कहा जा रहा है कि भाजपा ने लोजपा को रामविलास पासवान के लिए असम से राज्यसभा सीट देने का वादा कर दिया है. इस वादे की सार्वजनिक घोषणा होनी अभी बाकी है पर चुनावी जोड़-तोड़ के जानकार मानते हैं कि भाजपा के लिए राज्यसभा की सीट रामविलास पासवान को देना आसान नहीं होगा. गौरतलब है कि 14 जून 2019 को असम से राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं. यहां चुनावों के लिए नामांकन मई के अंतिम सप्ताह या फिर जून में होने की संभावना है.
इन सीटों से अभी एस कुजरू और मनमोहन सिंह सदस्य हैं. असम में भाजपा की सरकार है इसलिए वहां से राज्यसभा के लिए किसी को भेजना पार्टी के लिए आसान है. लेकिन जानकार बताते हैं कि देश में अप्रैल 2019 से मतदान का दौर भी शुरू हो जाऐगा और 27 मई से पहले नई सरकार का गठन हो जाना है. इसलिए भाजपा अभी मामला टालने के लिए कुछ भी कहे लेकिन राज्यसभा की सीट वह किसे देगी इसका फैसला आम चुनावों के नतीजे के बाद ही करेगी.
अमित शाह के सामने पहले ही भाजपा के कई बड़े नेताओं को एडजस्ट करने की चुनौती है. सुषमा स्वराज और उमा भारती ने पहले ही कह दिया है कि अब वह चुनाव नहीं लड़ेगीं. यदि भाजपा के कुछ और नेताओं के रिजल्ट में लोचा हो गया तो उन्हें भी एडजस्ट करने का सवाल पैदा हो जाएगा. यह तय है कि भाजपा पहले अपनी पार्टी के दिग्गजों को प्राथमिकता देगी और बाद में किसी और को. लिहाजा ऐसी सूरत में राज्यसभा के लिए रामविलास पासवान का सफर इतना आसान नहीं होगा. लोजपा भी इन सच्चाइयों को समझ रही है इसलिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है.