पाकिस्तान में इमरान खान के पीएम बनने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में एक नई सुगबुगाहट शुरू हो गइ है और वो अब साफ तौर पर दिखने भी लगी है. अगले हफ्ते संभव है कि दोनो देशों के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक हो और रिश्तों को नई दिशा देने की कोशिश भी हो.
बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अगले हफ्ते अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र की सालाना बैठक में हिस्सा लेने वाले है. इस दौरान दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के विदेश मंत्रियो की अलग से बैठक होगी जिसमें स्वराज व कुरैशी भी शिरकत करेंगे.
सूत्रों ने सार्क विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली बैठक की पुष्टि की है. वहीं स्वराज व कुरैशी के बीच होने वाली द्विपक्षीय बैठक की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है लेकिन इस बात से इन्कार भी नहीं किया गया है कि इनके बीच मुलाकात की कोशिश चल रही है. स्वराज 24 सितंबर को अमेरिका के लिए रवाना होंगी. जबकि संयुक्त राष्ट्र में उनका भाषण 29 सितंबर को है.
संभवत: कुरैशी से उनकी मुलाकात 26 सितंबर को होगी. सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक 27 सितंबर को तय है. स्वराज और कुरैशी के बीच होने वाली मुलाकात से ही सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक का एजेंडा भी तय होगा. अगर भारत व पाकिस्तान के बीच सार्क की आगामी बैठक को लेकर सहमति बन जाती है तो इस बारे में सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक में अंतिम फैसला हो सकता है.
सार्क शिखर सम्मेलन वर्ष 2016 में पाकिस्तान में होना था लेकिन भारत में कई आतंकी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका को देखते हुए भारत समेत दूसरे कई देशों ने इसका बॉयकाट कर दिया था. वहीं देखा जाए तो पाकिस्तान के नए पीएम इमरान खान सार्क की शिखर बैठक नए सिरे से आयोजित कराने की कोशिश कर रहे हैं. माना जा रहा है कि सार्क बैठक को लेकर भारत का रुख थोड़ा नरम हुआ है.
वहीं देखा जाए तो किस तरह से पाकिस्तान के पूरी तरह से चीन के पाले में जाने की संभावना को लेकर भारत और अमेरिका में चिंता है. यह एक वजह है कि इमरान खान को बधाई देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने जो पत्र लिखा थे उसमें पाकिस्तान के साथ हर मुद्दे पर सकारात्मक व रचनात्मक वार्ता शुरु करने की उन्होनें बात कही थी.