केंद्र में भारी बहुमत से सरकार बनाने के बाद अब विधानसभा चुनावों में भी अजेय बनती जा रही भारतीय जनता पार्टी ने तमाम विपक्षी दलों को 2019 के लिए चिंतित कर दिया है. गठबंधन के बाद भी चारो खाने चीत हुई कांग्रेस खुद इस हालत में है नहीं कि क्षेत्रीय दलों को अपने पीछे खड़ी कर सके.
इसलिए क्षेत्रीय क्षत्रप अभी से अपना-अपना दाव चलने लगे हैं. इसी कड़ी में नीतीश कुमार का नाम सबसे मजबूती के साथ आगे आ रहा है. नीतीश कुमार अभी अपने समाजवादी कुनबे के सबसे मजबूत नेता बने हुए हैं.
आए दिन जदयू नेताओं के ऐसे बयान सुनने को मिल रहे हैं, जिसमें नीतीश को 2019 के लिए विपक्ष का चेहरा बनाए जाने की बात कही जा रही है. इशारों-इशारों में ही ये कहा जा रहा है कि नीतीश के नेतृत्व में सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतें एक हों.
इसी कड़ी में जदयू प्रवक्ता भारती मेहता ने मंगलवार को कहा कि जदयू चीफ नीतीश कुमार पूरे देश में प्रगतिशील और दूरदर्शी नेता के तौर पर सभी को स्वीकार्य हैं. जदयू के ही एक अन्य नेता नीरज कुमार ने भी कल कहा था कि नीतीश कुमार मौजूदा स्थिति में बीजेपी के खिलाफ खड़ा होने के लिए सबसे विश्वसनीय और बेहतर चेहरा हैं.
भारती मेहता ने तो तमाम कारण भी गिना दिए कि कैसे नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के योग्य हैं. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए कई फैसले लिए. साथ ही सिविक बॉडी में महिलाओं के लिए आरक्षण का फैसला किया और सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की.
लड़कियों को स्कूल से जोड़ने के लिए साइकल योजना की शुरुआत की. उन्होंने सात निश्चय के जरिए राज्य में विकास का खाका खींचा. इसलिए सभी धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी ताकतों को एक होकर नीतीश को पीएम को तौर पर प्रॉजेक्ट करना चाहिए्.
हालांकि इन जदयू नेताओं को इनके अपने ही गठबंधन सहयोगियों का साथ नहीं मिल रहा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने का इस मामले में कहना है कि अभी इसपर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
उधर भाजपा कह रही है कि नीतीश के लिए प्रधानमंत्री का पद कभी ना पूरा होने वाले सपने जैसा है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने बुधवार को कहा कि नीतीश सात जन्मों तक भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं.
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