक्रमण के खिलाफ शेकडो बार लिखा बोला है ! और आज भी इसीस को पुष्ट करने वाले लोगों की आलोचना करते रहता हूँ ! और आगे भी किसी भी अन्याय के खिलाफ लिखने बोलते हुए अपने अभिव्यक्तियों को अभिव्यक्त करने की कसम खा रखी है और मरते दम तक उसे निभाने की कोशिश करूंगा !
डॉ सुरेश खैरनार 15 फरवरी 2021,नागपुर

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